Birthday Special: बालीवुड के रिबेल स्टार थे शम्मी कपूर, जानें उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें

10/21/2018 12:46:04 AM

मुंबईः बॉलीवुड में शम्मी कपूर ऐसे अभिनेता रहे हैं जिन्होंने उमंग और उत्साह के भाव को बड़े परदे पर बेहद रोमांटिक अंदाज में पेश किया। जीवन की मस्ती को अपने किरदार में जीवंत करने वाले शम्मी कपूर की फिल्मों पर नजर डालने पर पता चलता है कि उन पर फिल्माएं गीतों में गायकी, संगीत संयोजन और गीत के बोलों में मस्ती की भावना पिरोई रहती थी। बार बार देखो हजार बार देखो और चाहे मुझे कोई जंगली कहे..जैसे गीतों से आज भी उनकी बागी छवि की तस्वीर सिनेप्रेमियों के जहन में उतर आती हैं। 

शम्मी कपूर से जुडी रोचक बातें


PunjabKesari, शम्मी कपूर फोटो, शम्मी कपूर इमेज फोटो वॉलपेपर फुल एचडी गैलरी फ्री डाउनलोड

शम्मी कपूर का बचपन 


शम्मी कपूर को रिबेल स्टार:विद्रोही कलाकार: की उपाधि इसलिए दी गई क्योंकि उदासी, मायूसी और देवदास नुमा अभिनय की परम्परागत शैली को बिल्कुल नकार करके अपने अभिनय की नई शैली विकसित की। मुंबई में 21 अक्टूबर 1931 को जन्में शम्मी कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के महान अभिनेता थे। घर में फिल्मी माहौल होने पर शम्मी कपूर का रूझान भी अभिनय की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने का ख्वाब देखने लगे। 
PunjabKesari, शम्मी कपूर फोटो, शम्मी कपूर इमेज फोटो वॉलपेपर फुल एचडी गैलरी फ्री डाउनलोड

शम्मी कपूर का फिल्मी करियर 

वर्ष 1953 में प्रदर्शित फिल्म जीवन ज्योति से बतौर अभिनेता शम्मी कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री का रूख किया। वर्ष 1953 से 1957 तक शम्मी कपूर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। इस दौरान एक के बाद एक उन्हें जो भी भूमिका मिली उसे वह स्वीकार करते चले गए। उन्होंने ठोकर, लड़की, खोज, महबूबा, एहसान, चोर बाजार, तांगेवाली, नकाब, मिस कोकोकोला, सिपहसालार, हम सब चोर है और मेम साहिब जैसी कई फिल्मों मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई।  
PunjabKesari, शम्मी कपूर फोटो, शम्मी कपूर इमेज फोटो वॉलपेपर फुल एचडी गैलरी फ्री डाउनलोड
शम्मी कपूर जब फिल्म इंडस्ट्री में आये तो उनका फिगर ,आड़ी तिरछी अदाएं और बॉडी लैंग्वज फिल्म छायांकन की निगाह से उपयुक्त नहीं थे लेकिन बाद में यही अंदाज लोगो के बीच आकर्षण का केन्द्र बन गया। उनके लिए संगीतकारों ने फड़कता हुआ संगीत, युवा मन को बैचेन करने वाले बोल और गीतकारों को संगीतकारों के तैयार की गई धुन का बारीकी से अध्ययन करके गीत लिखने पड़े। इसे देखते हुए महान पाश्र्वगायक मोहम्मद रफी ने अपनी मधुर आवाज से जो शैली तैयार की वह उनके लिये सर्वथा उपयुक्त साबित हुई। 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Pawan Insha


Recommended News

Related News