फिल्म ''रोमांटिक टुकड़े'' के निर्देशक वरदराज स्वामी को मिला 10वें लेकसिटी अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म सम्मान

11/2/2023 6:23:40 PM

नई दिल्ली। यदि किसी निर्देशक की फ़िल्म रिलीज़ होने से पहले उसे बतौर निर्देशक अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म‌ सम्मान से पुरस्कृत होने का सौभाग्य प्राप्त हो तो उस निर्देशक के लिए इससे ज़्यादा ख़ुशी की बात और क्या हो सकती है? निर्देशक वरदराज स्वामी सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाने की एक अलग लड़ाई लड़ रहे हैं| शालीन, सहज, संवेदनशील और धैर्यवान निर्देशक के रूप में इन्हें जाना जाता है।


बताते चलें कि 'रोमांटिक टुकड़े' नब्बे के दौर की भारतीय सिनेमा की पृष्ठभूमि पर लिखी हुई कहानी पर आधारित है| ये फिल्म इसी शुक्रवार, 3 नवम्बर को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है| ज्ञातव्य हो कि फिल्म रोमांटिक टुकड़े के लिये 10वें लेकसिटी अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म सम्मान, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (रनर-अप) वरदराज स्वामी को पुरस्कृत किया गया| 


अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुये वरदराज स्वामी ने बताया कि “फिल्म 'रोमांटिक टुकड़े' सिनेमा के उस सुनहरे दौर को भी दर्शाती है| जब लोग सिनेमा देखने के लिए समूह में परिवार के साथ ब्लैक टिकिट लेकर भी फिल्म देखने का सुख अनुभव करते थे, फिर समय के साथ कुछ ऐसा क्या हो गया कि आज देश में हर दिन सिनेमा हॉल बंद
हो रहे हैं| सिनेमा हॉल की इस यात्रा को बहुत ही मार्मिक ढंग से हमने दर्शाने के कोशिश किया है| 


10वें लेकसिटी अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (रनर अप) से सम्मानित निर्देशक वरदराज स्वामी ने  ख़ुशी व्यक्त किया कि “फिल्म रोमांटिक टुकड़े बनाना मेरा सपना था| इसे जैसा बनाना चाहता था| उससे और भी अच्छी बन पायी है| इसका श्रेय मैं अपने पुरे टीम, फिल्म के निर्माताओं और कलाकारों को देता हूँ| इस फिल्म से जुड़े हर एक शक्स ने खूब मेहनत किया है, जिसकी ईमानदारी पर्दे पर चल रही इस फिल्म में बखूबी झलकती है| इस मौके पर मैं अपने सभी कलाकारों और तकनीशियन को हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ| उम्मीद करता हूँ फिल्म दर्शकों को पसंद आयेगी|  समाज को सन्देश देती हुई 'रोमांटिक टुकड़े' निर्देशक की एक महत्वाकांक्षी फ़िल्म है| चूँकि फ़िल्म नब्बे के दौर के सिनेमा को भी हाईलाइट करती है| जिसमें दर्शकों को काफ़ी मनोरंजन देखने को मिलेगा|  


फ़िल्म 'रोमांटिक टुकड़े' में पंकज बेरी, निकुंज मलिक, अमिया अमित कश्यप, धामा वर्मा, भक्त पुंजानी, ब्रजेश झा शिवम मिश्रा, राहुल कुरियाल और विवेकानंद झा जैसे सशक्त कलाकार अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे| इस फ़िल्म को शहज़ाद अहमद ने लिखा है, जबकि फ़िल्म का निर्माण साझा तौर पर विजय बंसल और प्रिया बंसल ने‌ किया है| फ़िल्म का कर्णप्रिय संगीत तुतुल भट्टाचार्य ने दिया है और फ़िल्म‌ के उम्दा गानों को पीयूष मिश्रा और केतन मेहता ने लिखा है| इस फ़िल्म के सह-निर्माता आसिफ़ ख़ान हैं और वेदर फिल्म्स है| एसोसिएट प्रोडूसर भोजप्पा मोतीराम जाधव हैं| प्रोजेक्ट डिज़ाइनर भोजप्पा मोतीराम जाधव हैं|  यह फ़िल्म 3 नवंबर, 2023 को देश भर के 150 सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है|


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Content Editor

Jyotsna Rawat


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