पुलिस के थर्ड डिग्री टॉर्चर से हॉस्पिटल में भर्ती हुआ टीवी एक्टर, सुनाई अपनी आपबीती

5/18/2019 4:02:53 PM

मुंबई: कलर्स के शो 'कसम तेरे प्यार की' में नजर आने वाले अंश अरोड़ा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। गाजियाबाद पुलिस द्वारा टीवी एक्टर को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया है। अब वह दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वह बेहद घायल दिखाई दे रहे हैं। ये घटना 12 मई की है दरअसल, एक रात पहले अंश की एक दुकान के कर्मचारियों से बहस हो गई थी। ये स्टोर इंद्रापुरम गाजियाबाद में स्थित है। इसके बाद वो अपने भाई के साथ उस स्टोर पर माफी मांगने पहुंचे। यहां पर उनकी मुलाकात गाजियाबाद पुलिस स्टेशन के कुछ ऑफिसर से हुई। ऑफिसर्स ने अंश और उनके भाई को तुरंत कस्टडी में ले लिया। इसके बाद दोनों को पूरी रात बुरी तरह पीटा और लॉकअप में बंद रखा। वहीं, पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए अंश ने एफआईआर की कॉपी मीडिया के साथ शेयर कर अपनी आपबीती सुनाई है।

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यहां पढ़े FIR की कॉपी

पुलिस बर्बरता, गाजियाबाद इंदिरपुरम में स्थित पलीस स्टेशन में, यू.पी. आदरणीय महोदय, मै अंश अरोड़...यू.पी। मैं एक कामकाजी व्यक्ति हूं। मैं की बर्बरता का शिकार हुआ हूं। हमें PS -इंद्रपुरम, गाजियाबाद UP. के पुलिस अधिकारियों द्वारा शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। मुझे थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया है। पुलिस ने मुझे हिरासत में लेने के बाद खूब प्रताड़ित किया। अंश ने कहा कि हम अधिकारियों द्वारा अत्यंत क्रूर और अमानवीय व्यवहार के अधीन थे, जिन्होंने रात भर से लेकर अगली सुबह तक हमें प्रताड़ित किया।

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अंश ने कहा कि 12/05/2019 की रात को लगभग 1: 30-2: 00 A.M. मैं  24x7 (चौबीस सात), शॉप्रिक्स मॉल, सेक्टर -4, वैशाली, गाजियाबाद, यू.पी. नामक स्टोर में गया। जो खाने और कन्फेक्शनरी वस्तुओं के लिए काफी लोकप्रिय संयुक्त है और इसे रात भर खोला जाता है। मैं अकेला स्टोर के अंदर गया था, जबकि मेरा भाई कार में मेरा इंतजार कर रहा था। मैं स्टोर में एक दिन पहले हुए झगड़े को सुलझाने गया था लेकिन पुलिस अधिकारियों ने मुझे Crpc के U / s-151 से जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस मुझे उनकी वैन में ले जा रही थी और मेरे छोटे भाई ने घटना को देखा क्योंकि वह दुकान के बाहर खड़ी कार में मेरा इंतजार कर रहा था। इसलिए वह मेरी स्थिति के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिस के पास आया। मेरी स्थिति के बारे में उसे समझाने के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने जबरदस्ती उसे पुलिस वैन में यह कहते हुए घसीट लिया कि "तू इसके साथ है ना, तोह तू भी चल," और जबरदस्ती हम दोनों भाइयों के मोबाइल फोन भी छीन लिए। मैंने और मेरे भाई ने उनसे मेरे परिवार से किसी सदस्य को बुलाने का अनुरोध किया, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि हम उन्हें बाद में बुलाएंगे और मुझे बहुत बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।

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जब हम पुलिस स्टेशन पहुंचे, तो वर्दी में लगभग 5-6 पुलिस वाले और थे जो हमारे प्रवेश पर मुझे और भाई को बहुत ही हिंसक और बेरहमी से उनके डंडों से पिटाई करने लगे। पिटाई के समय वे मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को गंदी गालियां भी दे रहे थे। हम लगातार भीख मांग रहे थे और उनसे अनुरोध कर रहे थे कि वे हमारे परिवार से किसी को सूचित करें, लेकिन हमारी इस बात को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया गया और हमारी दलीलों को नहीं माना गया। हमें पीटने के बाद इकट्ठे हुए पुलिस अधिकारियों ने हमें लॉक अप के अंदर बंद कर दिया। क़रीब 2:30-3: 00 am के आसपास। दर्द से कांपते हुए हम उन्हें लगातार अपने परिवार के सदस्यों को सूचित करने या रात की कथित घटना के बारे में संबंधित व्यक्तियों को फोन करने के लिए बार बार बोलते रहे , हालांकि पुलिस के लोगों ने रात भर हमें यह कहते हुए नजर अंदाज कर दिया कि "इतनी क्या जल्दी है अभी तो बंद हुए हो ", आराम से बुला लेंगे सबको और हमें रात भर लॉक अप में रखा। अगली सुबह 9-10 बजे के आसपास, क्योंकि न तो मैं और न ही मेरा भाई घर लौटे थे, मेरे माता-पिता चिंता से हमें ढूंढने निकले, ओर तभी वो PS  पी.एस. इंदिरापुरम पोहचे, गाजियाबाद, जहां उन्होंने पूछताछ की और जहां उन्हें सूचित किया गया था। उसके बाद सुबह  11 -11:30 बजे के आसपास, दो व्यक्ति जो सिविल ड्रेस में थे, लेकिन थाने के पुलिसकर्मी दिखाई दिए, उन्होंने ताला खोलकर बाहर बुलाया, मेरे भाई (मृदुल) को एक कमरे में ले गए, जो पीछे की तरफ स्थित था लॉक अप से बाहर निकल के। वहां मेरे भाई को फिर से पीटा गया।

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अपने सेल से मैं अपने भाई को ये बोलते सुन पाया था की मेरा 11.5.2019 की घटना से कोई लेना देना ही नहीं था मुझे मत मारो। जब मेरे भाई को वापिस सेल में लाया गया तो वह रो रहा था। उसके बाद सिविल कपड़ों में वही दो पुलिसवाले मुझे सेल से खींचकर मेरे बालों से पकड़ कर उसी कमरे में ले गए जहां मेरे छोटे भाई के साथ मारपीट की गई थी। लेकिन मुझे तो उन्होंने थर्ड डिग्री टोरचेर किया बहुत बुरी तरह पीटा चमड़े के बल्ले से ओर प्लास्टिक की दंड्डी से में उनसे दया की बीख मांगता रहा लेकिन उन्होंने मुझे बेरहमी से पीटा ओर मुझे कहा 40 बार तेरे पैर के तलवे पे इस चमड़े के बल्ले से मारूंगा ओर गिनती तू करेगा गिनने के लिए कहा और कहा कि हर गिनती में वे मुझे एक बार मारेंगे। उन्होंने मुझे चेतावनी भी दी कि अगर मैं गिनती भूल जाऊं या छोड़ दूं तो वे मुझे फिर से शुरू से गिनती शुरू कर देंगे और फिर से पिटाई की पूरी प्रक्रिया शुरू कर देंगे। हालांकि, एक बार मेरे पैरों पे मारना शुरू होने के बाद मैं दर्द में तड़प रहा था और कई बार गिन भी नहीं पा रहा था। लेकिन पुलिसकर्मी ज़मीन पे लिटा मेरे पैरों के तलवे पर छोड़े चमड़े बल्ले से मुझे बेरहमी से पीट ते रहे कभी एक तो कभी दूसरा तो कभी डोनो मिलकर, साथ ही मेरी माँ बहन को गंदी गालियां भी देते रहे। मुझे मानसिक रूप से ये कहकर टूरचर किया कि “तुझे अभी कपड़े उतार करंट भी देंगे तार से”। हिरासत में रहते हुए सभी चोटों की तस्वीरों के साथ चिकित्सा रिपोर्ट संलग्न कर रहा हूं। मैं लगातार दया से भीख मांग रहा था लेकिन पुलिसवाले मुझे मारते रहे। लगभग आधे घंटे तक मेरे साथ अमानवीय तरीके से पिटाई करने के बाद, उन्होंने मुझे फिर से घसीटा और मुझे वापस लॉक अप में फेंक दिया। उसके बाद उनके एक एक व्यक्ति ने लॉक अप में ओर लॉक अप से बाहर निकाल हम दोनो भाइयों की तस्वीर भी ली, ओर उसके बाद मेरे माँ बाप को इसकी पुष्टि की गई की हम लॉक अप में है और उसी दिन संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा 

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वह दिन रविवार था, इसलिए मैंने और मेरे भाई ने शाम की कोर्ट में एस.डी.एम. गाजियाबाद, वहां से हम दोनों को जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के बाद ही मुझे और मेरे भाई को हमारे माता-पिता द्वारा अस्पताल ले जाया गया और अपेक्षित चिकित्सा उपचार दिलाया गया। पुलिस व्यक्तियों ने जानबूझकर हमें किसी भी मेडिकल चेकअप या उपचार के अधीन नहीं किया था, हमारी गिरफ्तारी के पहले या बाद में या उसके बाद हिरासत की अवधि के दौरान, इस डर के लिए कि मेडिकल चेकअप से हमारे द्वारा किए गए क्रूर अमानवीय उपचार का पता चलेगा। हम इस देश के नागरिक हैं और हम पर किए गए अत्याचार के लिए और जिस तरह से पुलिस ने कार्रवाई की है वह हमारे मानवाधिकारों की पूरी अवहेलना है। NOTE- पुलिस स्टेशन cctv निगरानी में है। वीडियो का उपयोग किया जा सकता है और आगे की पूछताछ के लिए जांच कर सकते हैं। कृपया, इस मुद्दे को देखें और इस तरह के अमानवीय व्यवहार के लिए न्याय पाने में मेरी मदद करें। 

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जानें पूरा मामला

अंश ने 11 मई को एक दुकान से कुछ सामान और हॉटडॉग ऑर्डर किया था। जब उन्होंने बिल मांगा तो स्टाफ ने कहा कि सबकुछ रेडी है लेकिन हॉटडॉग के लिए एक घंटा इंतजार करना पड़ेगा इसके बाद अंश ने उनसे सारा सामान कैंसिल करने के लिए कहा, लेकिन स्टाफ उन्हें अच्छे से रिप्लाई नहीं दे रहा था। स्टाफ वालों ने कहा कि हम आपको बिना फूड दिए आपसे पैसे कैसे ले सकते हैं। मैंने उनसे कहा कि मतलब आप हमें यहां इंतजार करवाना चाहते हैं। मैंने उनसे सवाल पूछा कि वो ऑर्डर कैंसिल क्यों नहीं कर रहे। इसके बाद हमारे बीच बहस शुरू हो गई। हम दोनों एक-दूसरे को गाली देने लगे। मुझे गुस्सा आ गया और मैंने रिसेप्शन पर हाथ मारकर गिलास तोड़ दिया। मैं घर पहुंचा तो मुझे काफी खराब लगा। मुझे लगा कि मेरी वजह से स्टोर का नुकसान हुआ। तब मैंने फैसला लिया कि मैं फिर से वहां जाकर उनसे माफी मांगता हूं और उन्हें पैसे भी दे दूंगा। मैं वहां पहुंचा तो उन लोगों ने मुझे पुलिस के हवाले कर दिया। 

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सोशल मीडिया पर पॉपुलर हैं अंश

अंश सोशल मीडिया पर भी काफी पॉपुलर हैं। अंश अपनी हॉट बॉडी और वर्कआउट वाली पिक्चर्स और वीडियोस अक्सर अपने सोशल हैंडल इंस्टाग्राम पर शेयर करते रहते हैं। वर्कफ्रंट की बात करें तो हॉट हंक अंश अरोड़ा एंड टीवी के शो 'क्वींस' में केविन के किरदार और वेब सीरीज 'तन्हाइयां' में विशाल के रोल में अपने दमदार एक्टिंग से अपनी अलग पहचान बनाई थी। अंश अरोड़ा ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया था। अब 'कसम तेरे प्यार की' में समर के किरदार निभा चुके हैं।

 


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Neha


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