मोहम्मद जायसी की पद्मावत को लेखक पुरूषोत्तम अग्रवाल ने दिया महान दर्जा

6/26/2018 8:07:13 PM

मुंबईः लेखक और समालोचक पुरूषोत्तम अग्रवाल ने कहा है कि मलिक मोहम्मद जायसी की पद्मावत (Padmaavat) उच्च कोटि की काव्य रचना है, बॉलीवुड का प्रतिगामी और काल्पनिक नाट्य नहीं है। 

उन्होंने कहा कि सूफी कवि की अप्रतिम कृति इतिहास की किसी एक घटना के इर्द - गिर्द की काल्पनिक साहित्यिक उड़ान है। अग्रवाल ने बॉलीवुड की विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज के कुछ महीने बाद अपनी नई पुस्तक ‘पद्मावत - एन एपिक लव स्टोरी’ में अपना पक्ष रखा है।

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संजय लीला भंसाली निर्देशित पद्मावत में पद्मिनी के किरदार को लेकर हिन्दू राजपूतों ने देशभर में महीनों प्रदर्शन किया था। अग्रवाल ने कहा, जायसी की सहानुभूति स्पष्ट तौर पर रतन सेन के साथ दिखती है, इसलिए नहीं कि वह हिन्दू योद्धा है, बल्कि इसलिए कि वह ‘ प्रेम पुजारी ’ है। जायसी का अलाउद्दीन पद्मावती और रतन सेन से धूर्तता और अन्याय करता है, फिर भी वह राक्षस नहीं है। जायसी के किरदार महज अच्छे या बुरे नहीं हैं। ’’  

उन्होंने कहा, उनकी पद्मावत आला दर्जे की काव्य रचना है, ना कि वैभवपूर्ण, बॉलीवुड का प्रतिगामी और काल्पनिक नाट्य।’’ लेखक का मानना है कि जायसी का मकसद इतिहास गढऩा नहीं था और उनका काव्य कल्पना और अतीत की घटनाओं का मिश्रण है।  


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Konika


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