जब कोर्ट में गवाह ने तब्बू-सोनाली को पहचानने से कर दिया इंकार, हुआ था ऐसा कुछ

4/6/2018 2:51:51 PM

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर सलमान को 20 साल पुराने काला हिरण मामले में दोषी पाते हुए जोधपुर अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। वहीं मामले के अन्य आरोपियों - सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और एक अन्य को बरी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, केस की सुनवाई के दौरान मुख्य गवाह ने तब्बू और सोनाली को पहचानने से इन्कार कर दिया था। यही कारण रहा कि ये दो अभिनेत्रियां सजा से बच गईं।

 

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सबसे पहले पूनमचंद बिश्नोई ने इस मामले में केस दर्ज करवाया था। केस की एक अहम सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील श्रीकांत शिवाडे ने तब्बू और सोनाली को कोर्ट में पेश कर दिया। अचानक हुई पेशी से पूनमचंद दोनों अभिनेत्रियों की पहचान नहीं कर सका, जो इनके बरी होने के पीछे सबसे अहम कारण बना। इस पर जज साहब ने पूनमचंद से पूछा भी था कि एफआईआर में नाम बताने के बाद वह दोनों अभिनेत्रियों को पहचानने से इनकार क्यों कर रहा है? उसका जवाब था कि तब सलमान के साथ मौजूद महिलाओं ने सफेद सलवार-सूट पहन रखा था। पूनमचंद ने सैफ अली खान की पहचान कर ली थी, लेकिन सुनवाई के दौरान यह साबित नहीं हुआ कि उन्होंने गोली चलाई या ऐसा करने के लिए सलमान को उकसाया।


गवाह पूनमचंद ने बताया था कि वह अपनी बाइक पर था और 100 मीटर दूर से उसने देखा कि सलमान ने गोली चलाई। इस पर सलमान के वकील ने पूछा कि क्या रात के अंधेरे में बाइक की रोशनी से 100 मीटर दूर तक देखा जा सकता है? सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि उस दिन चांदनी रात की रोशनी भी थी, इसलिए पूनमचंद की बात मानी जाए। बचाव पक्ष ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उस रात 1.30 बजे चंद्रमा अस्त हो गया था, जबकि घटना रात दो बजे की है।

 

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बता दें कि सलमान खान की पिछली रात सलाखों के पीछे गुजरी। जोधपुर सेंट्र्ल जेल में सलमान रात भर भूखे पेट रहे और सोए भी नहीं। रात भर वे इसी आस में बैठे रहे कि कब सुबह हो, कोर्ट खुले, उनकी जमानत अर्जी पेश की जाए और जमानत मिलते ही वे बाहर आ जाएं। जानकारी के मुताबिक, सलमान को गुरुवार शाम ही जेल में ले जाया गया था। वहां शाम को कैदियों के बीच चाय बांटी गई, लेकिन सलमान ने पीने से इन्कार कर दिया।

 

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सलमान खान को सजा सुनाए जाने पर बिश्नोई समाज ने खुशी जताई है। हालांकि, सह अभियुक्तों के बरी किए जाने पर निराशा भी व्यक्त की है। समाज के लोगों का कहना है कि कोर्ट के फैसले का अध्ययन किया जाएगा और फिर हाई कोर्ट में अपील किए जाने पर विचार होगा। गौरतलब है कि वर्ष 1998 में हिरण शिकार मामले के बाद से ही राजस्थान का बिश्नोई समाज सलमान खान का विरोध करता आ रहा है।


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