कोरोना मरीजों को जीवनरक्षक दवाइयां मुहैया करवाने के सवाल पर सोनू सूद ने बॉम्‍बे HC में पेश की सफाई- व्‍यापार के लिए नहीं खरीदीं दवाइयां

6/30/2021 10:20:17 AM

बॉलीवुड तड़का टीम. एक्टर सोनू सूद पिछले साल कोरोना वायरस और लॉकडाउन की शुरूआत से ही लोगों की बिना रुके बिना थके मदद कर रहे हैं। वह गरीबों को खाने, पढ़ाई से लेकर उनके इलाज तक की भी व्यवस्था कर रहे हैं। उनकी मदद से कई कोरोना मरीजों की जान बच पाई है। बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन और जीवन रक्षक रेमडेसिविर और टोसिलीजुमैब जैसी दवाइयां मुहैया करवाने पर सवाल उठाए थे।  हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वह इस बात का पता लगाएं कि कोरोना की दवाई इनके पास कैसे उपलब्ध हुई। अब इस मामले में सोनू सूद ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की है कि कुछ लोग उनका नाम खराब करने की नीयत से उनके खिलाफ काम कर रहे हैं।


चीफ जस्टिस दीपांकर दत्‍ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने पीआईएल पर सुनवाई की। उन्‍हें सोनू के वकील मिलन देसाई ने बताया कि एक्‍टर ने मामले की सुनवाई में हस्‍तक्षेप के लिए ऐप्लिकेशन दी थी। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम उनको सुनेंगे।

 


सोनू सूद ने दी अपनी अर्जी में कहा कि महामारी की शुरुआत से वह जरूरतमंदों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने जुहू स्थित होटल में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स को फ्री में रहने की सुविधा मुहैया कराई। लॉकडाउन के दौरान हर दिन 45 हजार लोगों को खाना उपलब्ध कराया और राज्य सरकारों और अथॉरिटीज से अपने खर्चे पर 20 हजार से ज्यादा प्रवासियों को फ्री ट्रांसपॉर्ट उपलब्ध कराया ताकि वे अपने घरों को जा सकें।

 

सोनू सूद ने कहा- 'जब अप्रैल 2021 में दूसरी लहर आई तो लोग लाइफसेविंग दवाइयों के लिए हर तरफ भागने लगे। मुझे लगा कि जरूरतमंद मरीजों को कोऑर्डिनेशन की कमी के कारण दवाइयां नहीं मिल पा रही थीं। ऐसे में मैंने फैसला किया मैं जरूरतमंद लोगों और उस जगह से संपर्क करूंगा जहां दवाइयां उपलब्ध होंगी ताकि उस जगह से सीधे दवाइयां लोगों को उपलब्ध हो जाएं।' 


सोनू ने आगे कहा, 'यह दो स्‍टेज वाला प्रॉसेस था जिसमें मरीजों से आधार कार्ड, कोविड रिपोर्ट, डॉक्‍टर के प्रिस्‍क्रिप्‍शन जैसे डॉक्‍युमेंट्स सबमिट करने की रिक्‍वेस्‍ट की जाती थी और हॉस्‍पिटल से संपर्क करके वेरिफिकेशन किया जाता था। जब मैं सही दवा को लेकर संतुष्‍ट हो जाता था, तब अपने चैनल्‍स के जरिए बताई गई दवा की उपलब्‍धता और उसकी लोकेशन को ढूंढने की कोशिश करता था।'


सोनू सूद की एप्लीकेशन के मुताबिक, ' उन्होंने कभी भी व्यापार के लिए दवाइयां नहीं खरीदीं। उन्होंने सिर्फ मरीजों को फार्मेसी का रास्ता बताया जहां दवा उपलब्ध हो। पुणे के फिल्म निर्माता नीलेश नवलखा ने सच जानने की कोशिश नहीं की और झूठे, निराधार आरोप लगा दिए।' 


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Content Writer

suman prajapati


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