''प्यारे दोस्त को खोना बहुत बड़ा दुर्भाग्य..विजयकांत के निधन से टूटे रजनीकांत, दिल पर पत्थर रख दी अंतिम विदाई

12/29/2023 3:58:04 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. साउथ सिनेमा के दिग्गज एक्टर और राजनेता विजयकांत का 28 दिसंबर को निधन हो गया। आज दिग्गज को आइलैंड ग्राउंड में दफनाया गया। 71 साल के विजयकांत के निधन से इंडस्ट्री को बड़ा सदमा लगा है। वहीं सुपरस्टार रजनीकांत भी उनके देहांत से बेहद दुखी हैं। हाल ही में उन्होंने विजयकांत को अंतिम विदाई देने के बाद मीडिया के साथ अपना दुख साझा किया।

 

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रजनीकांत ने कहा, "मैं कन्याकुमारी में फिल्म कर रहा था। मुझे कल आना था। यह बहुत मुश्किल था। विजयकांत के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है। वह दोस्ती की मिसाल थे। एक बार जब कोई उनसे दोस्ती कर लेता तो वह उन्हें कभी नहीं भूल पाता। वह अक्सर दोस्तों, राजनेताओं और मीडिया से नाराज रहते थे लेकिन कोई भी उनसे कभी नाराज नहीं हो सकता था। विजयकांत के गुस्से के पीछे हमेशा कोई न कोई वजह होती थी। एक बार जब आप विजयकांत के करीब आ जाते हैं तो हर कोई उनसे प्यार करने लगता था। वह साहस और वीरता के प्रतीक थे। विजयकांत के लिए 'कैप्टन' एक उपयुक्त नाम था।"

 


रजनीकांत ने कहा, "एक बार जब मैं रामचन्द्र अस्पताल में अस्वस्थ और बेहोश था तो बहुत से लोग आए और मुझे परेशान किया। विजयकांत आए और 5 मिनट के अंदर उन्होंने उन सभी को भेज दिया जो बेवजह भीड़ बढ़ा रहे थे और हल्ला कर रहे थे। उन्होंने मेरे बगल में एक कमरा लिया और कहा कि मैं उस शख्स का ध्यान रखूंगा जिसने तुम्हें परेशान किया। मैं इसे कभी नहीं भूल सकता।''


एक्टर ने कहा, ''हम एक बार एक्टर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम के लिए सिंगापुर और मलेशिया गए थे। मलेशिया में सभी लोग बस में चढ़ गए थे और फैन्स आसपास जमा हो गए थे। विजयकांत ने यह देखा, तुरंत आए और 2 मिनट में उन्होंने सभी को तितर-बितर कर दिया और फूल की तरह मेरे साथ चले गए। ऐसे व्यक्ति को इस अवस्था में देखना कठिन है. 71 वर्ष की उम्र में उनका जाना दुखद है। लाखों लोग जीवित रहे हैं और लाखों लोग चले गए हैं लेकिन लोगों के दिलों में कौन रहता है? विजयकांत अमर रहें।''

इससे पहले, एयरपोर्ट पर रजनीकांत ने कहा, "मेरे प्यारे दोस्त विजयकांत को खोना बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। वह अविश्वसनीय मानसिक शक्ति वाले व्यक्ति थे। हम सभी को उम्मीद थी कि वह ठीक हो जायेंगे, लेकिन हाल ही में डीएमडीके जनरल काउंसिल की बैठक में जब मैंने उन्हें देखा तो मेरी उम्मीद कम हो गई। अगर वह स्वस्थ रहते तो तमिल राजनीति में एक बड़ी ताकत होते और तमिल लोगों के लिए बहुत कुछ अच्छा करते। तमिल लोगों ने उन्हें खो दिया है।"


 


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suman prajapati


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