धर्म संसद पर फूटा नसीरुद्दीन शाह का गुस्सा, बोले-''हम 20 करोड़ मुसलमान हैं, आप रातोंरात सफाया नहीं कर सकते हम लड़ेंगे''

12/30/2021 8:24:17 AM

मुंबई: बाॅलीवुड के  दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह अपनी बेहतरीन एक्टिंह के साथ-साथ अपनी बेबाक बयान के लिए भी चर्चा में रहते हैं। नसीरुद्दीन शाह 
 हमेशा हर मुद्दे पर खुलकर दो-टूक अपनी बात कहते हैं। अब उन्होंने दक्षिणपंथी लोगों के हेट-स्पीट वाले भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोग भारत को गृह-युद्ध की तरफ ले जाएंगे। एक न्यूज पोर्टल ने इंटरव्यू में  नसीरुद्दीन शाह से 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित धर्म संसद के बारे में पूछा गया, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के कई वकील ने सीजीआई को चिट्ठी भी लिखी थी। इस चिट्ठी में वकीलों ने नफरत भरे भाषणों पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा- 'मुझे भरोसा नहीं होता है कि ये लोग क्या बात कर रहे हैं। क्या ये लोग देश में गृह युद्ध फैलाना चाहते हैं। 20 करोड़ मुसलमान हैं, उनका आप रातोंरात सफाया नहीं कर सकते हैं। हम 20 करोड़ इसी भारत के हैं, यहां पैदा हुए हैं, हमारे परिवारों की पीढ़ियां यहां पैदा हुईं और खत्म हुई हैं। हम 20 करोड़ की मातृभूमि भारत है। मैं खुलकर कहता हूं कि अगर ऐसा कुछ होता है तो यह केवल गुस्सा पैदा करने वाला होगा और हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।'

 

इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा- 'मुस्लिमों के मन में एक डर बैठाने का प्रयास किया जा रहा है कि वे उम्मीद छोड़ दें। मैं कहना चाहता हूं कि अगर दमन की स्थिति आए तो यह हमें बिल्कुल नहीं डराता है। हम जवाब देंगे क्योंकि हम अपना घर बचा रहे हैं, हम अपनी मातृभूमि बचा रहे हैं, हम अपने परिवार बचा रहे हैं, बच्चे बचा रहे हैं। मैं हमारे धार्मिक विश्वासों पर बात नहीं करूंगा क्योंकि इनको आसानी से निशाना बनाया जाता है।'

नसीरुद्दीन शाह ने सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा- 'यहां जो अभी काम हो रहा है वो मुस्लिमों को हाशिये पर ले जाने का है। सत्ताधारी पार्टी की पॉलिसी बांटो और राज करो वाली बन चुकी है। मैं देखना चाहता हूं कि जो लोग इतनी नफरत भरी बातें फैला रहे हैं उनका क्या होगा? सही बात तो यह है कि उस आदमी के बेटे को भी कुछ नहीं हुआ जिसने किसानों को कुचल दिया था।'

बता दें कि इसी हफ्ते की शुरूआत में कई सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस बात पर स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया था कि किस तरह से कुछ लोग अल्पसंख्यकों के सामूहिक हत्याकांड की बातें खुले तौर पर कह रहे हैं। इसमें उन्होंने कहा कि ऐसे बयान हमारे देश की एकता को कमजोर करने वाले और लोगों को विभाजित करने वाले हैं। ऐसे बयान देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Smita Sharma


Recommended News

Related News