करियर के टॉप में पहुंचकर महेश भट्ट के कहने पर ओशो की शरण में गए थे विनोद खन्ना, भगवा चोला पहन बन गए थे संन्यासी

8/22/2020 10:43:02 AM

बॉलीवुड तड़का टीम. सुशांत सिंह राजपूत मामले में लगातार हो रहे खुलासों के बीच महेश भट्ट कई विवादों में फंस गए हैं। बीते दिनों रिया चक्रवर्ती और महेश भट्ट की पर्सलन चैट वायरल हुई, जिसके बाद इस मामले में उनपर कई तरह लग रहे हैं। ये कोई पहली बार नहीं है जब महेश भट्ट सुशांत मामले में आरोपों में घिर रहे हों इस पहले भी वो किसी और की जिंदगी के बारे में अहम फैसल लेकर सुर्खियों में आ चुके हैं। एक वक्त था जब महेश ने विनोद खन्ना को फिल्मी दुनिया छोड़ आध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित किया था।

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80 के दशक में जब विनोद खन्ना स्टारडम के चरम पर थे। उनकी चर्च बड़े-बड़े सेलिब्रेटियों में की जाती थी। उस समय कहा जाता था कि विनोद अमिताभ बच्चन को पछाड़ टॉप स्टार बन जाएंगे, लेकिन उन दिनों विनोद की मां का देहांत हो गया और वो काफी टूट गए थे। इस वक्त उनके दोस्त महेश भट्ट ने अध्यात्म की ओर जाने की सलाह दी थी और ओशो रजनीश की शरण में जाने के लिए प्रेरित किया था।

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एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने खुद इस पर बात करते हुए बताया था कि ज्यादातर लोग नहीं जानते कि मैने ही विनोद को ओशो रजनीश की शरण में जाने के लिए प्रेरित किया था। मां के निधन के बाद जब विनोद मेरे साथ ओशो आश्रम गए तो उन्हें वहां काफी सुकून मिला था। हम दोनों संन्यासी बन गए थे और भगवा चोला पहना करते थे।

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महेश ने आगे बताया था कि कुछ समय बाद में आश्रम से निकल गया, लेकिन विनोद वहीं ठहर गए थे। ओशो ने उन्हें वहा रूकने के लिए किया था और फिर वो विनोद को अपने साथ अमेरिका ले गए। पांच साल तक सन्यासी जीवन बिताने के बाद विनोद वापस मुंबई आए और फिल्मी दुनिया में काम करना शुरू किया, लेकिन फिल्मों में दोबारा वही जगह बनाने की उनकी कोशिश नाकाम रही। दोबारा फिल्मों में उनका वो सिक्का न जम पाया जो पहले था।

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27 अप्रैल, 2017 में में विनोद का ब्लेडल कैैंसर से निधन हो गया था। उनके निधन की खबर के बाद महेश ने एक फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, कि वो भी क्या दिन थे मेरे दोस्त, वो दिन कभी खत्म नहीं हो सकते। हम हमेशा गाएंगे और डांस करेंगे।
बता दें, महेश भट्ट को सबसे पहले विनोद खन्ना की फिल्म लहू के दो रंग में डायरेक्ट करने का मौका मिला था। यहीं से दोनों की दोस्ती हो गई थी और दोनों काफी अच्छे दोस्त बन गए थे। महेश ने एक बार बताया था कि हम दोनों करीबी दोस्त थे और उनकी मर्सिडीज में ओशो के आश्रम जाया करते थे। मेरे पास पैसा नहीं था और वो ही मेरी ट्रेवलिंग का खर्च उठाया करते थे। महेश भट्ट ने जुर्म (1990) और मार्ग (1992) में विनोद खन्ना के साथ काम किया था।


 

 

 


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suman prajapati


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