बाॅक्स ऑफिस पर भी छाए रहे हैं ''बापू'', ''मुन्ना भाई'' से लेकर ''हे राम'' तक फिल्मों ने की है करोड़ों की कमाई

10/1/2019 4:35:56 PM

मुंबई: 2 अक्तूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ था। देश ही नहीं दुनियाभर में उन्हें अहिंसा के सबसे बड़े समर्थकों में से एक माना जाता है। महात्मा गांधी को हम प्यार से बापू भी कहते हैं। जिन्होंने सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए पूरे देश को 200 वर्षो की परीधीनता के बाद आजादी दिलावाई थी।

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गांधी जी ने बिना शस्त्र उठाए अंग्रेजों को झुका दिया था। गांधी का देश की आजादी में काफी योगदान रहा। इतना ही नहीं उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व और उनके आदर्शों को भी अलग-अलग ढंग से फिल्मी पर्दे पर उतारने की कोशिश की गई है। इन फिल्मों की मदद से दर्शकों को महात्मा गांधी के बारे में करीब से जानने का मौका मिला है। गांधी जयंती के मौके पर हम आपको महात्मा गांधी के जीवन पर बनी उन खास फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने लोगों के दिल और दिमाग में एक खास छाप छोड़ी है। 

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गांधी (1982)

1982 में बनी मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन पर आधारित फिल्म 'गांधी' ने लोगों के दिलों में एक अलग छाप छोड़ी। फिल्म में बेन किंग्सले गांधी के किरदार में नजर आए थे। इस फिल्म में गांधी के जीवन के उस हिस्से पर ज्यादा फोकस किया है जिसमें वो साउथ अफ्रीका में थे। भारत की आजादी में उन्होंने किस प्रकार से एक अहम भूमिका निभाई और किस तरह 1948 में उनकी हत्या कर दी गई। फिल्म के लिए दोनों को अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म का निर्देशन रिचर्ड एटनबरोघ ने किया था। गांधी फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड भी मिला।

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द मेकिंग ऑफ महात्मा (1996)

साल 1996 में आई फिल्म 'द मेकिंग ऑफ महात्मा' एक शानगार फिल्म है। फिल्म में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच में गांधी ने क्या भूमिका निभाई थी को दिखाया गया है। यह फिल्म दक्षिण अफ्रीका में 21 वर्षों के दौरान महात्मा गांधी के जीवन पर बनी है। जहां उन्होंने वास्तव में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अपने अहिंसक आंदोलन को अनुकूलित किया। फिल्म का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया है। फिल्म फातिमा मीर द्वारा लिखित एक महात्मा की 'Apprenticeship of a Mahatma' नामक किताब से प्रेरित थी।

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हे राम(2000)

फिल्मेकर और एक्टर कमल हासन ने महात्मा गांधी के जीवन पर 'हे राम' फिल्म बनाई। यह फिल्म हिन्दी और तमिल भाषा में बनी थी। कमल ने इस फिल्म की कहानी लिखी और इसका निर्देशन भी किया था। फिल्म में कमल मुख्य किरदार में थे। इस फिल्म में कमल के अलावा कई शाहरुख खान, रानी मुखर्जी हेमा मालिनी और नसीरुद्दीन शाह भी नजर आए थे।

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डॉ. बाबा साहब अंबेडकर (2000)

साल 2000 में जब्बर पटेल ने 'डॉ. बाबा साहब अंबेडकर' फिल्म बनाई। इस फिल्म में अंबेडकर की जिंदगी को बेहतर तरीके से बताया गया लेकिन फिल्म में कई मुद्दों पर महात्मा गांधी और अंबेडकर के रिश्तों को समझने में मदद मिल सकी। फिल्म में मोहन गोखले ने गांधी का किरदार निभाया।

 

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मैंने गांधी को नहीं मारा (2005)

साल 2005 में आई फिल्म 'मैंने गांधी को नहीं मारा' में एक ऐसे इंसान की मनोस्थिति को दिखाने की कोशिश की गई जिसको यह वहम हो जाता है कि उन्होंने ही बापू को मारा है। फिल्म कोजहनु बरुआ ने बनाया। फिल्‍म में अनुपम खेर ने उत्तम चौधरी का किरदार निभाया है। 

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लगे रहो मुन्ना भाई (2006)

बाॅलीवुड एक्टर संजय दत्त की फिल्म 'लगे रहो मुन्ना भाई'  साल 2003 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' का सीक्वल था। फिल्म में मुन्ना और सर्किट के किरदार को छोड़कर पूरी कहानी और किरदारों को रिक्रिएट किया गया था और कहानी भी बदल दी गई थी। इस फिल्म में बापू के जीवन के कई अहम सिद्धातों को एक नए अंदाज में पेश किया गया है। फिल्म में महात्मा गांधी का किरदार दिलीप प्रभावलकर ने निभाया।

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गांधी माई फादर (2007)

साल 2007 में फिरोज अब्बास मस्तान की डायरेक्शन में 'गांधी माई फादर' फिल्म रिलीज हुई। इस फिल्म में महात्मा गांधी का किरदार दर्शन जरीवाला ने निभाया था। यह फिल्म महात्मा गांधी और उनके बेटे हरि लाल के रिश्तों पर बनी है।

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गांधी टू हिटलर (2011)

महात्मा गांधी के जीवन को लेकर साल 2011 में बनी फिल्म 'गांधी टू हिटलर' बेहद खास है। फिल्म में रघुबीर यादव को एडॉल्फ हिटलर के रूप में शामिल किया गया है, जबकि अवजीत दत्त फिल्म में मोहनदास करमचंद गांधी के रूप में मामूली भूमिका निभाते हैं। यह फिल्म महात्मा गांधी द्वारा लिखित "द डाउनफॉल" पत्रों पर आधारित है जिसे हिटलर को संबोधित किया गया है।

 


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Smita Sharma


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