बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला वाजिद खान की संपत्ति में मिलेगा बच्चों को हिस्सा, दिवंगत सिंगर की पत्नी बोली-''आखिरकार न्याय''
4/10/2021 12:52:34 PM
मुंबई: बाॅलीवुड के फेमस म्यूजिक कंपोजर वाजिद खान लगभग 10 महीने पहले इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए थे। वाजिद खान के निधन के कुछ महीनों बाद उनकी पत्नी कमलरुख ने सोशल मीडिया पर दिवंगत सिंगर की फैमिली पर कई आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि ससुराल वालों ने उन पर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दवाब डाला था। इसके साथ ही कमलरुख ने वाजिद के निधन के बाद अपनी परिस्थिति के बारे में भी शेयर की थी।
उन्होंने कहा था कि वाजिद के निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी सम्पत्ति बेच दी है। वहीं अब शुक्रवार को कमलरुख ने बॉम्बे हाईकोर्ट को उनके पति वाजिद की सम्पत्ति को सुरक्षित रखने के लिए शुक्रिया कहा है, जिससे उनके बच्चों को अपनी सम्पत्ति मिल पाएगी।
बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑर्डर की तस्वीर शेयर कर कमलारुख ने लिखा-'आखिरकार न्याय का पहिया घूमने लगा है। हाई कोर्ट ने ये सुनिश्चित किया है कि वाजिद की सम्पत्ति सुरक्षित है और उनके परिवार को निर्देश दिए हैं कि दिवंगत वाजिद खान की सारी सम्पत्ति के बारे में बताए। अपने बच्चों के हक लेने के एक स्टेप पास पहुंच गए हैं। हाई कोर्ट को आभार।'
अपनी परिस्थिति के बारे में बात करते हुए कमलरुख कहा था कि अब जो भी उनके बच्चों के पास बचा है उसे दूर किया ले जाया जा रहा है। मुझे मजबूर होना पड़ रहा है। जिदंगी ने मुझे उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां मुझे अपने बच्चों की विरासत के लिए लड़ना पड़ रहा है क्योंकि वाजिद के निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी सम्पत्ति बेच दी है।
ससुराल वालों पर लगाए थे कई आरोप
कमलरुख ने कुछ महीनों पहले एक पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने लिखा था-'मैं पारसी थी और वाजिद मुस्लिम थे। हम कॉलेज से साथ में थे। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत शादी की थी। शादी के बाद से मेरे साथ गलत व्यवहार किया जाता था। ऐसा मेरा धर्म अलग होने की वजह से किया जाता था। मैंने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया था जिसकी वजह से मेरे और वाजिद के बीच दूरियां आने लगी थीं। इतना ही नहीं वाजिद अपने बच्चों से भी दूर हो गए थे। मुझे परिवार से अलग कर दिया गया।'
बता दें कि वाजिद खान ने साल 2020 में 1 जून को दुनिया को अलविदा कह दिया था। भाई वाजिद के जाने के बाद साजिद काफी टूट गए थे। भाई को हमेशा अपने करीब रखने के लिए उन्होंने दिवंगत भाई वाजिद के नाम को अपना सरनेम बनाया।