Jamia Protest: पुलिस कार्रवाई को लेकर जावेद अख्तर ने किया ट्वीट, IPS अफसर बोला ''पहले सेक्शन, एक्ट का नाम बताइए''
12/17/2019 11:07:58 AM
मुंबई: देशभर में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहें छात्रों पर पुलिस जमकर कार्यवाही रह रही हैं। बालीवुड भी इस कानून के बाद एक तरह से बंट गया है। कोई इस कानून के सपोर्ट में तो कोई इसके खिलाफ। वहीं लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों की पिटाई की कड़ी निंदा की है।
Jamia students attacking Media who is showing them Mirror of their Peaceful Protest. Anti National Journalist n Secular ppl like @Javedakhtarjadu @FarOutAkhtar @khanumarfa @BDUTT @RahulGandhi @priyankagandhi @sardesairajdeep will not Condemned this. These are Urban Terrorist https://t.co/rLwPCC5ywb
— Hemir Desai (@hemirdesai) December 16, 2019
उनके इस ट्वीट पर एक IPS अधिकारी ने उन्हें जवाब दिया है। जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा-'लॉ ऑफ लैंड के मुताबिक, किसी भी परिस्थिति में पुलिस किसी भी यूनिवर्सिटी के कैंपस में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की इजाजत के बिना नहीं घुस सकती। जामिया कैंपस में बिना इजाजत घुसकर पुलिस ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो हर यूनिवर्सिटी के लिए एक खतरा है।' जावेद अपने इस ट्वीट के बाद ट्रोल हो गए।
वहीं आईपीएस अधिकारी संदीप मित्तल ने जावेद अख्तर ने जवाब दिया है और जावेद अख्तर से एक्ट, सेक्शन के बारे में पूछा है। आईपीएस संदीप मित्तल ने ट्वीट कर लिखा- 'प्रिय लॉ एक्सपर्ट, प्लीज लॉ ऑफ लैंड, सेक्शन नंबर, एक्ट के नाम को थोड़ा विस्तार से समझाएं ताकि हम भी प्रबुद्ध हों।' आईपीएस अधिकारी के इस जवाब के बाद लोग आईपीएस अधिकारी के जवाब की तारीफ कर रहे हैं।
वहीं जावेद के इस ट्वीट के बाद लोग भी उन्हें जमकर ट्रोल किया। एक यूजर ने लिखा-' देश की पुलिस बिना परमिशन नहीं घुस सकती कानून इसकी इजाजत नहीं देता। फिर देश मे बिना परमिशन घुसे घुसपैठियों को कानून क्यों इजाजत दे ??
फिर जो ये सब कुछ हो रहा है वो क्यों हो रहा है। बसों में आग लगाना, सड़कें जाम करना, पत्थर बाजी करना कानूनी है?एक अन्य यूजर ने लिखा- आर्टिकल 14 पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को प्रदर्शन ही नहीं करना चाहिए क्योंकि यहां 50% आरक्षण है। आरक्षण के टाइम आर्टिकल 14 याद नहीं आया क्या?