कोरोना महामारी के बीच बुरी तरह हिली इंडियन फिल्म इंडस्ट्री, सामने आईं ऐसी दिक्कतें

4/22/2021 3:41:19 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. कोरोना वायरस के चलते भारतीय सिनेमा को मंदी से गुजरते हुए एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। इंडस्ट्री को पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। इसका फिल्म इंडस्ट्री के बिजनैस पर भी काफी प्रभाव देखने को मिल रहा है।


फिल्म इंडस्ट्री के प्रोड्यूसर सिद्धार्थ रॉय कपूर का कहना है कि ये साल और भी कठिन हो सकता है। इस कोरोना पैंडमिक के चलते दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री जहां साल 2019 में 19,100 करोड़ रुपए पर स्टैंड करती थी, अब घटकर 72,00 पर स्टैंड करती है।


वही फिल्म इंडस्ट्री के लगभग 70 लाख वर्कर्स को भी अपने काम से हाथ धोना पड़ा है।


FICCI-EY के अनुसार, इसके चलते 1000 से लेकर 1500 तक स्क्रीन बंद हुई हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने इसकी रिक्वरी की भी थिएटर्स खुलने तक सारी उम्मीदें खत्म कर दी है।


अब सवाल ये उठता है कि इस सब के बीच इंडियन सिनेमा कैसे उबरेगा? अगर सोचा जाए कि ओटीटी पर अगर फिल्में रिलीज की जाए तो संभव हो सकता है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है। इसके लिए थिएटर पर रिलीजिंग बेहद जरूरी है। इंडस्ट्री को रि-ब्लिड करना जरूरी है। दूसरा- अगर ओटीटी फिल्मों के लिए अच्छे फाइनांस स्टूडियो लगाए जाएं और तीसरा-देश का पैंडमिक मुक्त होना सबसे जरूरी है।


SVF एंटरटेनमेंट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर विष्षु मोहता कहते हैं कि नॉर्मली हम एक साल में 10-12 फिल्में रिलीज करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौर में ओटीटी पर सिर्फ 4 फिल्में रिलीज हो पा रही हैं।


पिछले साल बड़े बजट वाली कई फिल्मों को बहुत घटिया रिस्पॉन्स मिला। इनमें सड़क 2, कूली नंबर 1, लक्ष्मी जैसी फिल्में शामिल थीं। ऐसे में अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सूर्यवंशी, राधे, थलाइवी जैसी कई बिग बजट की फिल्म टाल दी गईं हैं।

ट्रेड एनालिस्ट्स का कहना है कि इसी वजह से स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नए फिल्में लेने में सावधानी बरत रहे हैं। राज्यों में लॉकडाउन और कई पाबंदियों के फैसले से फिल्म उद्योग के बिजनेस पर काफी असर पड़ा है।
   
 


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suman prajapati


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