Exclusive Interview: जवानों के साहस की कहानी है अय्यारी

2/14/2018 1:14:55 PM

नई दिल्ली: फिल्म निर्देशक नीरज पांडे ने अपने काम के लिएहमेशा तारीफें बटोरी हैं, चाहे उनकी ‘ए वेडनेस डे’ हो या ‘स्पेशल 26’ दर्शकों ने हर बार उनके काम को सराहा है। नीरज पांडे एक बार फिर अय्यारी के जरिए ऐसे ही वास्तविक मुद्दे पर फिल्म लेकर आ रहे हैं। अय्यारी 16 फरवरी को रिलीज होगी, जिसमें सिद्धार्थ एक आर्मी ऑफिसर का किरदार निभा रहे हैं।

सिद्धार्थ के अलावा फिल्म में रकुल प्रीत और मनोज वाजपेयी भी अहम भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म में अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह भी हैं। फिल्म प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे सिद्धार्थ मल्होत्रा, रकुल प्रीत, मनोज वाजपेयी और फिल्म निर्देशक नीरज पांडे ने नवोदय टाइम्स से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

स्टारकास्ट का आइडिया हो जाता है कहानी लिखते वक्त : नीरज पाण्डेय
जब आप शिद्दत से कोई कहानी लिख रहे होते हैं तो उसी वक्त आपके जेहन में उन किरदारों का चेहरा बनने लगता है। कुछ ऐसा ही मेरे साथ अय्यारी के वक्त हुआ। 

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रोमांस के लिए लिया सिद्धार्थ को लिया

मैंने फिल्म में सिद्धार्थ को रोमांस करने के लिए ही तो लिया है। सिद्धार्थ की वजह से सेट पर अक्सर आशिकाना माहौल रहता था। शूटिंग के दौरान लड़कियां उनकी झलक पाने को दीवानी रहती थीं।  

चंद्रकांता से मिला अय्यारी नाम

दूरदर्शन पर सालों पहले आने वाले चंद्रकांता सीरियल में पहली बार अय्यारी शब्द सुना था। देवकी नंदन खत्री के उपन्यास पर आधारित इस सीरियल को बड़े ही रोचक और नाटकीय तरीके से पर्दे पर उतारा गया था। इस सीरियल में चंद्रकांता और वीरेंद्र विक्रम सिंह के प्रेम कहानी के अलावा अय्यारों की कहानी थी। मुझे मेरी फिल्म का नाम यहीं से मिला। 

 आदर्श हाउसिंग सोसायटी स्कैम पर है फिल्म :मनोज वाजपेयी
फिल्म की कहानी आदर्श हाउसिंग सोसायटी स्कैम पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने युद्ध में मारे गए सैनिकों और रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के लिए बिल्डिंग बनाने का फैसला किया था। जिसे कोलाबा में आदर्श हाउसिंग सोसायटी के नाम से बनाया गया था। बाद में आरटीआई में खुलासा हुआ कि नियमों को ताक पर रखकर इसके फ्लैट अफसरों और नेताओं को बेहद कम कीमत में दे दिए गए। इस घोटाले का पर्दाफाश 2010 में हुआ था।


 वह फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में विश्वास नहीं करते, बल्कि  फिल्म के बिजनेस के ऊपर भी उसे जज करते हैं। उनका मानना है कि एक अच्छी फिल्म अच्छी होती है चाहे वह हिट हो या फ्लॉप।वह कहते हैं, ‘मेरी फिल्में फ्लॉप होती हैं लेकिन वे अच्छी फिल्में होती हैं क्योंकि मैंने अपने रोल के साथ हमेशा पूरा न्याय किया है।’

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डरी हुई थी मनोज सर के नाम से : रकुल प्रीत सिंह
 वह मनोज वाजपेयी की फिल्में देखकर बड़ी हुई हैं। जब पहले दिन वह सेट पर पहुंची तो मनोज सर के नाम से डरी हुई थी। अंदर से नर्वस तो थी लेकिन बहुत खुश भी थी। उन्हें बाद में एहसास हुआ कि सेट पर मजा तो बस मनोज सर की वजह से आता था। 

मैं फिल्म में हैकर हूं

फिल्म में मेरे किरदार का नाम सोनल गुप्ता है, जो एक हैकर (सॉफ्टवेयर इंजीनियर) है। अब इन अय्यारों के बीच मैं कैसे हैकिंग करती हूं ये तो आपको फिल्म देखकर पता चलेगा। फिल्म में आपको रोमांस एक्शन सब कुछ मिलेगा। 

 कब से थी आर्मी यूनिफॉर्म पहनने की इच्छा: सिद्धार्थ मल्होत्रा
मेरे दादू आर्मी में थे मैंने उन्हें कभी देखा नहीं। मेरे पापा और मेरी दादी ने उनकी कई कहानियां मुझे बताई हैं और सबसे खास बात ये कि मेरी हमेशा से आर्मी वर्दी पहनने की इच्छा थी, जो इस फिल्म के जरिए पूरी हो गई।


सेट पर ऊर्जा से भरे रहते थे 

सेट पर हम सेट पर हमेशा एनर्जी से भरे रहते थे और हमारे अंदर एक अलग ही ऊर्जा रहती थी। इसकी सबसे बड़ी वजह है आर्मी यूनिफॉर्म। सिद्धार्थ ने कहा मुझे लगता है कि जब भी कोई लड़का ये यूनिफॉर्म पहनता है, उसका तौर-तरीका ही बदल जाता है। उसकी छाती चौड़ी, पीठ सीधी और चाल रौबदार हो जाती है। यही नहीं जब मैंने पहली बार अपने लुक टेस्ट के लिए भी यूनिफॉर्म पहनी थी तो मुझे एकदम साफ और आयरन की हुई कई बैचेज लगी हुई यूनिफॉर्म पहनाई गई और उस वक्तमेरी खुशी का ठिकाना नहीं था अपने आप पर बहुत फख्र महसूस हो रहा था, जो सिर्फ यूनिफॉर्म का नशा था।
 
बहुत बहादुर होते हैं हमारे जवान

इस दौरान सिद्धार्थ ने ये भी कहा कि आप सोच भी नहीं सकते कि कैसे आर्मी या बीएसएफ के जवान अपनी जिंदगी जीते हैं। वे कैसे अपने आपको हमारे लिए न्योछावर कर देते हैं। ‘अय्यारी’ की शूटिंग हमने रीयल लोकेशन पर भी की है। हम कश्मीर के पास पहलगाम के एक कैंप में थे, तो वहां बीएसएफ और बॉर्डर से आर्मी जवान आते थे। हमने देखा कि कैसे ये लोग रहते हैं, क्या खाते-पीते हैं। 


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