कभी तंगी के चलते चने खाकर गुजारा करता था ये दिग्गज स्टार, 51 रुपए में शुरू किया बॉलीवुड का सफर

12/8/2017 2:38:14 PM

मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र आज 82 साल के हो गए हैं। उन्होंने फिल्मों में अपने किरदार से लोगो के दिलों में एक अलग ही छाप छोड़ी है। कई सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुके धर्मेंद्र अभी भी फिल्मों में एक्टिव हैं।

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धर्मेंद्र जी को भले ही उनके अब तक के करियर में बहुत ज्यादा फिल्म पुरस्कारों से न नवाजा गया हो लेकिन इससे उनके फैंस का प्यार उनके लिए कभी भी कम नहीं नहीं हुआ है।

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धर्मेद्र का असली नाम धरम सिंह देओल है। उनका जन्म पंजाब के कपूरथला जिले में आठ दिसंबर, 1935 को हुआ था। वैसे असल में वह साहनेवाल गांव के रहने वाले हैं। वह पहलवानी के जबरदस्त शौकीन थे। धर्मेद्र अभिनेता सनी और बॉबी देओल के पिता हैं। धर्मेद्र 2004 से 2009 तक बीजेपी की तरफ से बीकानेर के सांसद रहे लेकिन शोले में गब्बर सिंह जैसे दुर्दात डकैत को काबू करने वाले धर्मेद्र राजनीति के वीरू नहीं बन पाए। उन्हें राजनीति रास नहीं आई।

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खबरों की मानें तो मशहूर अदाकारा सुरैया के धर्मेद्र इतने दीवाने थे कि उनकी फिल्म 'दिल्लगी' (1949) को उन्होंने 40 बार देखा। वह मीलो पैदल चलकर सिनेमाघर जाते थे। उन्होंने सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़ाई की थी।

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फिल्मों में आने से पहले धर्मेद्र रेलवे में क्लर्क थे। सवा सौ रुपये महीना उनकी तनख्वाह थी। 19 साल की उम्र में ही उनकी शादी प्रकाश कौर से हो गई। नई प्रतिभाओं की तलाश के लिए फिल्मफेयर की तरफ से आयोजित टैलेंट हंट प्रतियोगिता में धर्मेद्र विजेता बन कर बाजी मार ले गए। टैलेंट हंट जीतने के बाद भी धर्मेद्र के लिए फिल्मों की राह आसान नहीं हुई। उन्होंने कड़ा संघर्ष किया।

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कई बार वह चने खाकर बेंच पर सो जाते और कभी-कभी तो चना भी नसीब नहीं होता। वह अपने एक दोस्त के साथ जुहू में रहा करते थे। एक बार भूख से व्याकुल धर्मेद्र ने अपने दोस्त के मेज पर रखे ईसबगोल का पैकेट देखा तो उन्होंने पूरा ईसबगोल ही खा लिया। तबीयत खराब होने पर उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया।

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बता दें कि धर्मेद्र ने 'सत्यकाम' 'बंदिनी' 'शोले' 'धर्मवीर' 'अनुपमा' 'जुगनू' और 'चुपके-चुपके' जैसी एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में कीं। धर्मेद्र ने पंजाबी फिल्मों 'पुत्त जट्टां दे', 'तेरी मेरी इक जिन्दरी' आदि में भी काम किया है।

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1991 में बतौर निर्माता धर्मेद्र की फिल्म 'घायल' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। उनको 1997 में फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2012 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया। 2011 में फिल्म 'यमला पगला दीवाना' में धर्मेद्र अपने दोनें बेटों के साथ नजर आएं। उन्होंने तीन दशकों तक फिल्म उद्योग पर राज किया है. धर्मेद्र का जलवा आज भी बरकरार है।

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