महिलाओं संग बच्चों के सेक्स सीन दिखाने पर बवाल, फिल्‍ममेकर महेश मांजरेकर के ख‍िलाफ केस दर्ज

2/6/2022 8:37:51 AM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्टर और फिल्‍ममेकर महेश मांजरेकर अपनी मराठी फिल्‍म 'नाय वरनभात लोन्‍चा कोन नाय कोन्‍चा'(Nay Varan Bhat Loncha Kon Nay Koncha) के चलते विवादों में हैं। फिल्‍म के बोल्ड कॉन्‍टेंट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं, वहीं विवादों में घिरी इस‍ फिल्‍म के चलते महेश मांजरेकर कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। फिल्‍म के ख‍िलाफ दो संगठनों ने कोर्ट में श‍िकायत दी है जिसके बाद मामला दर्ज कर लिया गया।

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महिला आयोग और बाल आयोग ने भी फिल्‍म के ख‍िलाफ सख्‍ती दिखाई। फिल्‍म में बच्चों को महिलाओं के साथ सेक्सुअल एक्ट में दिखाया गया है। टीजर और ट्रेलर में कश्‍मीरा शा को एक बच्‍चे के साथ अनैतिक हालात में दिखाया गया। ट्रेलर रिलीज के बाद से ही इस फिल्‍म पर कई संगठनों ने भौंहे तान ली हैं।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र की दो संस्थाओं ने कोर्ट में फिल्‍म के ख‍िलाफ शिकायत दर्ज करवाई। महेश मांजरेकर के खिलाफ इस मामले में बांद्रा कोर्ट में शिकायत दी गई। यह श‍िकायत क्षत्रिय मराठा सेवा संस्था ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दी, जिसके बाद मांजरेकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में फिल्म से जुड़े नरेंद्र, श्रेयंस हीरावत और एनएच स्टूडियोज को भी आरोपी बनाया गया है। क्षत्रिय मराठा सेवा संस्था के वकील डीवी सरोज का कहना है कि फिल्म का कॉन्‍टेंट समाज में गलत मेसेज देता है। उन्‍होंने मांग की है कि फिल्‍म को बैन किया जाए। इस मामले में 28 फरवरी को सुनवाई होगी।

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फिल्‍म के ख‍िलाफ पॉक्सो कोर्ट में केस दर्ज करने की अर्जी दी गई है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने फिल्म के भी फिल्‍म के कॉन्‍टेंट पर ऐतराज जताया है। आयोग का कहना है कि न सिर्फ फिल्‍म के मेकर्स पर बल्‍क‍ि इसमें काम कर रहे बच्चों के पैरेंट्स पर भी एक्‍शन लिया जाना चाहिए। भारतीय स्त्री शक्ति संगठन के वकील प्रकाश सालसिंगीकर ने कहा फिल्म मेकर्स को पॉक्सो एक्ट के तहत सजा मिलनी चाहिए। 27 जनवरी को सेशन कोर्ट में पॉक्सो एक्ट के तहत केस फाइल किया गया। इसकी पहली सुनवाई 31 जनवरी को हुई। भारतीय स्त्री शक्ति की अध्यक्ष सीमा देशपांडे ने बताया कि फिल्म में जिस तरह से नाबालिग बच्चों को औरतों के साथ अनैतिक संबंध बनाते दिखाया है, वह बेहद शर्मनाक है।


 पुलिस में भी श‍िकायत दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय महिला आयोग ने फिल्म के ट्रेलर में आपत्तिजनक सीन्स को सेंसर करने की मांग की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया से टीजर हटा दिया था, लेकिन फिल्म में कोई काट-छांट नहीं की गई है।

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राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने भी फिल्‍म पर सख्‍ती दिखाई है। उन्‍होंने कहा कि ऐसी फिल्मों में बच्चों को काम करने की परमिशन देने वाले पैरेंट्स पर केस दर्ज होना चाहिए। बच्‍चे नाबालिग हैं, ऐसे में उनके फैसले पैरेंट्स ही लेते हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि बच्चों को ऐसी बोल्ड फिल्म में दिखाने पर इससे जुड़े लोगों के खिलाफ POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) का मुकदमा बनता है। आयोग की तरफ से सेंसर बोर्ड और महाराष्ट्र के DGP को भी चिट्ठी लिखी गई है।


वहीं इस मामले में महेश मांजरेकर ने भी सफाई दी है। उन्‍होंने कहा उनकी फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला है। वह कहते हैं, 'हमने फिल्म बनाई और इसे सेंसर बोर्ड को दिखाया। हमारी फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया गया है। अभी कोर्ट में मामला है। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।'


फिल्‍म 'नाय वरनभात लोन्‍चा कोन नाय कोन्‍चा' की कहानी मिल मजदूरों और उनके हड़ताल पर बेस्‍ड है। कहानी में हड़ताल के कारण मजदूरों के परिवारों की बदहाली को दिखाया गया है। फिल्‍म में दिखाया गया है कि कैसे इस कारण नैतिक रूप से भी लोग गिर जाते हैं। 

 


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Content Writer

Smita Sharma


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