"हम अंधेरे में बैठकर सिनेमा देखते हैं तो बगल में बैठे व्यक्ति की जाति नस्ल को भूल जाते हैं" : अमिताभ

11/22/2019 1:36:31 AM

मुंबईः बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। अक्सर वह अपने दिल के विचार अपने फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं। हाल ही में अमिताभ ने कहा है कि तेजी से टूटती दुनिया में केवल सिनेमा ही एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को आपस मे बांधे रख सकता है। क्योंकि सिनेमा भाषा,जाति, धर्म और नस्ल से परे होता है।
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दादा साहब फाल्के अवार्ड के लिए चयनित बिग बी ने अपनी फिल्मों के पुनरावलोकन का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। कल से यहां शुरू हुए 50 वां दादा साहब फाल्के अवार्ड में श्री बच्चन की छह फिल्में दिखाई जा रही हैं। 
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जानकारी के लिए बता दें कि इस शो का आगाज़ उनकी ‘पा' फ़िल्म से हुआ। श्री बच्चन ने दादा साहब फाल्के अवार्ड के लिए सरकार के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करके कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं। 
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उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि वह इस सम्मान के वास्तविक हकदार नही हैं फिर भी लोगों के प्यार को देखते हुए इस पुरस्कार ले रहे हैं। उन्होंने सिनेमा को विश्वव्यापी माध्यम बताते हुए कहा,‘‘जब हम एक बन्द हॉल में अंधेरे में बैठकर सिनेमा देखते हैं तो बगल में बैठे व्यक्ति की जाति नस्ल को भूल जाते हैं। सिनेमा भी भाषाओं के बंधन से परे होता है।'' 


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Pawan Insha


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