नागिन, डायन या मक्खी की धारणा पर सिमर ने दी टिप्पणी

5/28/2016 5:10:16 PM

नई दिल्ली: छोटे पर्दे के चर्चित धारावाहिक ‘ससुराल सिमर का’ में अब तक आपने काला जादू व भूत-पिशाच की एंट्री देखी होगी, लेकिन इससे दो कदम आगे बढ़ते हुए अब इसकी मुख्य किरदार सिमर भारद्वाज (दीपिका कक्कड़) श्राप के बाद मक्खी बन गई है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी विषयवस्तु को लेकर जबर्दस्त बहस छिड़ गई है। दीपिका ने हालांकि इस कदम को ‘पिछड़ी सोच नहीं बल्कि रहस्यमय सोच’ बताया है।

सोशल मीडिया ही नहीं बल्कि समीक्षक भी हैरान हैं कि छोटे पर्दे की विषय सामग्री किस ओर जा रही है। दीपिका ने एक विशेष साक्षात्कार में बताया, “नागिन, डायन या मक्खी की धारणा पिछड़ापन नहीं है। यह रहस्यमय ज्यादा है। भारतीय दर्शक हमेशा से इन रहस्यमय किरदारों से वाकिफ रहे हैं और उनका लुत्फ उठाते रहे हैं, क्योंकि ये सब उन्हें उनकी कल्पना से परे एक काल्पनिक दुनिया में ले जाते हैं।”

‘ससुराल सिमर का’ ने 2011 में कलर्स चैनल पर दो बहनों की कहानी के साथ शुरुआत की थी, जिनका ससुराल एक ही है। दीपिका (29) का कहना है कि यह सब (विषयवस्तु में अजीबोगरीब मोड़) सिमर के किरदार के अलग-अलग रंग हैं, फिर चाहे यह अपने परिवार के प्रति प्यार हो, उसकी त्याग की प्रकृति हो या अपने परिवार की रक्षा के लिए क्रोध धारण करना हो।

दीपिका ने इसे सही ठहराते हुए कहा, “डायन या मक्खी जैसे काल्पनिक किरदार सिमर के किरदार की अभिव्यक्ति हैं, जिन्हें मनोरंजन का कोटा बढ़ाने के लिए दिलचस्प तरीके से निभाया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ‘वैंपायर डायरीज’ और ‘वेर्वुल्फ’ जैसे शो हैं, जो ऐसी संकल्पनाएं दिखा रहे हैं जिनका असल जिंदगी में कोई अस्तित्व नहीं है और इसके बावजूद उन्हें जबर्दस्त सराहना मिली है और दुनियाभर के दर्शकों ने उन्हें अपनाया है।”

दीपिका ने कहा, “हमारा धारावाहिक फंतासी और लोक साहित्य की पड़ताल करता है। बुराई पर अच्छाई की जीत और साहसिक कारनामों वाली कहानियां हमेशा से सोते समय सुनाई जाने वाली कहानियों का मूल रही हैं।” दीपिका की नजर में ‘ससुराल सिमर का’ में उनका सफर आजीवन याद रहने वाला एक अनुभव है। वह धारावाहिक की क्रिएटिव टीम को श्रेय देती हैं। धारावाहिक के निर्माता रश्मि शर्मा टेलीफिल्म्स लिमिटेड है।

 

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