मेरा अलग रास्ता है मेरी सक्सेस का राज : आयुष्मान खुराना

10/30/2018 5:14:48 PM

नई दिल्ली। 'बधाई हो' फिल्म ने सभी सिनेमाघरों में धूम मचाई हुई है। जहां लोगों को इस फिल्म का कॉन्सेप्ट काफी पसंद आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ बॉक्स ऑफिस पर भी ये फिल्म एक के बाद एक सभी रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। अब तक यह फिल्म 86 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर चुकी है। फिल्म की सेक्सेस से खुश आयुष्मान खुराना ने नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी से खास बातचीत की।

फिल्म ने किया सरप्राइज
मुझे पूरी उम्मीद थी कि फिल्म अच्छा प्रदर्शन करेगी और अच्छा कलेक्शन देगी लेकिन इतनी ज्यादा सक्सेस मिलेगी इसका अंदाजा नहीं था। मेरी दोनों ही फिल्म 'अंधाधुंध' और 'बधाई' हो ने मुझे सरप्राइज किया। अंधाधुंध में थोड़ी डार्कनेस थी लेकिन उसके बावजूद लोगों ने उसे काफी पसंद किया। इन दोनों ही फिल्मों की सक्सेस को देखकर ये कह सकता हूं कि हमारी ऑडियंस बदल गई है। वो अलग और अच्छा कंटेट देखना चाहती है।

सक्सेस का ये है राज
मुझे मिली इस सक्सेस का सबसे बड़ा राज है स्क्रिप्ट सेलेक्शन। मैं अकसर वही स्क्रप्ट चुनता हूं जिसे सुनकर मुझे लगता है कि ये लोगों से इत्तेफाक रखती है और उनसे कनेक्ट करती है। मुझे ऐसी स्क्रिप्ट पसंद आती है जो बिल्कुल अलग हो, पहले कभी देखी ना गई हो और जो लोगों को दो घंटे तक खुद से बांधकर रख सके।

स्क्रिप्ट सेलेक्शन में ये होता है खास
स्क्रिप्ट सेलेक्शन के वक्त जो सबसे पहली चीज दिमाग में होती है वो है उसका कंटेंट। मैं हमेशा देखता हूं कि वो पहले कभी बना है या नहीं और वो कितना अलग है। इसके बाद मैं स्क्रिप्ट को एक ऑडियंस की तरह सुनता हूं और देखता हूं कि ये कितना काम कर रही है। अगर स्क्रिप्ट सुनने के बाद मुझे मजा आता है तभी मैं उसे चुनता हूं।

मैंने अलग रास्ता चुना
भले ही मैंने टैबू ब्रेकिंग कंटेट चुने लेकिन मुझे उनके फेल होने का डर नहीं लगा। मैंने बहुत ही अलग रास्ता चुना है। ऐसी फिल्में बननी चाहिए जिससे मिडिल क्लास लोगों में उन टॉपिक को लेकर बातें शुरू हो सकें। कहानी ऐसी होनी चाहिए जिसे सुनकर लोग हैरान भी हों, हंसे भी और बातचीत के लिए टैबू माने जाने वाले ये टॉपिक उनके लिए नॉर्मल हो जाएं।

हर फिल्म में होगा कुछ अलग
'अंधाधुंध' और 'बधाई हो' फिल्म की रिलीज के बाद लोगों से बहुत ही अच्छे रिएक्शन मिले। सब ने मुझे और फिल्म के किरदार को बहुत प्यार दिया। वो खुश हैं कि मैं कुछ अलग करने की कोशिश कर रहा हूं और वो कोशिश कामयाब हो रही है। मेरी आने वाली हर एक फिल्म अलग होगी, कुछ नया होगा उनमें। ये मैं अपनी ऑडियंस से वादा करता हूं कि जब भी वो मेरी फिल्में देखने आएंगे उन्हें उसमें कुछ अलग तो जरूर मिलेगा।

सब सपना सा लगता है
आज जब अपनी उस जिंदगी को मुड़कर देखता हूं जब मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी तो बहुत अच्छा महसूस होता है और ये सब एक सपना सा लगता है। लगता है जैसे कल ही की बात है जब मैं मुंबई आया था, लोकल ट्रेन और ऑटो से ट्रैवल करता था। ऑडिशन के लिए जाता था। जो सबसे जरूरी बात रही वो थी दिमाग को सही जगह पर रखना। सपने सच हुए हैं और आने वाले समय में भी अच्छा काम करना है।

लाइफ परफेक्ट नहीं होती
मेरी पत्नी ताहिरा मुझे बहुत हिम्मत देती हैं। वो खुद कैंसर से जूझ रही हैं और उनकी हिम्मत देखकर मुझे लगता है कि जिंदगी में कोई भी प्रॉब्लम उनके सामने छोटी पड़ती है। उनसे मैंने खुश रहना ज्यादा सीख लिया है। मुझे ये समझ में आ गया है कि कोई भी लाइफ परफेक्ट नहीं होती इसलिए हमें इस इम्परफेक्शन को सेलेब्रेट करना चाहिए।


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Chandan


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