Happy Freindship Day : ये हैं दोस्ती पर बनी फिल्में

8/2/2015 12:04:16 PM

मुंबई : वैसे तो बॉलीवुड में दोस्ती पर न जाने कितनी फिल्में और गाने बन चुके हैं  जो फ्रैंडशिप डे पर आप सभी अपने दोस्तों को डेडिकेट तो करते हैं,लेकिन कई ऐसीं फिल्में हैं जिन्होंने रियल में दोस्ती के सही मायनों को सिखाया। आइए आज फ्रैंडशिप डे के मौके पर बात करते हैं उन फिल्मों की जिनको लोग आज भी याद रखतें हैं। 

शोले
दोस्ती की बात हो और जय -वीरू का नाम न आए, ऎसा नहीं हो सकता। अमिताभ बच्चन और धर्मेद्र ने इस फिल्म में दोस्तों की कैमिस्ट्री को कुछ इस तरह दिखाया कि ये दोनों ही कैरेक्टर अमर हो गए। यह आज भी जब टॉकीज यर टीवी पर आती है, तो लोग बड़े उत्सुकता के साथ देखते हैं।

 मैंने प्यार किया 
1989 में आई फिल्म ''मैंने प्यार किया '' में सलमान खान और भाग्यश्री  यानि प्रेम और सुमन की दोस्ती कब प्यार में बदल जाती है पता भी नहीं चलता। इस फिल्म का युवाओं पर काफी असर हुआ था। 

अंदाज अपना अपना
दो स्ट्रीट स्मार्ट फ्रैंड्स की ये स्टोरी एक लॉफिंग रॉयट से कम नहीं है। अमर और प्रेम के अमीर बनने के एफट्र्स की इस जर्नी में उनके फ्रेंड्शिप के एंगल को बखूबी कैप्चर किया है। नोक झोंक से शुरू हुई दोस्ती किस तरह से गहरी होती है, इस फिल्म की खास बात थी। इसके साथ ही फिल्म में सटायर का सही इस्तेमाल किया गया था।
 
कुछ कुछ होता है 
राहुल, अंजली और टीना की इस कहानी में कॉलेज है, फ्रैंडशिप है और लव व हार्टब्रेक जैसे इमोशंस भीे। यह यूथ की फेवरिट फिल्मों से एक है। इस फिल्म के बाद इंडिया में फ्रैंडशिप डे का क्रेज बढ़ गया। फ्रैंडशिप बैंड्स भी ट्रेंड में आए। गौरतलब है कि काजोल और शाहरूख की दोस्ती ऑनस्क्रीन की तरह ऑफ स्क्रीन भी हिट है।
 
दिल चाहता है
यूथ में पॉपुलर रही मूवी मॉडर्न फ्रैंड्स की स्टोरी है। दोस्तों के इश्यूज और बिना उनके लाइफ का खालीपन, फिर एक हादसा और सभी का मिलना। स्टोरी काफी रीयल है और दिल को छूने वाली है। जिंदगी में होने वाले बदलाव के बाद दोस्ती के उतार चढ़ाव को सही तरीके से फिल्माया गया है।
 
रंग दे बसंती
फै्रंडशिप, लव, ब्लड, पेट्रियॉटिज्म जैसे इमोशन्स को समेटे यह स्टोरी फ्रैंड्स के एक ग्रुप की है। मॉर्डन यूथ की थिंकिंग को डिपिक्ट करने वाली मूवी में फ्रैंड्स की कैमिस्ट्री दिखाई गई है। दोस्ती में बिना कहे दोस्त के दिल की बात को जान लेना और जान तक देने को तैयार हो जाना।

थ्री इडियट्स
तीन डिफरेंट बैकग्राउंड को बिलॉन्ग करने वाले इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की इस कहानी में दोस्तों के बॉन्ड को दिखाया गया है। मूवी में दिखाया है कि दोस्त मतलब के लिए साथ नहीं होते, बस वे तो साथ होते हैं हर समय। दोस्त की प्रॉब्लम हो या फिर खुशी का मौका, दोस्तों का बॉन्ड एक जैसा रहता है।
 
जिंदगी ना मिलेगी दोबारा
तीन चाइल्डहुड फ्रैंड्स की यह स्टोरी सफर के साथ चलती है। दोस्तों का टकराव और फिर अपने गिले शिकवे दूर कर फिर साथ होना इस स्टोरी में काफी अच्छी तरह से पोटे्रे किया है।

 


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