Exclusive Interview : मिशन मंगल अविश्वसनीय सच्ची कहानी से कराएगी रू-ब-रू

8/14/2019 9:21:37 AM

नई दिल्ली। अक्षय कुमार (Akshay Kumar) स्टारर फिल्म (Film) मिशन मंगल (Mission Mangal) इन दिनों चर्चा में है जिसमें वो राकेश धवन (Rakesh Dhawan) नाम के वैज्ञानिक (Scientist) के किरदार में दिखाई देंगे। सच्ची घटना पर बेस्ड इस फिल्म में उन पांच महिला वैज्ञानिकों (Women Scientists) के बारे में दिखाया गया है जिन्होंने मंगल (Mars) पर उपग्रह भेजने के लिए जी तोड़ मेहनत की। जगन शक्ति द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विद्या बालन (Vidya Balan), सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha), तापसी पन्नू (Taapsee Pannu), कीर्ति कुल्हारी (Kirti Kulhari) और नित्या मेनन (Nithya Menen) इन महिला वैज्ञानिकों के किरदार को निभाती दिखेंगी। वहीं, फिल्म में शरमन जोशी (Sharman Joshi) की भी अहम भूमिका है। 15 अगस्त को रिलीज हो रही इस फिल्म के प्रमोशन के लिए दिल्ली (Delhi) पहुंचे अक्षय, सोनाक्षी, कीर्ति, नित्या और जगन ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश...

 

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डॉक्यूमेंट्री के रूप में आई थी कहानी : अक्षय कुमार

किसी भी फिल्म को एंटरटेनिंग अंदाज में पेश करने के लिए जरूरी है कि आप अपने अंदाज को बनाए रखें। जगन मेरे पास ये फिल्म एक डॉक्यूमेंट्री के रूप में लाए थे। फिर हम सब ने मिलकर इसमें बदलाव किए और इसमें एंटरटेनमेंट (Entertainment), इमोशन (Emotion), ड्रामा (Drama) और ट्रैजेडी जोड़ा। ये एक नॉर्मल कहानी है जिस पर फिल्म बनाने के लिए जरूरी था कि इसमें फिक्शन भी शामिल किया जाए।

 

एक ढांचे में नहीं होना चाहता फिट
मैंने अपने अब तक के अनुभव से यह सीखा है कि अगर मैं अपने काम में विविधता बनाए रखूंगा, तो मुझे किसी एक विशेष ढांचे में नहीं फिट किया जाएगा। करियर के शुरुआती दौर में जब मैं एक्शन फिल्मों (Action Films) में ज्यादा काम करता था, तो लोग कहते थे, ‘यह सिर्फ एक एक्शन हीरो (Action Hero) है, इससे और कुछ नहीं होगा।’ इसके बाद मैंने कॉमेडी (Comedy) में हाथ आजमाया तो लोगों ने मुझे कॉमेडी हीरो की श्रेणी में डाल दिया। यही वजह है कि अब मैं विविधतापूर्ण अलग-अलग तरह की फिल्में कर रहा हूं।



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एक्टर बनना जिंदगी का सबसे बड़ा एक्सपेरिमेंट
मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक एक्टर के तौर पर बॉलीवुड का हिस्सा बनूंगा। ये सभी चीजें अपने आप होती गईं। कह सकता हूं ये मेरी जिंदगी मेरे साथ एक्सपेरिमेंट करती रही है और ये जिंदगी का सबसे बड़ा एक्सपेरिमेंट था मेरे साथ। एक्टर बनने के बाद मैंने बहुत सारी गलतियां की हैं जैसे कि दोस्ती-यारी में मैंने बहुत सी फिल्में साइन की। फिल्में शुरू की, कई बार तो बिना स्क्रिप्ट सुने ही फिल्म का हिस्सा बना। गलतियों से सीखता गया और काम 
करता गया। 

 

इस फिल्म की कहानी बहुत ही रोमांचक है। ये हमारे देश की बहुत बड़ी सफलता थी जो इस फिल्म से जुडऩे की सबसे बड़ी वजह थी। मुझे हमेशा पता था कि जगन शक्ति बहुत ही अच्छे डायरेक्टर बनेंगे और मैंने उन्हें कहा था कि जब भी वो अपनी पहली फिल्म बनाएं तो मुझे जरूर लें और जब ये फिल्म मुझे मिली तो बहुत खुशी हुई। इसके अलावा अक्षय के साथ भी काम करके बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मेरी दूसरी ही फिल्म अक्षय के साथ थी तो मैं आज जो भी वर्क एथिक फॉलो करती हूं वो मैंने इनसे ही सीखा है। मुझे अक्षय ने सिखाया है कि जो काम आपको मिले उसे करते रहो। 

 

जो दिखता है वो बिकता है
ये फिल्म हम सभी के लिए टीम वर्क था। सेट पर इतने सारे लोग मौजूद होने के बाद भी शूटिंग के दौरान हमें कभी छोटा या बड़ा जैसा महसूस नहीं हुआ। अक्षय इस फिल्म में सबसे बड़े एक्टर हैं और अगर उनके फिल्मों के कलेक्शन को देखा जाए तो पूरी फिल्म इंडस्ट्री में वो सबसे ज्यादा बिकने वाले स्टार हैं और शायद यही वजह है कि फिल्म के पोस्टर में उन्हें ज्यादा जगह दी गई है। बहुत पहले मुझसे किसी ने कहा था कि जो दिखता है वो बिकता है जो सही भी है। 

 

बॉलीवुड डेब्यू के लिए बहुत ही अच्छी फिल्म: नित्या मेनन

ये मेरी पहली बॉलीवुड फिल्म (Bollywood Film) है और ये इंडस्ट्री मेरे लिए बिल्कुल नई थी। मुझे नहीं पता था कि मैं यहां किससे क्या उम्मीद करूं लेकिन मैं ये कह सकती हूं कि बॉलीवुड में मेरे डेब्यू के लिए ये बहुत ही अच्छी फिल्म थी। मैंने अपनी जिंदगी में पहले जितनी फिल्में की हैं ये उन सबसे आसान थी। सभी ने खासकर अक्षय और विद्या ने मेरे लिए हर चीज बहुत ही आसान बना दी थी जो बहुत ही अद्भुत था।

 

एक्टर से बड़ी होनी चाहिए फिल्म 
मैं हमेशा से ही फिल्मों के कंटेंट पर ज्यादा फोकस करती हूं फिर चाहे वो हिंदी फिल्म हो या फिर साउथ की  और यही सबसे बड़ी वजह  ‘मिशन मंगल’ से जुडऩे की। अपनी पहचान बनाने के लिए आपको एक बॉलीवुड एक्टर होना जरूरी नहीं है। मेरे लिए एक फिल्म उसके अभिनेता से बड़ी होनी चाहिए। यही एक तरीका है जिससे हम अच्छी फिल्में बना सकते हैं। एक फिल्म औसत दर्जे की हो जाती है जब अभिनेता कहानी से बड़ा हो जाता है। यह एक असंतुलन पैदा करता है। जब से मैंने अपने करियर की शुरुआत की है तब से मैं सिर्फ एक एक्टर बनना चाहती थी।

 

ऐसी फिल्मों से है लगाव कीर्ति कुल्हारी

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फिल्म उरी करने के बाद इस तरह की सच्ची कहानियों से मेरा लगाव बढ़ गया है। ये कहानियां इतनी बड़ी होती हैं कि लगता है जैसे कोई फिक्शन होगा लेकिन ये सच होती हैं। इस फिल्म की कहानी सुनते ही लगा कि मुझे इसका हिस्सा बनना ही चाहिए। जब मेरे पास ये फिल्म आई तो बाकी एक्टर्स इसका हिस्सा बन चुके थे तो कहानी के साथ-साथ इन सभी एक्टर्स के साथ काम करना, हर तरह से मेरा फायदा ही फायदा था जिसकी वजह से मैं इस फिल्म का हिस्सा बन गई।

मंगल तक पहुंच कर भी हवा में नहीं उड़ते अक्षय कुमार
अक्षय की जिंदगी में जो अनुशासन है वो उनकी हर चीज में दिखता है और वो मेरे लिए काफी प्रेरणात्मक है। वो हर किसी का ख्याल रखते हैं और सबके बारे में सोचते हैं जो काफी कम लोगों में देखने को मिलता है। इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी जमीन से जुड़े हुए हैं। अक्षय की खासियत ये है कि कोई इनके साथ पहली बार भी काम करे तो ये उसे बहुत ही कंफर्टेबल कर देते हैं।

इसरो ने इस मिशन को बनाया संभव : जगन
ये एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट था और इस पर काम करने में मेरी बहन ने मेरी काफी मदद की। मेरी बहन इसरो में काम करती है जिसकी मदद से मैंने मंगलयान से जुड़े कई लोगों के इंटरव्यू करे। इसरो ने हमारी काफी मदद की वैज्ञानिकों और इस मिशन से जुड़ी सामग्री तक पहुंचने में। ये कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म के इस मिशन को इसरो ने ही संभव बनाया।

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होम साइंस से बनाया रॉकेट साइंस को सिंपल
लोगों तक इस स्टोरी को सिंपल तरीके से पहुंचाने के लिए हमने होम साइंस का तरीका इस्तेमाल किया। इसका फायदा ये होगा कि जो नहीं भी पढ़ा लिखा व्यक्ति है उसे भी ये रॉकेट साइंस आसानी से समझ आ जाएगी जो हमारा मुख्य लक्ष्य था।


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Chandan


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