Movie Review : ‘वजीर’

1/8/2016 4:35:14 PM

मुंबई : बिजॉय नांबियार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘वजीर’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म में महानायक अमिताभ बच्चन और फरहान अख्तर के साथ-साथ शतरंज का खेल भी अहम किरदार है। एक बेहद दमदार शुरुआत के बाद ये फिल्म, सेकंड हाफ़ में बिखरती चली जाती है। फिल्म का बड़ा सस्पेंस बेहद फिल्मी और तर्क से परे लगता है। एटीएस ऑफिसर दानिश अली (फरहान अख्तर) पत्नी रुहाना (अदिति राव हैदरी) और बेटी के साथ खुशी से जिंदगी बिता रहा है. मगर एक हादसा उनकी ज़िदगी को हिला कर रख देता है. दानिश खुद को इस हादसे का ज़िम्मेदार मानता है. उसे एटीएस की नौकरी से भी सस्पेंड कर दिया जाता है. ऐसे वक़्त में उसकी मुलाक़ात पंडित ओंकारनाथ धर (अमिताभ बच्चन) से होती है। पंडित जी चल नहीं सकते और व्हील चेयर पर हैं।  फिल्म की जान हैं फरहान और अमिताभ बच्चन के साथ में सीन. किस तरह उनके किरदार एक-दूसरे दर्द में सहारा ढूंढ लेते हैं। 

फिल्म का केन्द्र अमिताभ बच्चन ही हैं। उन्होंने एक मजबूर पिता और शतरंज के माहिर का किरदार बख़ूबी निभाया है। फरहान अख़्तर ने बहुत अच्छा अभिनय किया है. ख़ासतौर पर शुरुआत के सीन जहां वो हादसे के बाद परेशान है, वो बिलकुल लाउड नहीं लगते। विलेन के रोल में मानव कौल के पास करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं था मगर फ़राहान के साथ पहले सीन में वो असर छोड़ जाते हैं. नील नितिन मुकेश और अदिति राव हैदरी ने अपने रोल ठीकठाक निभाए हैं। इस फिल्म को हम देते हैं 3 स्टार्स। 


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