Zwigato: जब डिप्रेशन में चले गए थे Kapil Sharma, आता था सुसाइड का ख्याल, ऐसे किया था मुश्किल का सामना

3/12/2023 12:41:16 PM

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। फेमस कॉमेडियन व एक्टर कपिल शर्मा (Kapil Sharma) इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ज्विगाटो को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। वहीं, फिल्म मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। ऐसे में कपिल भी फिल्म के प्रमोशन में लग गए हैं। जहां उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया है। 

 

इस इंटरव्य के दौरान कपिल ने अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे एक समय था जब वह बूरी तरह टूट गए थे, और डिप्रेशन में चले गए थे। कपिल की 2017 में आई फिल्म 'फिरंगी' जब बॉक्स ऑफिस बूरी तरह फ्लॉप हुई थी। उस दौरान कॉमेडियन को एक कठिन दौर से गुजरना पड़ा। उन्होंने बताया कि वह डिप्रेशन में चले गए थे। कई बार तो उन्हें आत्महत्या के ख्याल भी आते थे। कपिल ने इस दौर को याद कर बताया है कि कैसे वो इससे उभरे। 

इंटरव्यू में कपिल ने बताया कि- एक पब्लिक फिगर के तौर पर करोड़ो लोग आपतो जानते हैं, आप उनका मनोरंजन करते हैं, लेकिन जब आप घर आते हैं तो आप अकेले होते हैं। आप सामान्य जीवन जीने की स्थिति में भी नहीं हैं जहां आप बाहर जा सकते हैं, समुद्र तट पर बैठ सकते हैं और समुद्र को देख सकते हैं। आप दो कमरे के फ्लैट में रहते हैं, और जब शाम को बाहर अंधेरा हो जाता है, तो मैं यह नहीं बता सकता कि उस स्थिति में कितना बुरा लग रहा है।" 

कपिल ने आगे कहा- "कुछ भी स्थायी नहीं है, न खुशी और न ही दुख। अपनी फिल्म की असफलता के बाद मैंने अपने जीवन को समाप्त करने के बारे में सोचा था। मैंने सोचा कि ऐसा कोई नहीं है जिसके साथ मैं अपनी फीलिंग्स को शेयर कर सकूं। मैं जहां से आता हूं, मेंटल हेल्थ ऐसी चीज नहीं है, जिस पर चर्चा की जाए। मुझे नही लगता कि यह पहली बार था जब मैं इस दौर से गुजरा था। हो सकता है, बचपन में मुझे लो फील हुआ हो, लेकिन किसी ने नोटिस नहीं किया होगा।" 

कपिल अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, जब आप एक बार पैसे कमाने के लिए घर से निकलते हैं, तो बाहर आपका ख्याल रखने, चीजों को समझाने वाला कोई नहीं होता। आप इस बात को समझ नहीं पाते कि आपके इर्द गिर्द रहने वाले लोगों के क्या इरादे हैं, खासकर जब यदि आप एक कलाकार हो, लेकिन जब आप इस तरह के दौर से गुजर रहे होते हैं, तो आप अपने आसपास चर रही चीजों पर ध्यान देना शुरु कर देते हैं। आपको सब समझ मेंआनेलगता है, आपकी आंखे खुल जाती है। अगर कोई कलाकार संवेदनशील है तो इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि वह बेवकूफ है। कपिल ने आगे कहा कि जब मैं उन बातों के बारे में सोचता हूं तो मुझे लगत है कि यह एक अच्छा दौर था, इसके बाद जिंदगी फिल्टर हो गई। अगर वो दौर नहीं आता तो मैंने जो अपनी जिंदगी में छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेना सीखा है, वो सब नहीं होता। 


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Content Editor

kahkasha


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