Review: मुग़ल सल्तनत की बुनियाद रखने वाले बाबर की कहानी को फिक्शन की तरह दिखाने की कोशिश है The Empire

9/1/2021 1:01:30 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. अपने धमाकेदार और ग्रैंड प्रोमो के साथ ‘द अंपायर’  ने दर्शकों के दिलों में बड़ी एक्साइटमेंट जगाई थी। शबाना आजमी, डिनो मोरिया, कुणाल कपूर, आदित्य सील और दृष्टि धामी जैसे सितारों से सजी वेब सीरीज उत्तर दिशा/मध्य एशिया से भारत आने वाले पहले मुगल बादशाह बाबर की जिंदगी की दास्तान है। मिताक्षरा कुमार द्वारा निर्देशित वेब सीरीज बाबर को महान राजा नहीं बल्कि बादशाह के हरम में हो रहे पॉलिटिक्स का एक कमजोर प्यादा बनाकर पेश करती हैं।


कहानी
द अंपायर की शुरुआत 14 साल के बाबर के साथ होती है जो एक तरफ युद्धनीति सिख रहा हैं, तो दूसरी तरफ वह अपने पिता से कला का पाठ पढ़ रहा है। बाबर का पिता उसे बताता है कि यहां से बहुत दूर हिंदुस्तान है, जो दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में है। वह बाबर को वहां जाने और बसने का सपना दिखाता है क्योंकि तुर्क-मंगोलों-अफगानों की धरती पर जीवन की कभी खत्म न होने वाली मुश्किलें हैं और आततायी दुश्मनों से कड़ा संघर्ष है। पिता से हिंदुस्तान के बारे में सुनकर बाबर वहां राज करने का सपना देखने लगता है।


इसकी शुरुआत पानीपत की पहली लड़ाई अप्रैल 1526 से होती है, जहां मैदान में करीब-करीब हथियार डाल चुका जहीरुद्दीन-मोहम्मद-बाबर अपनी जिंदगी के सफर को याद कर रहा है। कहानी फ्लैशबैक में समरकंद और फरगना पहुंचती है, जहां पिता की मृत्यु के बाद 14 साल के बाबर को नानी (शबाना आजमी) फरगना के तख्त पर बैठा देती है परंतु फरगना के दुश्मन शैबानी खान (डिनो मोरिया) की नजरें यहां गड़ी है। वह फरगना और समरकंद, दोनों पर कब्जा चाहता है। बाबर अमन पसंद है। उसे परिवार तथा अवाम की चिंता है। वह खून-खराबा नहीं चाहता। उसे पिता का दिखाया ख्वाब भी याद है। बाबर शैबानी खान के सामने प्रस्ताव रखता है कि अगर उसे परिवार और शुभचिंतकों समेत किले से निकल जाने दे, वह हमेशा के लिए चला जाएगा। शैबानी मान जाता है मगर इस शर्त पर कि बाबर अपनी खूबसूरत बहन खानजादा (दृष्टि धामी) वहीं उसके पास छोड़ जाए।

 

वेब सीरीज में बाबर की कहानी उसकी जिंदगी में आए उतार-चढ़ावों और संघर्षों को दिखाती है। कैसे वह मुश्किलों को पार करता हुआ काबुल होते हुए हिंदुस्तान पहुंचा। उसका पारिवारिक और राजनीतिक संघर्ष कैसा था। नानी के अतिरिक्त बहन और बेगमों ने उसके जीवन पर कैसा असर डाला। बाबर से शुरू हुई यह कहानी उसके बेटे हुमायूं, कामरान और बाबर के भारतीय साम्राज्य के वर्चस्व की दास्तां भी बयां करती है। मेकर्स के अथक प्रयासों के बावजूद भी बाबर को एक कमजोर, अपनी प्रजा को दुश्मन के हाथ छोड़कर भागने वाला कमजोर राजा दिखती है।


एक्टिंग
बाबर की भूमिका निभाने वाले कुणाल कपूर ने एक कोमल, दयालु, आज्ञाकारी फिर भी लापरवाह राजा का किरदार बखूबी निभाया है। नानीजान के किरदार में शबाना आजमी ने खूब जलेवे बिखेरे हैं। वहीं इस सीरीज से  डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस दृष्टि धामी ने भी खानजादा की भूमिका कमाल किया है। शैबानी खान के किरदार में डीनो मोरिया भी जमे हैं।

 

बता दें, द एंपायर एलेक्स रदरफोर्ड के छह ऐतिहासिक उपन्यासों की सीरीज ‘एंपायर ऑफ द मुगल’ की पहली कड़ी ‘राइडर्स फ्रॉम द नॉर्थ’ पर आधारित है।

Content Writer

suman prajapati