''भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु वो हैं जिन्होंने झुकने भीख मांगने से इंकार किया'' विशाल ददलानी ने कंगना को पढ़ाया आजादी का पाठ,बोले-''फिर कभी भूलने की हिम्मत...

11/14/2021 10:40:15 AM

मुंबई: एक्ट्रेस कंगना रनौत ने हाल ही में भारत की आजादी को लेकर एक बयान दिया जिस पर खूब बवाल मच रहा है। 1947 में मिली आजादी को कंगना ने  'भीख' बताया था। कंगना के इस बयान के बाद से ही उनका जमकर विरोध हो रहा है। एक्ट्रेस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की भी मांग उठ गई है। बी-टाउन से जुड़े कई स्टार्स ने भी इस मामले में अपने विचार दिए और कंगना को जमकर फटकार लगाई। अब इस मामले में सिंगर और म्यूजिक कंपोजर विशाल ददलानी ने रिएक्ट किया।

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विशाल ददलानी ने कंगना का नाम लिए बिना एक स्ट्रॉन्ग मेसेज के साथ इंस्टाग्राम पर शेयर किया जिसकी खूब चर्चा हो रही है। विशाल ददलानी ने अपने इंस्टा अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की जिसमें वह शहीद भगत सिंह की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहने नजर आ रहे हैं। टी-शर्ट पर जिंदाबाद लिखा है।

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तस्वीर के साथ विशाल ददलानी ने कैप्शन में लिखा- 'उस महिला को याद दिलाएं, जिसने कहा था कि हमारी आजादी 'भीख' थी। मेरी टी-शर्ट पर शहीद सरदार भगत सिंह हैं जो नास्तिक, कवि दार्शनिक, स्वतंत्रता सेनानी, भारत के बेटे और किसान के बेटे हैं। उन्होंने 23 साल की उम्र में हमारी आजादी के लिए, भारत की आजादी के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी। वह अपने होंठों पर मुस्कान और एक गीत गाते हुए फांसी पर चढ़ गए थे।'

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विशाल ददलानी ने आगे लिखा-'उन्हें सुखदेव, राजगुरु, अशफाकउल्लाह, और हजारों अन्य जिन्होंने झुकने से इंकार कर दिया, उन्होंने भीख मांगने से इंकार कर दिया उनके बारे में याद दिलाएं। उन्हें विनम्रता और दृढ़ता से याद दिलाएं ताकि वह फिर कभी भूलने की हिम्मत न कर सकें।'

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कंगना ने हाल ही एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में कहा था कि 1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई। इस पर खूब बवाल मच रहा है। हर तरफ उनकी आलोचना हो रही है। 

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वहीं कंगना के इस बयान पर लोगों ने उनसे  पद्म श्री सम्मान वापस लिए जाने की भी मांग की तब एक्ट्रेस ने सफाई दी हालांकि इस बयान में भी उनके बोल बिगड़े दिखे। उन्होंने कहा ति अगर कोई उन्हें यह बताए कि 1947 में क्या हुआ था तो वह अपना पद्म श्री सम्मान लौटा देंगी।

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कंगना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा-'इस इंटरव्यू में सारी बातें साफ तौर पर कही गई थीं कि 1857 में आजादी के लिए पहली संगठित लड़ाई लड़ी गई....साथ में सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी के बलिदान पर भी बात की गई। 1857 का मुझे पता है लेकिन 1947 में कौन सी लड़ाई लड़ी गई इसकी मुझे जानकारी नहीं है। अगर कोई मेरी इस बात पर जानकारी बढ़ाए तो मैं अपना पद्म श्री अवॉर्ड वापस कर माफी मांग लूंगी... कृपया मेरी मदद करें।'
 


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Content Writer

Smita Sharma


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