'लंका दहन' सीन शूट करना दारा सिंह के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण, पिता के किरदार को लेकर बेटे ने कही ये बात
6/5/2020 4:26:49 PM
मुंबई: रामानंद सागर के महाकाव्य 'रामायण' के दोबारा मार्च, 2020 में टेलीविजन पर वापसी करते ही स्टार प्लस के दर्शकों को ध्यान आकर्षित कर लिया। तीन दशक पहले भी इस शो को देखने के लिए दर्शकों का हुजूम घरों में कुछ यूहीं लगा करता था।इस शो में अरुण गोविल भगवान राम की भूमिका में हैं, दीपिका सीता के रूप में, रावण के रूप में अरविंद त्रिवेदी और लक्ष्मण के रूप में सुनील लहरी जी प्रमुख किरदार में दिखाई दे रहे हैं।
इसका हर किरदार अपने आप में बहुत चर्चित था। रामायण के सबसे प्रिय और महत्वपूर्ण किरदारों में से एक थे हनुमान जी। यह किरदार दारा सिंह द्वारा निभाया गया था। महान दिवंगत एक्टर दारा सिंह ने इंडस्ट्री में अपने महत्वपूर्ण कामों को विरासत को पीछे छोड़ दिया है जो लोगों को आज भी बहुत प्रेरित करते हैं।
हाल ही में, रामायण के सबसे महत्वपूर्ण दृश्यों में से एक दृश्य दर्शकों को जल्द ही देखने को मिलने वाला है, जो लंका दहन है, जहां हनुमान जी को रावण की सेना द्वारा कब्जा कर लिया जाता है और उनकी पूंछ पर आग लगा दी जाती है, लेकिन वह अपने बंधनों से छूटकर बच जाते हैं और एक छत से दूसरी छत पर छलांग लगाते हैं और ऐसे रावण के गढ़ में आग लग जाती है।
इस महाकाव्य के सीक्वेंस पर बात करते हुए लेखक प्रेम सागर जी ने बताया कि,"डॉ. रामानंद सागर और उनकी टीम द्वारा इस सीक्वेंस पर बहुत विचार करके लंका दहन चैप्टर तैयार किया गया था। इस सीक्वेंस को दारा सिंह जी के अभिनय उनके हावभाव और अरविंद जी (रावण) के स्ट्रांग डायलॉग डिलीवरी की आवश्यकता थी, जो आनंद सागर जी के क्रिएटिव शूटिंग ऐंगल्स को पूरा करते।
इस सीक्वेंस के लिए, हमने विशेष रूप से आर्टिफिशियल-टेल एक्सपर्ट को हायर किया था क्योंकि पूंछ में आग पकड़ना जरुरी था और हम सिर्फ रस्सियों का उपयोग नहीं कर सकते थे। दारा सिंह जी इस दृश्य के दौरान हर दिन छह घंटे तक़रीबन 7 दिनों तक इस सीन के दौरान भूखे रहते थे और फिर भी उन्होंने इतने दृढ़ विश्वास के साथ अपना प्रदर्शन किया। आनंद सागर जी ने उन दिनों में उपलब्ध सभी संभव तकनीक और कलाकृतियों का उपयोग करते हुए बड़ी ख़ूबसूरती से यह सीन शूट किया।
इसपर दारा सिंह जी के बेटे विंदू दारा सिंह ने कुछ महत्वपूर्ण बातों को साझा करते हुए कहा," लंका दहन का सीक्वेंस मेरे पिता जी द्वारा किए गए सबसे चुनौतीपूर्ण दृश्यों में से एक है। उन्होंने हमेशा जो कुछ भी किया उनमें अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश की है, लेकिन बिना कपड़ों के शूटिंग करना हमेशा चुनौतियों के साथ-साथ जोखिमभरा भी होता है। इसके आलावा उन्होंने भारी मेकअप भी किया था, पर उन्होंने इसपर कभी शिकायत नहीं की। उन्होंने असली फाइटर्स के साथ हमेशा खुदके स्टंट्स किए। मेरे पिता जी की नकली पूंछ को जलाने से पहले, रामानंद सागर जी ने सभी जरुरी एहतियात बरते और इस सीन को अच्छे से शूट किया गया। मैं स्टार प्लस के दर्शकों से अनुरोध करता हूं कि चैनल पर इस सीक्वेंस को जरूर देखें और डॉ. रामानंद सागर जी और मेरे पिताजी के अद्भुद काम को जरूर देखें ।