दादा साहेब फाल्‍के अवॉर्ड से सम्मानित होंगी आशा पारेख, 30 सितंबर को मिलेगा पुरस्कार

9/27/2022 1:45:26 PM

 

मुंबई: 60-70 के दशक की फेमस एक्ट्रेस आशा पारेख को इस साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी। हिंदी सिनेमा में अतुलनीय योगदान के लिए आशा पारेख को 30 सितंबर को अवॉर्ड दिया जाएगा। 

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आशा पारेश को ये सम्मान 68वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में दिया जाएगा। आखिरी बार ये अवॉर्ड 2019 में हुआ था जिसमें साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। आशा भोसले से पहले  2000 में सिंगर आशा भोसले को ये अवॉर्ड दिया गया था जिसके बाद आशा पारेख ये जीतने वाली पहली महिला हैं।

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आशा पारेख ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में बेबी आशा पारेख नाम से की थी। दस साल की उम्र में मां फिल्म (1952) से उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू किया था।  इसके बाद बिमल रॉय की फिल्म 'बाप बेटी' (1954) में उन्होंने काम किया, लेकिन इसकी असफलता ने उन्हें इस कदर निराश किया कि उन्होंने फिल्मों में काम न करने का फैसला ले लिया।

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आशा ने 16 साल की उम्र में फिल्मों में वापसी का फैसला लिया। बतौर एक्ट्रेस उनकी पहली फिल्म 'दिल दे के देखो' थी। स फिल्म में शम्मी कपूर उनके अपोजिट रोल में थे। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और आशा रातों रात बॉलीवुड की सुपरस्टार बन गईं। 

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इसके बाद वह बैक टू बैक कई फिल्मों में काम करती गई और एक समय ऐसा आया कि वह इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा फीस लेने वाली हीरोइन बन चुकी थीं। इस फिल्म के बाद हुसैन ने आशा को 6 और फिल्मों 'जब प्यार किसी से होता है' (1961), 'फिर वही दिल लाया हूं' (1963), 'तीसरी मंजिल' (1966), 'बहारों के सपने' (1967), 'प्यार का मौसम' (1969) और 'कारवां' (1971) के लिए साइन कर लिया और सभी ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता बटोरी।

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आशा पारेख ने बॉलीवुड की करीब 95 फिल्मों में काम किया है। साल 1999 में आई फिल्म 'सर आंखों पर' वे आखिरी बार नजर आई थीं। आशा भोसले को 11 बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड,1992 में उन्हें भारत सरकार की ओर से देश के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था।


 

 


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Content Writer

Smita Sharma


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