लिपुलेख मामला: नेपाल का समर्थन करने पर ट्रोल हुईं एक्ट्रेस मनीषा कोइराला,यूजर्स ने किए ऐसे कमेंट

5/20/2020 1:23:06 PM

मुंबई: भारत और नेपाल के बीच लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। नेपाल ने एक नया नक्‍शा जारी करके इनमें से दो क्षेत्रों को अपने नक्‍शे में दिखा दिया। वहीं भारत और नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद में अब एक्ट्रेस मनीषा कोइराला भी शामिल हो गईं हैं। मनीषा ने नेपाल द्वारा कालापानी और लिपुलेख को अपने नक्शे में शामिल करने का समर्थन किया है। जिसके बाद से सोशल वॉर शुरू हो गई।

मनीषा का यह ट्वीट उनके भारतीय फैंस को ठीक नहीं लगा और उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। फैंस का कहना है कि मनीषा ने जो शोहरत हासिल की है वह भारत ने उन्हें दी है। ऐसे में उन्हें इस मामले में नहीं बोलना चाहिए।

दरअसल, मनीषा ने अपने ट्वीट में नेपाली सरकार को धन्यवाद दिया था। इसके साथ ही भारत, नेपाल और चीन का जिक्र करते हुए कहा था कि वह 'सभी तीन महान देशों' के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बातचीत की उम्मीद करती हैं। इसके बाद मनीषा के इस ट्वीट के जवाब में ट्विटर पर कमेंट्स की बारिश होने लगी।

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने अपने ट्वीट मे लिखा था- 'मंत्रिपरिषद ने अपने 7 प्रांतों, 77 जिलों और 753 स्थानीय प्रशासनिक प्रभागों को दिखाते हुए देश का एक नया नक्शा प्रकाशित करने का फैसला किया है। इसमें 'लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी' भी शामिल हैं। आधिकारिक नक्शा जल्द ही देश का भूमि प्रबंधन मंत्रालय प्रकाशित करेगा।'

 


 

यूजर्स ने किए ऐसे कमेंट 

जहां आजकल ट्विटर पर ट्रोल करना आम बात है वहीं मनीषा से असहमत लोगों ने थोड़ा संयम दिखाते हुए यही कहा कि नेपाल को चीन से सतर्क रहना चाहिए, वरना नेपाल का भी हाल तिब्‍बत जैसा न हो जाए। एक ट्विटर यूजर ने लिखा-'आप अपने जगह सही हो। हम ही उदार ,और महान बनने निकल जाते हैं। हम भारतीय भी अब आपकी तरह सोचेंगे।'

एक यूजर ने मनीषा के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए जवाब दिया-'मनीषा बहुत जल्द, नेपाल पर चीन कब्जा कर लेगी, अब भारत को नेपाल की मदद नहीं करनी चाहिए और नेपाल द्वारा  जारी किए गए नये नक्शे का भारत को दृढ़ता से विरोध करना चाहिए। वहीं एक अन्य यूजर ने मनीषा को जवाब दिया- आप गोरखा सेना की मदद से अपने प्रदेशों की रक्षा कर रहे हैं।

यदि वे आपका समर्थन नहीं करते हैं तो चीन और पाकिस्तान आपके राष्ट्र पर शासन करेंगे। आपको नेपाल के बारे में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। बेहतर ये होगा कि आप अपनी सेना बनाइए और रक्षा स्वयं कीजिए। अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर रहना शर्मनाक बात है। बता दें इस विवाद की शुरुआत सन् 1816 में हुई थी। जब ब्रिटिश के हाथों नेपाल के राजा कई इलाकों को हार गए थे जिनमें लिपुलेख और कालापानी शामिल हैं। इस बात के सुबूत सुगौली की संधि में मिलते हैं।

Smita Sharma