मुस्लिम कट्टरपंथियों को उर्फी जावेद का करारा जवाब- कुरान में नहीं लिखा कि औरतो को जबरदस्ती पर्दा कराओ, मर्दों को नजरों का पर्दा करना जरूरी

12/31/2021 12:59:32 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. एक्ट्रेस उर्फी जावेद उन एक्ट्रेसेस में से एक हैं, जो अपने काम से ज्यादा लुक्स को लेकर चर्चा में रहती हैं। वो अपने हर लुक को बोल्डनेस के साथ कैरी करती हैं और सामने वाले के होश उड़ा देती है। बोल्ड लुक के अलावा कई बार उर्फी अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में आ जाती हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने मुस्लिम कट्टरपंथियों पर निशाना साधा है और बोल्ड फोटोज पर कमेंट करने वालों को करारा जवाब दिया है। 


हाल ही में सोशल मीडिया पर उर्फी जावेद का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रही हैं- 'वो सभी मुस्लिम कट्टरपंथी, जो मेरी फोटोज पर लगातार कमेंट कर रहे हैं कि मैं इस्लाम के नाम पर धब्बा हूं। मेरे खिलाफ फतवा जारी कर देना चाहिए। मेरे कपड़े ऐसे नहीं वैसे नहीं... आपको पता है कि कुरान में ये कहीं पर भी नहीं लिखा है कि आप एक औरत को जबरदस्ती पर्दा कराओ। ये जरूर लिखा है कि एक औरत को पर्दा करना चाहिए, लेकिन ये नहीं लिखा कि अगर वो नहीं कर रही है तो जबरदस्ती उस पर गालियों की बौछार करो। उसको इतना शर्मिंदा करो कि वो खुद ही पर्दे में आ जाए। नहीं लिखा है, आप जाकर फिर से कुरान पढ़ो। हां, लेकिन ये जरूर लिखा है कि मर्दों को नज़रों का पर्दा करना जरूरी है।'

 

एक्ट्रेस बोलीं-  'एक आदमी औरतों को शादी से पहले उस नजरिए से देख ही नहीं सकता है। तो जो लोग इंस्टाग्राम पर आकर लड़कियों को देखते हैं, फिर उनकी फोटोज पर फालतू कमेंट्स भी करते हैं। ये हराम है। आप ये सब नहीं कर सकते हैं। आप ऐसे औरतों की पिक्चर्स नहीं देख सकते। स्पेशली जब उन्होंने कपड़े नहीं पहने हैं। बहुत गलत कर रहे हो आप और जो इस्लाम से नियम बने थे, वो डेढ़ हजार साल पहले बने थे, जब औरतों के पास कोई अधिकार नहीं थे।'

 

उर्फी ने आगे कहा- 'इस्लाम में चार शादियों को इसीलिए मंजूरी दी गई, क्योंकि उस टाइम पर औरतों के पति मर जाते थे तो लोग उनका रेप कर देते थे। उनके पास इतना राइट नहीं था कि वो जाकर न्याय मांगें। वो एक औरत की मॉडिस्टी को प्रोटक्ट करने के लिए चार शादियां अलाउड की गईं। लेकिन डेढ़ हजार साल बाद, क्या मैं दबी हुई मुस्लिम महिला की तरह लगती हूं? नहीं, मैं नहीं हूं। मैं आपकी हेल्प नहीं मांग रही हूं तो आपकी सलाह भी नहीं मांग रही हूं। मुझे सलाह देना बंद करो कि मैं अपनी बॉडी के साथ क्या करूं। कैसे कपड़े पहनूं। कितनी ऐसी इस्लाम में चीजें लिखी हैं, जो आप खुद फॉलो नहीं करते हो, लेकिन एक लड़की को हिदायत देते हो कि ऐसे नहीं, वैसे कपड़े पहनो।'

 

उर्फी ने बोला, 'आप क्या करते हो? आपको पता ही होगा कि इस्लाम में प्री-मैरिटल सेक्स हराम है, लेकिन आप करते हो। और इनमें से कितने ऐसे लोग हैं, जो पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं? मुझे तो लगता ही नहीं कि कोई भी ऐसा होगा, क्योंकि अगर आप पांच वक्त की नमाज पढ़ते होते तो इंस्टाग्राम पर लड़कियों की पिक्चर्स पर कमेंट करने का इतना टाइम नहीं मिलता। मैं इस्लाम फॉलो भी नहीं करती हूं। मैं धर्म में विश्वास नहीं करती हूं। मैं आध्यात्मिक शख्स हूं और ये मेरी च्वॉइस है। अल्लाह भी एक ही चीज कहते हैं कि जो भी चीज करो, दिल से करो। अगर आप दिल से कुछ नहीं कर रहे हो, सिर्फ ऊपर जाने के लिए कर रहे हो तो आपको कभी जन्नत नसीब नहीं होगी। इससे बेहतर है कि आप जाकर किसी इंसान की मदद कर दो। किसी गरीब की हेल्प करो। और औरतों को उस नजरिए से देखना बंद करो, तब जाकर आप सच्चे मुसलमान कहलाओगे।'


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Content Writer

suman prajapati


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