फिल्म स्त्री दर्शाती है कुछ अनकही बातों और अफवाहों की कहानी को

8/29/2018 5:00:17 PM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर की फिल्म स्त्री जल्द रिलीज होने जा रही है। यह हॉरर कॉमेडी ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म में श्रद्धा एक डरावनी भूतनी के किरदार में है। फिल्म की कहानी चंदेरी नाम के एक गांव में बुनी गई है जहां अचानक पुरुष रहस्यमयी ढंग से गायब होने शुरू हो जाते हैं। खबर उड़ जाती है कि स्त्री नाम की एक चुड़ैल है जो इन पुरुषों को गायब कर रही है। आज हम आपको इस फिल्म से जुड़ी कुछ सच्ची और दिलचस्प बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। 

 

 

चंदेरी गांव की कहानी

इस फिल्म की कहानी मध्यप्रदेश के चंदेरी गांव की है। यह गांव सिल्क की साड़ी को लेकर काफी फेमस है। इस वजह से फिल्म में राजकुमार राव एक टेलर के किरदार में हैं।

 

 

वेश्या की कहानी

फिल्म में बताया गया है कि यह एक वेश्या की कहानी है। कहा जा रहा है कि कुछ समय पहले इस गांव में एक वेश्या रहती थी। उसकी सुंदरता का हर कोई दीवाना था। लेकिन कुछ समय बाद उस वेश्या को एक आदमी से प्यार हो जाता है। वह आदमी भी उस वेश्या के जिस्म से नहीं बल्कि उसकी आत्मा से प्यार करता है। अब इस फिल्म में उस वेश्या के साथ क्या हुआ ये देखना बाकी है। 

 

1990 में घटित घटना से प्रेरित 


इस फिल्म की कहानी 1990 में कर्नाटक के बैंगलोर जिले की घटनाओं से जुड़ी मानी जा रही है। खबरों की मानें तो  इस शहर के एक गांव में रात के समय एक भूतनी साड़ी पहने घूमती थी। वह दरवाजों पर दस्तक देती थी।

 

 

अपने शिकार द्वारा जल्दी दरवाजा खोलने के लिए वह घर में मौजूद उन लोगों की आवाज में बात करती थी जो घर में मौजूद नहीं होता। जैसे ही कोई दरवाजा खोलने जाता चुड़ेल उसे अपना शिकार बना लेती थी। एेसा भी रहा जाता है कि इस चुड़ेल के ज्यादातर शिकार मर्द ही हुआ करते थे। 

 

 

 

इस से बचने के लिए लोगों ने एक उपाय निकाला। उन्होंने अपने घर के दरवाजों पर कन्नड़ भाषा में ''ना ले बा'' लिखवा लिया। जिसका हिन्दी भाषा में मतलब है- ''कल आना।'' इस उपाय के बाद भूतनी की घटनाओं पर विराम लगा। इस गांव में 1 अप्रैल को हर साल ''ना ले बा'' दिवस के नाम से मनाया जाता है। 
 


 

तमिलनाडु में घटित घटना 
 
इस घटना के अनुसार तमिलनाडु में एक चुड़ेल मर्दाें को उठाकर मार देती है। इस घटना से बचने के लिए किसी ने कहा कि माता का मंगलसूत्र टूट गया इसलिए एेसा हो रहा है। इसके चलते औरतों ने मंगलसूत्र बनवाने शुरु कर दिए।

 

 

इसके बाद किसी ने कहा कि दरवाजों पर 'ओ स्त्री रे पुरा' लिख दो । जिसका मतलब है- ''ओ स्त्री कल आना''। जिसके बाद गांव में होने वाली घटनाएं होनी बंद हो गई।

 

 

बता दें कि इस फिल्म की कहानी को हम दो तरह से ले सकते हैं। एक तो हम इसे अंधविश्वास पर बनी कहानी कह सकते हैं। दूसरा यह सच्ची घटनाओं पर बनी हॉरर कॉमेडी ड्रामा फिल्म है। 

Neha