डिस्को CM है फारूक अब्दुल्ला..जब कश्मीर में लोग मरते-कटते थे तो ये बाइक पर घुमाते थे हीरोइन: विवेक अग्निहोत्री

3/28/2022 2:07:16 PM

मुंबई: विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनीं फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स'  लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। सच्ची घटना पर आधारित यह फिल्म लोगों को खूब पसंद आ रही है। इस फिल्म पर आम लोग तो बात कर ही रहे हैं, राजनीतिक जगत में भी फिल्म ने हलचल बढ़ा दी है। फिल्म को लेकर कई राजनेताओं के बयान सामने आए हैं। बीते दिनों हीगी द कश्मीर फाइल्स पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बयान दिया था।

एक इंटरव्यू को दौरान उन्होंने कहा था कि अगर वह इसके लिए जिम्मेदार पाए जाते हैं तो वह सूली पर चढ़ने के लिए तैयार हैं। वहीं अब विवेक अग्निहोत्री ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी। विवेक का कहना है कि वह तो इस मामले पर चुप ही रहें तो ठीक है।

सिद्धार्थ कानन से बातचीत में विवेक अग्निहोत्री ने कहा-'जब ये सब शुरू हुआ तो वह छोड़कर लंदन भाग गए थे। उनको डिस्को सीएम बोला जाता था क्योंकि जब लोग मरते थे, कटते थे तो वह डिस्को में डांस करते थे। फिर न्यूज आती थी कि जब लोग मारे जाते हैं तो ये बॉलीवुड की हीरोइनों को अपनी मोटर साइकल पर घुमाते हैं।

उनके हेड क्वॉर्टर्स पर टेररिस्ट लोगों को पनाह मिलती थी। अरबों रुपये के तो महल हैं उनके। आप एक काम कीजिए, मुझसे न पूछिए, कश्मीर में उतरकर जो पहला ड्र्राइवर मिले उससे पूछिए कि कश्मीर की ये हालत क्यों है। उससे पूछिए कि कश्मीर में इतनी गरीबी क्यों है। इसके बाद वह अब्दुलाज की जो कुंडली खोलेगा।  सच्चाई पर बात करने निकलेंगे अब्दुल्ला साहब तो बात दूर तक जाएगी। उनकी भलाई इसी में है कि इस पर चर्चा न उठे।'

इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट शेयर किया था। इस ट्वीट में उन्होंने बताया था कि कैसे भारत माता की जय बोलने वाले एक शख्स की जुबान काट दी गई थी। विवेक ने बताया था कि यह 1989 की बात है, उस वक्त फारूक अब्दुल्ला की सरकार थी। उनकी तो फोटोज सबने देखी हैं कि मिलिटेंट्स के साथ हैं। यासीन मलिक के साथ हैं। दुनिया के आतंकियों के साथ उनकी दोस्ती रही है। 

विवेक अग्निहोत्री से पहले उनकी पत्नी और फिल्म की एक्ट्रेस पल्लवी जोशी फारूक अब्दुल्ला पर पटलवार कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था राजनीति उनका क्षेत्र नहीं तो पता नहीं कि नेताओं को कैसे जवाब दें। पल्लवी ने बताया था कि उन्होंने फिल्म बनाने के लिए 4 साल रिसर्च की है। पीड़ितों, पुलिस और अधिकारियों के बयान के वीडियोज हैं। 700 लोग भला एक साथ झूठ तो नहीं बोल सकते हैं।

गौरतबल है कि फारूक अब्दुल्ला ने द कश्मीर फाइल्स की रिलीज के बाद कहा था कि नरसंहार उनके शासनकाल में नहीं हुआ था। वह जिम्मेदार पाए जाते हैं तो फांसी पर लटकने के लिए तैयार हैं


 
 
 

Content Writer

Smita Sharma