किसान के बेटे के संघर्ष की कहानी है सुनीत सिन्‍हा की ''रंज''

10/14/2020 3:33:38 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. 'रंज' एक छोटे से गांव पंजाब और दिल्ली में बसे अमनप्रीत की कहानी है,जोकि निराशा से भरा हुआ एक बड़े शहर की तरफ खिंचा चला आता है। इस फिल्‍म के लेखक और निर्देशक सुनीत सिन्हा हैं। यह फिल्म उम्मीदों के बोझ और संकट से जूझ रहे अपने कर्तव्‍यों से बंधे एक व्यक्ति के संघर्ष की संदिग्ध कहानी को
बयां करती है। पेट प्रोजेक्ट फिल्म्स द्वारा निर्मित, इस फिल्म में आदेश सिद्धू, एकता सोढ़ी, कुलजीत सिंह, वी.के. शर्मा, मधु सागर, कृति वी. शर्मा, सुकुमार टुडू, राकेश सिंह, नूतन सूर्या, राजू कुमार, अशोक तिवारी और राहुल निगम महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म का अंग्रेजी टाइटल स्लो बर्न एक युवा व्यक्ति के क्रूर विचारों और असुरक्षा को दर्शाता है, जोकि इस असहनीय शहर में खुद को बंधा हुआ महसूस करता है, और बहुत ही बुरी तरह से निराशापूर्वक निवासियों द्वारा सीमा पर धकेल दिया जाता है, जोकि उसे खुद पर एवं दूसरों पर हिंसा का अपराध करने का बढ़ावा देता है।


इस फिल्म को समीक्षकों द्वारा खूब सराहा गया है और इसकी कई स्क्रीनिंग भी हुईं, जिसमें जियो मामी 21st मुंबई फिल्म महोत्सव,10वां शिकागो दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव, थ्रिसूर का 15वां इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव, मेलबर्न का 8वां इंडियन फिल्म महोत्सव, 7वां वुडपेकर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और तीसरा सिंगापुर दक्षिण एशियाई इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव शामिल है। इसके अलावा, इस फिल्म ने 7वें वें वुडपेकर इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में बेस्ट निर्देशक का  स्पेशल अवॉर्ड भी जीता, और अन्य फेस्टिवल्स में यह कई कैटेगिरी में नॉमिनेट भी की गई।


इस फिल्म के बारे में बात करते हुए, सुनीत सिन्हा ने कहा, कुछ चीज़ों की वजह से, आय के वैकल्पिक स्रोतों में कमी होने के कारण पंजाब के गांव के युवाओं के पास अपनी आजीविका के लिए बड़े शहरों में मज़दूरी करने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं रह जाता। आज, छोटे और सीमांत किसानों की हालत बहुत ही बुरी है। इसे पृष्ठभूमि के रूप में इस्तेमाल करते हुए, ‘रंज’ युवा बेटे के संघर्ष की कहानी को दर्शाता है, जोकि अपने गांव की मिट्टी से पूरी तरह जुड़ा हुआ है लेकिन बड़े शहर दिल्ली में बसने के बाद वह अपनी ज़िंदगी के असली मकसद को खो देता है। हम शहरी विरक्ति की थीम का ज़्यादा से ज़्यादा पता लगाना चाहते थे। बड़े शहरों में हर एक की कहानी का अंत सफल नहीं होता, इसमें कई ऐसे लोग है जो कई बुरी अनैतिकताओं का सामना कर रहे हैं। 

 

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए आदेश सिद्धू ने कहा, अमनप्रीत दूसरों की तरह गांव का एक लड़का है जोकि अपने गांव की ज़िंदगी से संतुष्ट है, लेकिन फिर अपनी परिस्तिथियों से मजबूर होकर, अपनी इच्छा के खिलाफ जाकर आजीविका के लिए उसे दिल्ली में बसना पड़ता है। इस अस्तव्यस्‍त शहर में अलग-थलग उसकी किसी से भी सोशल बॉन्डिग नहीं है और न ही उसे अपने काम में कोई दिलचस्पी है क्योंकि उसे शहरी जीवन को लेकर कोई लगाव नहीं है। यह शख्स धीरे-धीरे असंवेदना और गलत गुस्से की तरफ अग्रसर हो जाता है। यह खुद में एक अनोखा किरदार है। पंजाब के गांवो को देखने से लेकर महानगर में रहने तक के सफर ने मुझे किरदार के मन और उसकी परिस्तिथियों को समझने में मदद की। मुझे यह स्क्रिप्ट बहुत ही पसंद आई और तुरंत ही मैंने यह निर्णय कर लिया कि कैसे भी सुनीत सर के साथ इस पर काम करना है। 
छोटे शहरों के लोगों की ज़िंदगी और उनकी मज़दूरी के अनुभवों पर आधारित, ‘रंज’ अमनप्रीत की ज़िंदगी के इर्दगिर्द घूमती कहानी है, जो पंजाब के गांव का एक युवा लड़का है और अपने माता-पिता की मांगों पर ज़िंदगी जीने और काम करने के लिए दिल्ली आया है। लेकिन उसे इस शहर से कोई लगाव नहीं है। वह उन सभी चीज़ों के लिए तरसता है जो उसने पीछे छोड़ दिए- उसके गांव की शांति और उसकी होने वाली दुल्हन गीतू को। वह एक ऑटोमोबाइल की दुकान पर काम करता है और उसके कर्मचारी हर बात पर उसको नीचा दिखाने का अवसर ढूंढते हैं। उसका बॉस लगातार उसे काम से निकालने की धमकी देता है। आख़िरकार, उसकी कामकाजी ज़िंदगी का दर्द, बीच में छोड़े हुए विवाह का लगातार दबाव और लोगो की निर्दयता उसे निराशा की ओर ले जाती है। कभी-कभी गुस्‍सा आने की वजह से, अमनप्रीत एक घातक हमले में लिप्‍त हो जाताहै और अपनी जिंदगी को खुद से ही बर्बाद कर डालता है।

 

suman prajapati