पिता के संघर्ष को याद कर भावुक हुए सुनील शेट्टी, बोले- ''वो रेस्टोरेंट में टेबल साफ करते थे और चावल की बोरी पर सोते थे''

6/18/2024 4:21:52 PM

मुंबई. एक्टर सुनील शेट्टी ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया है, जिसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में अच्छी पहचान बनाई है। हालांकि, सुनील कहते हैं कि जो संघर्ष उनके पिता ने किया है, वो उसके आसपास भी नहीं हैं। 

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भारती सिंह और हर्ष लिंबाचिया की पॉडकास्ट में सुनील शेट्टी ने कहा-  "मेरे पिता बचपन में ही भागकर मुंबई आ गए। उनके पिता नहीं थे, लेकिन उनकी 3 बहनें थीं। उन्हें 9 साल की उम्र में जीवन में पहली नौकरी एक दक्षिण भारतीय रेस्तरां में मिली थी, जहां उनका काम मेज की साफ-सफाई करना था। मेज इतना छोटा था कि उसे चारों ओर से सफाई करने के लिए उसके 4 चक्कर लगाने पड़ते थे। वो चावल की बोरी पर सोते थे।"

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सुनील शेट्टी ने आगे कहा- "मेरे पिता के बॉस ने 3 इमारतें खरीदी थीं और पिताजी को उनका प्रबंधन करने के लिए कहा गया। जब उनके बॉस रिटायर हुए तो पिताजी ने वो तीनों इमारतें खरीद लीं। आज भी मेरे पास ये तीनों इमारतें हैं और यहीं से हमारी यात्रा शुरू हुई थी।"

इसके अलावा सुनील शेट्टी ने कहा- "मेरे पिता बहुत विनम्र व्यक्ति थे, लेकिन अगर कोई उनके बच्चों या उनके स्टाफ के खिलाफ एक शब्द भी कहता था तो वह शेर बन जाते थे। उनकी एक पंक्ति होती थी, "बेच डालूंगा सब कुछ, गांव चले जाऊंगा, पर नाइंसाफी नहीं झेलूंगा।" बता दें 2017 में सुनील के पिता का निधन हुआ था। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी।


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Content Editor

Parminder Kaur


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