सुलक्षणा पंडित संजीव कुमार से करना चाहती थीं शादी, प्यार न मिलने पर बिगड़ गई थी एक्ट्रेस की दिमागी ह

7/12/2019 9:36:58 AM

70 से 80 के दशक की जानी-मानी एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित (Sulakshana Pandit) आज अपना 71वां बर्थ-डे सेलिब्रेट कर रही हैं। सुलक्षणा पंडित (Sulaxna Pandit) का जन्म 12 जुलाई 1948 को मुंबई में हुआ था। तीखे नैन नैक्श वालीं सुलक्षणा पंडित एक एक्ट्रेस होने के साथ-साथ बेहतरीन सिंगर भी थीं। उन्होंने 9 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था. सुलक्षणा पंडित ने 1967 में फिल्म के लिए पहली बार गाना था। इसी दौरान उन्हें फिल्मों में एक्टिंग के लिए भी ऑफर मिलने लगे। आज सुलक्षणा के बर्थ-डे पर जानें उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलू...

सुलक्षणा पंडित के बारे में जानकारी

सुलक्षणा पंडित ने उलझन फिल्म से किया डेब्यू

सुलक्षणा पंडित ने साल 1975 में फिल्म 'उलझन' से डेब्यू किया था। फिल्म में उनके अपोजिट एक्टर संजीव कपूर थे। गंभीर स्वभाव के संजीव को देखते ही सुलक्षणा को उनसे प्यार आ गया। उस वक्त संजीव का दिल तो हेमा मालिनी पर आया हुआ था इसके बावजूद सुलक्षणा संजीव कुमार को चाहने लगीं। अंग्रेजी वेबसाइट द प्रिंट की खबर के अनुसार संजीव कुमार ने हेमा मालिनी को शादी के लिए प्रपोज किया था लेकिन हेमा की मां ने संजीव कुमार के रिश्ते को ठुकरा दिया था हेमा की मां की ओर से रिश्ते के मना करने के बाद संजीव कुमार का दिल टूट चुका था।

उनकी और सुलक्षणा की तब तक काफी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी वो हर बात सुलक्षणा से शेयर करते रहते थे। वहीं जब संजीव हेमा से अलग हो गए तो सुलक्षणा ने खुद ही अपने प्यार का इजहार एक्टर से कर दिया लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था। हेमा के मना करने के बाद संजीव ने सुलक्षणा को भी ठुकरा दिया। 

सुलक्षणा पंडित संजीव के ठुकराने के बाद डिप्रेशन का हुई शिकार 

संजीव के ठुकराए जाने के बाद तो जैसे सुलक्षणा की जिंदगी ही उजड़ गई। उन्होंने फिल्में करनी छोड़ दीं और बाहरी दुनिया से नाता ही तोड़ लिया। सुलक्षणा अपनी मां के साथ मुंबई के एक फ्लैट में रहने लगीं थीं। मां के साथ रहते हुए भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और वो डिप्रेशन में चली गईं। इस बात को सुलक्षणा पंडित की बहन विजेता पंडित एक इंटरव्यू में कही थी। 1985 में जब संजीव कुमार की असमय मौत हुई तो सुलक्षणा सदमे में चली गईं। वहीं सुलक्षणा अपना मानसिक संतुलन खो बैंठी और वो किसी को पहचानती भी नहीं थीं।

इसका खुलासा खुद सुलक्षणा ने 1999 में एक इंटरव्यू में किया था। सुलक्षणा ने कहा था, 'संजीव के चले जाने के बाद मैं डिप्रेशन में चली गईं। मैंने लगभग खुद को खत्म ही कर लिया था लेकिन भगवान की मर्जी थी कि मैं बच गई और आज भी मैं अपनी जिंदगी जी रही हूं हालांकि मैं अभी भी उस सदमे से उबरी नहीं हूं। मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया है और पूरे दिन मैं सिर्फ अच्छी फिल्में देखती हूं, गाने सुनती हूं ताकि मैं जिंदगी और इस दुनिया का सामना कर पाऊं।'

सुलक्षणा पंडित के गाने (Sulakshana Pandit Songs)

सुलक्षणा ने कई फिल्मों में गाना भी गाया है। उन्होंने फिल्म 'दूर का राही', 'चलते चलते','उलझन','संकल्प','संकोच','अपनापन','खानदान','गृह प्रवेश','थोड़ी सी बेवफाई','आहिस्ता आहिस्ता','साजन की सहेली' जैसी कई फिल्मों में गाना गाया।  

सुलक्षणा पंडित की फिल्में 

सुलक्षणा ने 'हेरा फेरी', 'शंकर शंभू', 'अपनापान', 'कसम खून की', 'अमर शक्ति', 'खानदान', 'गंगा और सूरज', 'चेहरे पे चेहरा', 'राज', 'धरमकांटा', 'वक्त की दीवार', 'काला सूरज' जैसी फिल्मों में काम किया है। वे आखिरी बार 1988 में आई फिल्म 'दो वक्त की रोटी' में नजर आईं थीं।


 

Smita Sharma