''हर दिन महिला दिवस मनाना चाहिए, क्योंकि महिलाएं हर दिन एक अलग जंग लड़ती हैं'' सोनी सब के कलाकारों की महिला दिवस पर राय
3/4/2022 4:45:38 PM
बॉलीवुड तड़का टीम. हर साल 8 मार्च को पूरा विश्व अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाता है। महिलाओं का देश के विकास और घर में खुशहाली लाने में काफी योगदान होता है, जिसका कई बार उन्हें क्रेडिट भी नहीं मिलता। पूरे साल में ये एक दिन उन महिलाओं को समर्पित होना चाहिए, जो खुशी के लिए किसी भी हद तक जाती हैं। इसे लैंगिक समानता में तेजी लाने के लिए भी मनाया जाता है। ऐसे में इस साल महिला दिवस के कुछ दिन पहले ही इस टॉपिक पर लोगों ने बात करना शुरू कर दी है। हाल ही में सोनी सब के कलाकारों ने महिला दिवस पर अपनी राय व्यक्त की है। तो आए जानते हैं कि सोनी सब के स्टार्स महिला दिवस पर क्या कहना चाहते हैं।
छवि पांडे ऊर्फ ‘शुभ लाभ-आपके घर में’ की मां लक्ष्मी :
“मुझे लगता है कि हर दिन महिला दिवस होना चाहिये और महिलाओं को अपनी जिंदगी के छोटे-बड़े हर पल का जश्न मनाना चाहिये, फिर चाहे आपके संघर्ष ही क्यों न हों, क्योंकि किसी भी महिला को उसके आज के मुकाम तक पहुंचाने में उस महिला की जिंदगी की हर छोटी चीज का उतना ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। मैं आमतौर पर महिला दिवस के दिन काम करती हूं, इसलिये पारंपरिक रूप से इसे सेलीब्रेट नहीं कर पाती, लेकिन मैं अपने काम और मेरी जिंदगी के हर दिन का जश्न मनाती हूं, इसलिये मेरे लिये तो हर दिन ही महिला दिवस है। मेरी मां एक ऐसी महिला है, जिनका मैं सम्मान करती हूं और महिला दिवस को उनके नाम समर्पित करती हूं, क्योंकि उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है और मेरी ताकत रही हैं। मैं खुद को बहुत खुशनसीब मानती हूं कि मुझे ‘शुभ लाभ’ का हिस्सा बनने का मौका मिला और इसकी एक बड़ी वजह है इस शो में ऐसी मजबूत महिला किरदारों का होना। लक्ष्मी, अलक्ष्मी और दिव्या से लेकर सविता एवं श्रेया तक, ये सारे किरदार बहुत मजबूत हैं और दर्शकों को कुछ बहुमूल्य पाठ सिखाती हैं तथा इन तीन किरदारों का संगम इस शो को इतना खूबसूरत बनाता है। मैं अपने सभी प्रशंसकों, खासतौर से महिलाओं से कहना चाहूंगी कि हर दिन अपने वजूद का जश्न मनायें और किसी दूसरे का बात को सुनकर अपना मूल्यांकन नहीं करें। खुद की तुलना दूसरों से कभी न करें, क्योंकि आप खुद परफेक्ट हैं और अपने आप में बेहद अनूठी भी हैं।‘’
तनिशा मेहता ऊर्फ ‘शुभ लाभ- आपके घर में’ की श्रेया :
“महिला दिवस की मेरी जिंदगी में बहुत अहमियत है और यह न सिर्फ मेरे लिये बल्कि सभी महिलाओं के लिये एक महत्वपूर्ण दिन है। आपको महिलाओं को खास महसूस करवाने के लिये कुछ न कुछ जरूर करना चाहिये, क्योंकि महिलायें न सिर्फ अपने घर के सभी सदस्यों की देखभाल करती हैं, बल्कि अपनी जिंदगी को भी संतुलित करने का प्रयास करती रहती हैं। आमतौर पर मैं महिला दिवस के दिन काम करती हूं , लेकिन मैं इस खास दिन के बारे में संदेश और ब्लॉग्स लिखने की कोशिश जरूर करती हूं। मेरी मां एवं बहनें वाकई में मेरी प्रेरणा हैं, क्योंकि वे दोनों ही मजबूत आत्मनिर्भर महिलायें हैं, जो चुनौतियों को आगे बढ़कर स्वीकार करती हैं, जोकि बेहद प्रेरणादायी है और मैं चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिले।”
युक्ति कपूर ऊर्फ ‘मैडम सर’ की करिश्मा सिंह :
“महिला दिवस मनाना वाकई में बहुत अच्छा लगता है, खासतौर से जब हर कोई हमें शुभकामनायें देता है। प्यार एवं परवाह किये जाने का अहसास एवं समाज तथा अपने घरों में सम्मानित कया जाना हमें खास महसूस करवाता है। मुझे भी ऐसा लगता है कि हमें हर दिन महिला दिवस का जश्न मनाना चाहिये क्योंकि महिलायें हर दिन एक अलग जंग लड़ती हैं और उन संघषों एवं जीत का हर दिन जश्न मनाया जाना जरूरी है। पिछले साल से मैंने अपनी मां को महिला दिवस पर फूल भेजने की एक परंपरा शुरू की है और वह इस साल भी जारी रहेगी। मैं इस बात का भी ख्याल रखती हूं कि अपनी जिंदगी में शामिल हर महिला खासतौर से मेरी मां एवं मेरी बेस्ट फ्रेंड अंतरा, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है, को यह अहसास कराऊं कि वे मेरी जिंदगी में कितनी महत्वपूर्ण हैं। मैं अपनी महिला प्रशंसकों एवं दर्शकों से कहना चाहूंगी कि महिलायें बहुत मजबूत होती हैं, इसलिये निडर होकर अपने रास्ते पर चलती रहें और बुलंद रहें। मैं कामना करती हूं कि हर महिला ‘मैडम सर’ की करिश्मा सिंह की तरह बहादुर और स्मार्ट हो।”
सिम्पल कौर ऊर्फ ‘ज़िद्दी दिल-माने ना’ की कोयल रॉय :
“मुझे लगता है कि यह नारीत्व का जश्न मनाने का एक बेहद प्यारा दिन है और हमें याद दिलाता है कि महिलाओं को अपने लिये थोड़ा वक्त निकालना चाहिये और खुद को प्यार करना चाहिये। बहरहाल! मैं अपने आस-पास की सभी महिलाओं, दोस्तों एवं परिवार वालों के साथ महिला दिवस का जश्न मनाने के लिये उत्सुक हूं। मुझे नहीं लगता कि इस दिन का जश्न मनाया जाना अनिवार्य है लेकिन यह अच्छी बात है कि ऐसे दिन हैं, जब महिलाओं को खुद से एवं एक-दूसरे से प्यार करने तथा एक-दूसरे को प्रेरणा देने के लिये याद किया जाता है।” मैं हमेशा अपने रेस्टोरेंट्स में महिला दिवस का जश्न मनाती हूं, जहां हम महिलाओं के लिये कुछ सेलीब्रेशन्स रखते हैं। हम महिलाओं को हमारे साथ सेलीब्रेशन में भाग लेने के लिये आमंत्रित करते हैं। हम लाइव म्यूजिक, स्वादिष्ट पकवानों और कुछ शॉपिंग के साथ महिला दिवस का जश्न मनाते हैं। आप उन्हें एक-दूसरे से गप्पे मारते और एक-दूसरे के साथ का आनंद उठाते हुये देख सकते हैं। हम कुछ महिला आंत्रपेन्योर जैसे कि टैरो रीडर, छोटा-मोटा बिजनेस करने वाली महिलाओं को अपना स्टॉल लगाने और अपनी प्रतिभा या सामान दिखाने के लिये आमंत्रित करते हैं। इस दिन रेस्टोरेंट में हर जगह सिर्फ महिलायें ही नजर आती हैं। हम इस दिन की बिक्री से हुई आमदनी में से कुछ दान भी देते हैं।
खैर, यदि मुझे इस साल समय मिला, तो मैं अपनी दोस्त एवं को-ऐक्टर दिलजोत के साथ महिला दिवस का जश्न मनाना चाहूंगी, क्योंकि हम न सिर्फ अच्छे दोस्त हैं, बल्कि हम दोनों की पसंद भी काफी मिलती है और हमारा जिंदगी जीने का तरीका भी एकजैसा है। मैं अपनी महिला प्रशंसकों को यह संदेश देना चाहूंगी कि अपने अधिकारों के लिये खड़ी हों और खुद को प्राथमिकता देने के लिये कभी अफसोस न करें। हम महिलाओं की सैक्रिफाइस करने की आदत होती है पर मैं उन्हें कहना चाहूंगी कि थोड़ा समय ‘खुद’ के लिये भी निकालना जरूरी होता है, क्योंकि जब आप अंदर से खुश होंगी, तभी दूसरों को भी खुशियां एवं प्यार दे पायेंगी।”
गीतांजलि टिकेकर ऊर्फ ‘शुभ लाभ-आपके घर में’ की सविता :
“महिला दिवस लिंग आधारित भेदभाव से भरी दुनिया में महिला होने का जश्न मनाने, खुश होने एवं सम्मान पाने का एक दिन है। हालांकि, हर दिन महिलाओं का होता है, लेकिन इस दिन का जश्न मनाना दुनिया को आकार देने में महिलाओं के योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने का एक तरीका है। यह दिन मेरे लिये बेहद खास है, क्योंकि यह नारी होने का जश्न मनाने का दिन है और इसके लिये एक खास दिन को समर्पित किया जाना इसे एक यादगार पल बनाता है। मैं इस दिन का जश्न मनाते हुये अपनी साथी बहनों से यही कहना चाहूंगी कि सभी बाधाओं को पार करते हुये अपने अधिकारों के लिये आवाज बुलंद करें और एक ऐसी दुनिया का निर्माण करें, जहां पर लिंग आधारित भेदभाव नहीं हो। आमतौर पर मैं और मेरी सहेलियां इस दिन मिलती हैं और अपनी जिंदगी और उपलब्धियों के बारे में बात करती हैं। एक दिन, मैं अपने बेटे के साथ पढ़ने वाले सभी बच्चों की मांओं से मिली थी। यह बहुत कुछ सिखाने वाला और एक यादगार पल था। मेरी जिंदगी की सारी महिलायें खास और अनूठी हैं। मुझे अपने प्रशंसकों पर गर्व है, मैं अपने काम को महिलाओं के लिये समर्पित करती हूं और मेरे काम की सराहना करना एक महिला की उपलब्धि का जश्न मनाने से कम नहीं है।”