नेशनल पेरेंट्स डे के लिए सोनी सब के कलाकारों ने कही ये बात
7/22/2023 6:28:33 PM
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। माता-पिता और उनके बच्चों के बीच का रिश्ता प्यार, विश्वास और जीवन भर चलने वाले स्थायी जुड़ाव का एक उल्लेखनीय संबंध है। हर साल 23 जुलाई को मनाया जाने वाला नेशनल पेरेंट्स डे, माता-पिता के निस्वार्थ प्यार, देखभाल और बलिदान के लिए उनका आभार व्यक्त करने और उन्हें सम्मान देने का एक सुंदर अवसर देता है। इस शुभ दिन पर, सोनी सब के कलाकार अपने प्रशंसकों को अपने माता-पिता के साथ अच्छा समय बिताने, अपने अनूठे बंधन को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए प्रेरित करते हैं।
सोनी सब के शो वागले की दुनिया में राजेश वागले की भूमिका निभाने वाले सुमीत राघवन
“नेशनल पेरेंट्स डे एक सुलभ और समझदार माता-पिता होने के उत्तरदायित्व की हार्दिक याद दिलाता है। वागले की दुनिया में राजेश की अपनी भूमिका से प्रेरणा लेते हुए, वास्तविक जीवन में भी, मैं ऐसा पोषक माहौल बनाने की कोशिश करता हूं जहां मेरे बच्चे आत्मविश्वास से खुद को अभिव्यक्त कर सकें। जिस तरह मेरे ऑन-स्क्रीन माता-पिता, राधिका और श्रीनिवास, मुझे अटूट समर्थन देते हैं, वैसे ही मैं भी शो में सखी और अथर्व को प्यार देने, उन्हें समझने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। यह दिन हमें माता-पिता-बच्चे के अनमोल रिश्तों को संजोने और उसे बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। यह रिश्ता विश्वास, संचार और आपसी सम्मान पर आधारित एक मजबूत बंधन को बढ़ावा देते हुए, हमारे जीवन को आकार देता है। इन रिश्तों से हम अपने बच्चों को बेहतर इंसान बनने और दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए सशक्त बना सकते हैं।”
चिन्मयी साल्वी, जो सोनी सब के शो वागले की दुनिया में सखी वागले का किरदार निभाती हैं
“इस दिन, मैं उन अद्भुत पेरेंट्स के प्रति आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मेरे जीवन को आकार दिया है। उनके निस्वार्थ प्यार, समर्थन और बलिदान ने ही मुझे आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। वे मेरे मार्गदर्शक रहे हैं, मुझे महत्वपूर्ण सबक सिखाते रहे हैं और मुझे अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। वागले की दुनिया में सखी के रूप में, मुझे ऐसा किरदार निभाने का सौभाग्य मिला है, जिसने राजेश और वंदना की पेरेंटिंग में दृढ़ता और स्नेह का सही संतुलन पाया है। उनका मजबूत लेकिन प्यार करने वाले माता-पिता का चित्रण, मुझे माता-पिता के प्यार की गहराई और बच्चे के चरित्र को आकार देने पर इसके प्रभाव की याद दिलाता है।”
सोनी सब के शो वागले की दुनिया में अथर्व वागले की भूमिका निभाने वाले शीहान कपाही
“वागले की दुनिया में अथर्व के रूप में, मुझे ऐसा किरदार निभाने का सौभाग्य मिला है, जिसे राजेश और वंदना के रूप में सख्त और प्यार करने वाले माता-पिता मिले हैं। उनके मार्गदर्शन और स्नेह ने अथर्व के व्यक्तित्व को आकार दिया है और उसे जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं। यह दिन माता-पिता के निस्वार्थ व अटूट प्यार और समर्थन की सराहना करने और उन्हें सम्मान देने का सुंदर रिमाइंडर है, जिन्होंने हमें बेहतर जीवन जीने और खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने योग्य बनाया है। इस विशेष दिन पर, मैं अपने वास्तविक जीवन के माता-पिता के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहता हूं, जो हर कदम पर हमारा उत्थान और सशक्तिकरण करते हैं।”
कावेरी प्रियम, जो सोनी सब के शो दिल दियां गल्लां में अमृता का किरदार निभाती हैं,
“आज की व्यस्त दुनिया में, अपने माता-पिता को महत्व देना अहम है, तब भी जब हम अपने खुद के जीवन में फंस जाते हैं और अनजाने में उनके महत्व को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसके बावजूद, हमारे माता-पिता हमेशा हमारी भलाई को प्राथमिकता देते हैं और हमारा ध्यान देते हैं। दिल दियां गल्लां में अमृता के रूप में, मेरा मानना है कि मेरे माता-पिता संदीप और आस्था दोनों मेरे सुपरहीरो हैं। वे हर उतार-चढ़ाव में मेरे साथ खड़े रहे हैं, ढेर सारा समर्थन और मार्गदर्शन देते रहे हैं। यह एक रिमाइंडर है कि चाहे हम कितनी भी चुनौतियों का सामना करें, हमारे माता-पिता हमारे सबसे बड़े समर्थक के रूप में हमारे साथ खड़े हैं।”
सोनी सब के दिल दियां गल्लां में दिलप्रीत का किरदार निभाने वाले पंकज बेरी,
“आज के समय में, जहां बहुत अधिक ध्यान भटकता है, और हम अपने ही कामों में व्यस्त रहते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम अपने जीवन में अपने माता-पिता की अमूल्य भूमिका को पहचानें। अक्सर, हम अनजाने में उन्हें हल्के में ले लेते हैं, यह भूल जाते हैं कि उन लोगों ने लगातार और निस्वार्थ भाव से अपनी भलाई से पहले हमारी भलाई को महत्व दिया है। सोनी सब के दिल दियां गल्लां में दिलप्रीत के रूप में, मेरा किरदार एक सख्त पिता लग सकता है, लेकिन अंदर ही अंदर अपने बेटों रणदीप और मनदीप के लिए उसके प्यार की कोई सीमा नहीं है। यह उस प्रतिबद्धता और स्नेह का प्रमाण है जो माता-पिता अपने बच्चों के प्रति रखते हैं, भले ही उनका बाहरी रूप कितना भी कठोर क्यों न हो।”
दिल दियां गल्लां और वागले की दुनिया देखते रहें, केवल सोनी सब पर