सिद्धार्थ शुक्ला के ट्रेनर का खुलासा- वो मेरे लिए भाई से बढ़कर था, कल रात ही सोच रहा था उसे कॉल करूं

9/3/2021 11:01:43 AM

मुंबई. 'बिग बॉस 13' विनर सिद्धार्थ शुक्ला का 2 सितंबर को हार्ट अटैक से निधन हो गया। सिद्धार्थ के निधन से परिवार और इंडस्ट्री सदमें में है। कोई भी यकीन नहीं कर पा रहा है कि एक्टर अब हमारे बीच नहीं रहे। इसी बीच सिद्धार्थ के ट्रेनर का बयान आया है। 

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सिद्धार्थ के ट्रेनर ने कहा- कुछ दिनों पहले सिद्धार्थ अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे, जिसकी वजह से वह अच्छी तरह एक्सरसाइज भी नहीं कर पा रहे थे। वर्कआउट तो सिद्धार्थ दो घंटे के लिए ही करते थे लेकिन बीच में ब्रेक और रेस्ट करते-करते तीन से चार घंटे हो ही जाते थे। सिद्धार्थ मेरे केवल क्लाइंट ही नहीं थे बल्कि हमारे बीच एक गहरी दोस्ती भी थी वे अक्सर अपने एक्सपीरियंस शेयर किया करते थे। दोस्त से भी बढ़कर भाई का दर्जा दिया था मैंने, हम दोनों ही एक अलग तरह की बॉन्डिंग शेयर करते थे। 

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सिद्धार्थ के ट्रेनर ने आगे कहा- मेरी सिद्धार्थ से आखिरी मुलाकात मेरे बर्थडे के दिन 24 अगस्त को हुई थी। मेरे जन्मदिन में वो जिम आए, मुझे विश किया साथ ही ट्रेनिंग की और चले गए। मैं ट्रेनिंग के साथ-साथ एक्टिंग भी किया करता था तो मैं 25 को भोपाल शूटिंग के लिए निकल रहा था। उन्होंने मेरी खूब खिंचाई भी की थी। कहा था कि तुम तो एक्टर बन जाओगे और मुझे टक्कर दोगे। मत जाओ शूटिंग, छोड़ो एक्टिंग। हमारी वर्कआउट 24 अगस्त ही लास्ट वर्कआउट थी। मैंने उनसे कहा कि मैं 30 को वापस आ जाऊंगा, तो सिद्धार्थ बोले मैं आपके असिस्टेंट की हेल्प से वर्कआउट कर लूंगा। 25 की सुबह वे जिम भी आए। मैं तो था नहीं, मेरा असिस्टेंट था। लेकिन उस दिन उन्होंने महज 20 मिनट के लिए ही वर्कआउट किया। मुझे अच्छा नहीं लग रहा है और मेरा मन नहीं है यह कह कर निकल गए। यह भी कहा कि सोनू आएगा, तो उसी के साथ करूंगा। बस 25 को ही वे आखिरी बार मेरे जिम आए थे। 

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इसके अलावा सिद्धार्थ के ट्रेनर ने कहा- मैं तीन दिन पहले ही लौटा हूं, कल रात ही सोच रहा था कि सिद्धार्थ को कॉल कर लेता हूं। मैं आ गया हूं वापस लेकिन मुझसे कॉल करना रह गया। कल रात को दो तीन बार ख्याल आया कि कॉल कर बोल दूं कि परसो से एक्सरसाइज करते हैं। बहुत मन था बात करने का, लेकिन उन्हीं के डर से कॉल नहीं किया क्योंकि अगर आज नहीं मिल पाऊंगा, तो वो गुस्सा करने लगेंगे। मैं अस्पताल गया था। मेरी हिम्मत नहीं हुई उसे देखने की। वहां उनके जीजाजी और छोटी बहन है। इनवेस्टिगेशन अब भी जारी है, वे किसी को मिलने नहीं दे रहे हैं। कोई भी नहीं मिल सकता है। दीदी ने अस्पताल से मुझे सिद्धार्थ के घर जाने को कहा। दीदी ने कहा मैं जाकर मां की देखभाल करूं। मैं मम्मी के पास दो घंटे बैठा रहा।


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Content Writer

Parminder Kaur


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