कृषि कानून वापसी पर शत्रुघ्न सिन्हा का ट्वीट-''लंबी पीड़ा, दर्द, तबाही,अपमान 100 से ज्यादा जान गंवा... गुरुपर्व पर हमारे किसानों की बड़ी जीत''

11/20/2021 10:12:43 AM

मुंबई: 19 नवंबर को पूरे देश में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 552वीं जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। गुरु नानक देव जी जन्म उत्सव के अलावा एक और वजह से यह दिन लोगों के लिए खास रहा। दरअसल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। ये वहीं कृषि कानून है जिसके कारण हजारों किसान साल भर विरोध किया था।

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केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर ये कदम उठाया गया है। इस फैसले से पूरे देश में खुशी की लहर है।

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कृषि कानून के वापसी के फैसले के बाद आम से खास लोगों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं। बाॅलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा ने किसानों की साल भर के विरोध के जरिए उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प की तारीफ की।

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा-'आखिरकार, हमारे माननीय पीएम नरेंद्र मोदी पर अच्छी समझ की जीत हुई है। कठोर कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है, हमारे किसानों और विपक्ष के लिए एक बड़ी जीत है हालांकि ये इसे संसद में लाने के बजाए अध्यादेश के माध्यम से तत्काल प्रभाव किया जाए तो बेहतर है। फिर भी हमारे किसानों ने बहुत लंबी पीड़ा, दर्द, तबाही, पीड़ा, अपमान सहा है और 100 लोग जिन्होंने अपनी जान गंवाई है।

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हमारे किसानों के लिए गुरुपर्व के इस महान शुभ दिन पर सरकार के साथ एक बड़ी जीत पर खत्म हो गया है। एमएसपी सहित अन्य मुद्दे को जल्द से जल्द निपटाना जाना चाहिए। जल्द ही हमारे अपने किसानों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेना चाहिए और उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। जय किसान, जय हिंद, गुरुपर्व की शुभकामनाएं।'

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधायी उपाय किए जाएंगे। सैकड़ों किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग पर नंवबर 2020 से धरना दिए हुए बैठे थे।

 

पिछले साल में कृषि कानून पारित किए गए थे और नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बावजूद बातचीत को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। वहीं किसान पिछले एक साल से ज्यादा समय से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान कोरोना के चलते कई किसानों की मौत हो गई और कुछ किसानों ने आत्महत्या की। 
 


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Content Writer

Smita Sharma


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