पहली फिल्म में इस एक्ट्रेस को मिला था नेशनल अवार्ड, शेख़र कपूर से सगाई के बाद जावेद अख्तर

9/18/2019 11:39:33 AM

बॉलीवुड तड़का डेस्क। अपने समय की मशहूर एक्ट्रेस शबाना आज़मी बॉलीवुड की रेस्पेक्टेड आर्टिस्ट में से एक हैं। शबाना आजमी मशहूर कवि कैफी आज़मी और स्टेज एक्ट्रेस शौकत आज़मी की बेटी हैं। चालीस साल से अधिक के करियर में, उन्होंने कई तरह की भूमिकाएं की और अपने आप को साबित किया है। चाहे वह आर्टिस्टिक फ़िल्में हों या कमर्शियल, शबाना ने हर फिल्म में शानदार एक्टिंग से दिल जीता। इस लीजेंड एक्ट्रेस के 69 साल की हो जाने पर, हम आपको बताते हैं उनसे जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट-

शायद ही किसी एक्टर या एक्ट्रेस के साथ ऐसा हुआ हो कि वह अपनी पहली फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड जीत पाया हो, लेकिन शबाना को फिल्म अंकुर के लिए डेब्यू करते ही नेशनल अवार्ड मिला, जिसने उन्हें बड़े पर्दे पर पहचान दिलाई। 

शायद आपको नहीं पता हो लेकिन शबाना आज़मी के फिल्मों में आने के पीछे जाया भादुड़ी का हाथ है। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में, एक्ट्रेस ने बताया था कि फिल्म टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) की फिल्म सुमन में जया को एक्टिंग करते हुए देखा, उसके बाद उन्होंने पुणे के इस इंस्टीट्यूट और उसके बाद में फिल्मों में एंट्री ली। 

शबाना के बारे में एक इंट्रेस्टिंग फैक्ट ये है कि उनको शशि कपूर पर क्रश था और शशि के पिता पृथ्वीराज कपूर उनके पडोसी थे। जब भी शशि अपने पिता से मिलने जाते, शबाना शशि के एक फोटो के साथ उनसे ऑटोग्राफ लेने जाती थीं। सालों बाद, 1976 में दोनों को फिल्म फकीरा में एक साथ जोड़ा गया।

जब देव आनंद फिल्म 'इश्क इश्क इश्क' कर रहे थे, शबाना आजमी को शेखर कपूर से मिलना था। दोनों में प्यार हो गया और सगाई भी हो गई, लेकिन यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सका और दोनों अलग हो गए।

शबाना अपने पति जावेद अख्तर के स्मार्टनेस और इंटेलेक्चुअल दिमाग से अट्रेक्ट होने लगी। हालांकि, जावेद पहले ही हनी ईरानी से शादी कर चुके थे। हनी को तलाक देने के बाद, जावेद ने 9 दिसंबर, 1984 को शबाना से शादी कर ली।

1983 से 1985 तक शबाना को लगातार तीन साल नेशनल अवार्ड फिल्म अर्थ, खंडहर और पार के लिए मिले। एक्ट्रेस ने अपने करियर में कुल पांच बार पुरस्कार जीता है। 1988 में, शबाना को भारत सरकार द्वारा देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

Edited By

Akash sikarwar