बॉलीवुड के इन रोमांटिक फिल्मों की तरह ''सत्यप्रेम की कथा'' शायरी के माध्यम से सच्चे प्यार का स्वाद देती है

5/26/2023 5:29:04 PM

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बॉलीवुड और रोमांस का बेहद पुराना रिश्ता है जो अक्सर ही बॉक्स-ऑफिस पर सफलता दिलाता है और यही कारण है कि शुद्ध रोमांस सालों से दर्शकों का ध्यान खींचने का मूल विचार रहा है।

 

हालांकि, हाल के दिनों में, हिंदी फिल्में लीक से हटकर कुछ नया बनाने के अपने जुनून के कारण रोमांटिक फिल्मों से दूर रही हैं लेकिन, पाइपलाइन में 'सत्यप्रेम की कथा' के जरिए दर्शक निश्चित रूप से बड़े पर्दे पर रोमांस के गहन की उम्मीद कर सकते हैं, जो पिछले कुछ सालों में नहीं देखा गया है। जब भी हम फिल्मों में रोमांस की बातें करते है तो उसके साथ गाने, नृत्य और कुछ दिल को छू लेने वाली शायरी भी होती है। 'सत्यप्रेम की कथा' के टीज़र से कार्तिक आर्यन की आवाज़ में प्रेम और रोमांस पर शायरी रोमांटिक प्रेमियों को पसंद आई और सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई। आज हमने बॉलीवुड फिल्मों की रोमांटिक कविताओं की एक पंक्ति तैयार की है जिन्होंने वर्षों से हमारा ध्यान अपनी ओर खींचा है। यहां देखें !

 

 1. सत्यप्रेम की कथा 
 रिलीज का साल: 2023

 “बातें… जो कभी पूरी ना हो,
 वादे… जो अधूरे ना हो,
 हंसी… जो कभी कम ना हो,
 आंखें… जो कभी नम ना हो,
 और अगर हो, तो बस इतना जरूर हो, 
आंसू उसके हो, पर... आंखें मेरी हो।”

 

 2. जब तक है जान 
 रिलीज का साल: 2012

 “तेरी आँखों की नमकीन मस्तियां
  तेरी हंसी की बेपरवाह गुस्ताखिया
  तेरी जुल्फों की लहराती अंगड़ाइयां
  नहीं भुलूंगा मैं
  जब तक है जान...”

 

 3. ओम शांति ओम 
 रिलीज़ का वर्ष: 2007

“इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है,
कि हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की साज़िश की है।

 

 4. फना 
 रिलीज़ का वर्ष: 2006

 “हमसे दूर जाओगे कैसे,
 दिल से हमें भुलाओगे कैसे,
 हम तो खुश्बू है जो सांसो में बसते है,
 खुद की सांसो को रोकेंगे कैसे।”

 

 5. सरफरोश 
 रिलीज का साल: 1999

“फूल खिलते हैं, बहारों का समा होता है,
 ऐसे मौसम में ही तो प्यार जवां होता है,
 दिल की बातों को होटों से नहीं कहते
 ये फसाना तो निगाहों से बयान होता है।”

 

 6. हम आपके हैं कौन..! 
 रिलीज का साल: 1994

“काटे नहीं कटते लम्हे इंतजार के,
 नजरें बिछाए बैठे हैं रस्ते पर यार के,
 दिल ने कहा देखे जो जलवे हुस्न यार के,
लाया है उन्हें कौन फलक से उतार के।”

 

 7. कभी कभी 
 रिलीज का साल: 1976

“कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है,
कि जिंदगी तेरी जुल्फों की नरम छांव में गुजरने पाती तो शादाब हो भी सकती थी।
ये रंग-ओ-गम की सियाही जो दिल पर छाई है,
तेरी नज़र की शुआओं में खो भी सकती थी।
 मगर ये हो न सका और अब ये आलम है,
 कि तू नहीं, तेरा गम तेरी जुस्तजू भी नहीं...”


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Content Editor

Sonali Sinha


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