संदीप सिंह और रश्मि शर्मा ने किया फिल्म ''टीपू'' बनाने का ऐलान, ''मैसूर के राजा'' का क्रूर चेहरा होगा उजागर

5/4/2023 1:00:54 PM

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हम टीप सुल्तान को एक ऐसे  महान स्वतंत्रता सैनानी के रूप में जानते हैं जिन्होंने हिम्मत दिखाते हुए भारत को गुलाम बनाने वाले अंग्रेज़ों से लोहा लिया था। इतिहास की किताबें टीपू सुल्तान की उपलब्धियों से भरी पड़ी हैं जिसमें उन्हें एक कुशल प्रशासक और युद्ध में दुश्मनों का मुक़ाबला करने के लिए आधुनिक हथियारों का ईज़ाद करने वाले शासक के तौर पर पेश किया गया है। मगर कम ही लोग उनकी धार्मिक कट्टरता और धर्मांदता से वाकिफ़ हैं। लेकिन जाने-माने लेखक रजत सेठी द्वारा किये गये गहरे शोध के चलते ही 'मैसूर के राजा' कहलाए जाने वाले टीपू सुल्तान की सच्चाई को उजागर करना संभव हो सका है, जिसे जल्द ही बड़े पर्दे पर लाने‌ की तैयारी कर ली गई है।

फ़िल्म 'टीपू' के ऐलान के मौके पर फ़िल्म के निर्माता संदीप सिंह ने कहा, "जब मैंने टीपू सुल्तान की असलियत के बारे में पढ़ा तो मैं एकदम हैरान रह गया और उनकी कहानी ने मुझे बुरी तरह से चौंका दिया। उनसे जुड़ी सच्चाई को उजागर करती यह ऐसी फ़िल्म है जिसमें मेरा पूरा यकीन है और मैं तथ्यों पर आधारित इसी तरह की फ़िल्में बनाने में विश्वास करता आया हूं. फिर चाहे वह फ़िल्म पीएम नरेंद्र मोदी हो, स्वातंत्र्यवीर सावरकर हो, अटल या फिर बाल शिवाजी हो, मैं अपनी फ़िल्मों के ज़रिए हमेशा से सच्चाई को पेश करने की ईमानदार कोशिश करता आया हूं. मुझे लगता है कि लोग टीपू सुल्तान की क्रूर सच्चाई से वाकिफ़ थे, मगर लोगों ने इस तथ्य को पूरी तरह से उपेक्षित किया। अब मैं इसी सच्चाई को बड़े पर्दे पर पेश करने जा रहा हूं। सच कहें तो वो सुल्तान कहलाने के भी हक़दार नहीं हैं। इतिहास की किताबों में दर्ज़ किस्सों को पढ़कर मुझे भी लगा था कि वो एक महान शासक हैं, मगर ये सच नहीं है। एक बड़ा तबका भी उनके इस क्रूर चेहरे के बारे में नहीं जानता है। ऐसे मैं अपनी फ़िल्म के ज़रिए उनकी शख़्सियत के नकारात्मक पहलुओं को उजागर कर आगे की पीढ़ी को सही इतिहास से अवगत कराने की कोशिश करने जा रहा हूं।"

इस विषय में फ़िल्म के निर्देशक पवन शर्मा कहते हैं, "हमें स्कूलों में टीपू सुल्तान के बारे में जो कुछ भी पढ़ाया जाता है, वो तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से ग़लत है। एक हिंदू होने के नाते जब मुझे एक धर्मांद मुस्लिम शासक टीप सुल्तान की सच्चाई का पता चला तो मुझे गहरा धक्का लगा। मैं अपनी फ़िल्म के ज़रिए उनसे जुड़ी एक क्रूर हक़ीक़त को पेश करने जा रहा हूं। इतिहास की ऐसी परतें उधेड़ने जा रहा हूं जिसने हमें यह मानने पर मज़बूर किया कि टीपू सुल्तान एक महान योद्धा हुआ करते थे। एक मुस्लिम शासक के तौर पर उन्होंने अन्य धर्मों को मानने वाले लोगों का बड़े पैमाने पर जबरन धर्म परिवर्रन कराया, मंदिरों और चर्चों को नेस्तानाबूद करने का निंदनीय काम किया। टीपू सुल्तान का इस्लामी शासन उनके पिता हैदर अली ख़ान के शासन से भी बुरा था। टीपू सुल्तान को अपने दौर का हिटलर कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा।"

लेखक रजत सेठी ने कहा, "इतिहास ने भारत के कई‌ नायकों के साथ न्याय नहीं किया है तो वहीं इतिहास ने कई शासकों के ज़ुल्म-ओ-सितम को भी अनदेखा किया गया है। टीपू सुल्तान एक ऐसे ही शासक थे जिन्हें काफ़ी महिमांडित किया गया है और इतिहास के पन्नों में दर्ज़ इतिहास के ज़रिए उनकी क्रूरता पर पर्दा डालने का काम किया गया है। इतिहास ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, फ़िल्मों, नाटकों आदि में भी टीपू सुल्तान से जुड़े क्रूरता के इतिहास को हमेशा से उपेक्षित किया गया है। हमारी फ़िल्म ग़लत तरीके से पेश किये गये इतिहास को सुधारने की एक विनम्र कोशिश है।"

ईरॉस इंटरनेशनल, रश्मि शर्मा फ़िल्म्स और संदीप सिंह द्वारा साझा तौर पर निर्मित फ़िल्म 'टीपू' के निर्देशन की कमान पवन शर्मा संभालेंगे तो वहीं फ़िल्म संबंधित शोध और इसे विकसित करने का ज़िम्मा रजत सेठी के कंधों पर हैं। 'टीपू' को पांच भाषाओं में - हिंदी, कन्नड़, तमिल,  तेलुगू और मलयालम में रिलीज़ किया जाएगा।

 


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kahkasha


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