सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर के नाम रणदीप हुड्डा का भावुक नोट, बोले- ''खुशनसीब हूं जो उनकी राखी और प्यार मिला''

6/28/2022 11:16:38 AM

मुंबई: सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर का रविवार को हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। दलबीर कौर के निधन की खबर सुनते ही फिल्म सरबजीत में मुख्य किरदार निभाने वाले रणदीप हुड्डा उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।

वहीं अब रणदीप हुड्डा ने  उनकी याद में एक भावुक नोट भी शेयर किया है। तस्वीर में रणदीप हुड्डा दलबीर को गले लगाए हैं। दोनों कैमरे की तरफ देख मुस्कुरा रहे हैं। इस पोस्ट के साथ एक्टर ने लिखा- 'घर जरूर आना, उन्होंने आखिरी बात कही थी। मैं गया बस वह चली गई थीं। कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि दलबीर कौर जी हमें इतनी जल्दी छोड़कर चली जाएंगीं। एक फाइटर, तेज और उन सभी के प्रति समर्पित जो जिनको उन्होंने छुआ।'

एक्टर ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे लिखा-'उन्होंने अपने प्यारे भाई सरबजीत को बचाने के लिए सिर्फ एक व्यवस्था ही नहीं, एक देश, उसके लोगों और खुद के लिए लड़ाई लड़ी। मुझे उनका प्यार और आशीर्वाद मिला इसके लिए मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं और इस जीवन काल में राखी को कभी नहीं भूल सकता।आई लव यू, आई मिस यू और मैं हमेशा आपके प्यार और आशीर्वाद को संजो कर रखूंगा।'

रणदीप हुड्डा कई साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहे सरबजीत सिंह पर बनी बायोपिक में रणदीप हुड्डा सरबजीत के किरदार में नजर आए थे। इसी दौरान उनकी दलबीर कौर से बातचीत हुई। फिल्म में उनके अभिनय से प्रभावित दलबीर ने रणदीप को ही अपना भाई मान लिया था। रणदीप और दलबीर दोनों ने एक साथ एक अच्छा बंधन साझा किया था।

दोनों का भाई-बहन का यह रिश्ता इतना पवित्र था कि दलबीर ने रणदीप को मरने पर 'कंधा' देने के लिए कहा था। एक्टर ने भी दलबीर को वादा किया था कि वह उनकी इस इच्छा को जरूर पूरा करेंगे। दलबीर की मौत के बाद रणदीप अपने इस वादे को पूरा करते हुए उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस  दौरान एक्टर ने ना सिर्फ दलबीर को कंधा दिया बल्कि उन्हें मुखाग्नि भी दी। 

गौरतलब है कि साल 1990 में पंजाब के गांव भिखीविंड का सरबजीत सिंह शराब के नशे में सीमा पर करके पाकिस्तान चला गया था। इस दौरान वहां की पुलिस ने उसे पकड़कर बम धमाकों का आरोपी करार दिया था। पाकिस्तान पुलिस का कहना था कि सबरजीत भारत की जासूस है। इसके बाद इस आरोप के चलते पाकिस्तान की अदालत ने सरबजीत सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी।

भाई पर हो रहे इस अत्याचार पर उनकी बहन दलबीर कौर कानूनी लड़ाई लड़नी शुरू की। अपने भाई को रिहा कराने के लिए उन्होंने भारत सरकार से लेकर पाकिस्तान सरकार तक से गुहार लगाई। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार उन्हें जीत भी मिल गई थी। लेकिन जिस दिन सरबजीत सिंह की रिहाई होनी थी, उसी रात कुछ कैदियों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया जिसमें उनकी मौत हो गई।

Content Writer

Smita Sharma