चपरासी-ट्रक क्लीनर रहने के बाद साबुन भी बेचा, ऐसी है चंद्रमौली से रामानंद सागर बनने की कहानी

12/30/2019 1:33:57 PM

बॉलीवुड तड़का डेस्क। टीवी दुनिया के जाने-माने नाम रामानंद सागर का जन्म आज ही के दिन 29 दिसंबर 1927 को लाहौर के पास असाल गुरु के एक धनी परिवार में हुआ था। वह बचपन से ही अपने माता-पिता का प्यार नहीं पा सके, दरअसल उनकी दादी ने उन्हें गोद ले लिया था। पहले उनका नाम चंद्रमौली था, लेकिन उनकी दादी ने उनका नाम बदलकर रामानंद कर दिया। 16 साल में ही उनकी गद्य कविता को श्रीनगर के प्रताप कॉलेज में पब्लिश किया गया था। रामानंद ने शादी में दहेज लेने से इंकार कर दिया, जिसके लिए उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया।

इसी के साथ उनके जीवन में संघर्ष की शुरुआत हुई। पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें एक ट्रक क्लीनर और चपरासी के रूप में काम करना पड़ा। वह दिन में काम करते और रात में पढ़ाई करते थे। पढाई में होशियार होने की वजह से उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय (पाकिस्तान) से स्वर्ण पदक मिला और उन्हें फ़ारसी भाषा में दक्षता के लिए मुंशी फ़ज़ल की उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता करना शुरू किया और जल्द ही वह एक समाचार पत्र में समाचार संपादक के पद पर पहुंच गए। इसके साथ ही वह लिखते भी रहे। 

वह बंटवारे के समय 1947 में भारत आए थे। उस समय उनके पास संपत्ति के रूप में केवल पांच आगमन थे। अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने इंडिया के फिल्म क्षेत्र में नाम किया और 1950 में अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी सागर आर्ट्स बनाई, जिसकी पहली फिल्म 'आतिथि' थी। 1985 में उन्होंने छोटे पर्दे की दुनिया में प्रवेश किया। उनका सबसे पोपुलर सीरियल 'रामायण' रहा। जिसने लोगों के दिलों में एक आदर्श इंसान के रूप में अपनी छवि बनाई, यह सीरियल उन्हें पॉपुलैरिटी के चरम पर ले गया।

Edited By

Akash sikarwar