पद्मावती का विरोध जायज, मुसलमानों को समर्थन करना चाहिए: दरगाह दीवान

11/16/2017 8:33:23 PM

मुंबईः अजमेर दरगाह दीवान ने फिल्मकार संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के चौतरफा विरोध के सुर में सुर मिलाया है। दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा कि संजय लीला भंसाली का आचरण विवादित लेखक सलमान रुश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारिक फतह की तरह धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला है, इसलिए पद्मावती फिल्म का विरोध जायज है।

 

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादा नशीन दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग भी की। खान ने कहा कि फिल्म के विरोध में देश के मुसलमानों को राजपूतों का समर्थन करना चाहिए।


 
दरगाह दीवान ने कहा कि फिल्म का मकसद किसी समुदाय की भावना को आहत करना नहीं होता है। खान ने आज जारी बयान में कहा कि भंसाली का किरदार वैसा ही है जैसा विवादित लेखक सलमान रश्दी, तस्लीमा नसरीन और तारिक फतह का है। जिस तरह भंसाली ने इतिहास को तोड मरोड कर पद्मावती फिल्म का निर्माण किया है और देश के राजपूत समुदाय की भावनाओं को आहत किया है, उसी तरह अभिव्यक्ति की आजादी का सहारा लेकर रश्दी और तस्लीमा ने इस्लाम धर्म के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करके मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड करने की कोशिश की है।


 
उन्होंने कहा कि पद्मावती फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के प्रस्तुत किए गए कथित चित्रण से राजपूत समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है।