परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए ढाबें में काम करते थे ओमपुरी

10/18/2019 2:10:58 AM

मुंबईः बॉलीवुड जगत में दमदार एक्टिंग के बादशाह ओमपुरी ने लगभग 3 दशक से दर्शको को अपना दीवाना बनाया, लेकिन कम लोगो को पता होगा कि वह एक्टर नही बल्कि रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे। 

आज उनके जन्मदिन पर आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें। हरियाणा के अंबाला में 18 अक्टूबर 1950 को जन्में ओम पुरी का बचपन काफी कष्टो में बीता। परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिये उन्हें एक ढाबें में नौकरी तक करनी पड़ी थी। लेकिन कुछ दिनां बाद ढाबे के मालिक ने उन्हें चोरी का आरोप लगाकर हटा दिया। 

बचपन में ओमपुरी जिस मकान में रहते थे उससे पीछे एक रेलेवे याडर् था। रात के समय ओमपुरी अक्सर घर से भागकर रेलवे याडर् में जाकर किसी ट्रेन में सोने चले जाते थे। उन दिनों उन्हें ट्रेन से काफी लगाव था और वह सोंचा करते कि बड़े होने पर वह रेलवे ड्राइवर बनेंगे। कुछ समय के बाद ओमपुरी अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला चले आये जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इस दौरान उनका रूझान एक्टिंग की ओर हो गया और वह नाटकों में हिस्सा लेने लगे। 

इसके बाद ओम पुरी ने खालसा कॉलेज में दाखिला ले लिया। इस दौरान ओमपुरी एक वकील के यहां बतौर मुंशी काम करने लगे। इस बीच एक बार नाटक में हिस्सा लेने के कारण वह वकील के यहां काम पर नही गए। बाद में वकील ने नाराज होकर उन्हें नौकरी से हटा दिया। जब इस बात का पता कॉलेज के मास्टर को चला तो उन्होंने ओमपुरी को कैमिस्ट्री लैब में सहायक की नौकरी दे दी। इस दौरान ओमपुरी कॉलेज में हो रहे नाटकों में हिस्सा लेते रहे। यहां उनकी मुलाकात हरपाल और नीना तिवाना से हुई जिनके सहयोग से वह पंजाब कला मंच नामक नाट्य संस्था से जुड़ गए। 

लगभग 3 साल तक पंजाब कला मंच से जुड़े रहने के बाद ओमपुरी ने दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाखिला ले लिया। इसके बाद अभिनेता बनने का सपना लेकर उन्होंने पुणे फिल्म संस्थान में दाखिला ले लिया। वर्ष 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने लगभग डेढ़ वर्ष तक एक स्टूडियो में अभिनय की शिक्षा भी दी। बाद में ओमपुरी ने अपने निजी थिएटर ग्रुप ‘मजमा' की स्थापना की। ओमपुरी ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1976 में रिलीज हुआ फिल्म ‘घासीराम कोतवाल' से की। 

Pawan Insha