''KGF2 '', ''पुष्पा'',''स्पाइडरमैन: नो वे होम'' की कमाई पर ना जाएं बॉलीवुड जैसा ही है साउथ और हॉलीवुड का हाल, बुरी तरह पिट रही हैं फिल्में

7/31/2022 1:01:18 PM

मुंबई: कोविड के दौरान करीब डेढ़ साल सिनेमा बंद रहने के दौरान फिल्म इंडस्ट्री ने काफी बुरा दौर देखा हालांकि उसके बाद जब बीते साल दिवाली पर सिनेमाघर खुले तो अक्षय कुमार की फिल्म 'सूर्यवंशी' ने अच्छी कमाई करके उम्मीद जगाई कि सिनेमा में दर्शक लौट आए हैं। लेकिन फिर कोरोना की तीसरी लहर के चलते सिनेमा दोबारा बंद हो गए। रणवीर सिंह की फिल्म '83' भी इसी लहर की भेंट चढ़ गई।

इस साल फरवरी में एक बार फिर सिनेमा खुलने से लेकर अब तक हिंदी सिनेमा में सिर्फ 'द कश्मीर फाइल्स', 'भूल भुलैया 2' और 'गंगूबाई काठियावाड़ी' तीन ही फिल्में 100 करोड़ क्लब में पहुंच पाई हैं जबकि बाकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाईं।  साउथ और हाॅलीवुड की फिल्में रिलीज होने के बाद हिंदी बॉक्स ऑफिस पर बेलगाम दौड़ती नजर आ रही हैं।

इस साल हॉलीवुड की 'स्पाइडरमैन: नो वे होम' और साउथ की 'पुष्पा', 'आरआरआर' और 'केजीएफ 2' जैसी फिल्में चलीं तो शोर हो गया कि फैंस बस इन दो इंडस्ट्री की  फिल्में पसंद कर रहे हैं। हालांकि सच्चाई ये है कि लोगों को सिर्फ अच्छी स्क्रिप्ट वाली फिल्में पसंद आ रही हैं। अगर स्क्रिप्ट कमजोर हो तो वे साउथ और हॉलीवुड फिल्मों को भी सिरे से नकार रहे हैं। चंद हिट फिल्में देखकर ये कयास लगाना सही नहीं है कि सिर्फ बॉलीवुड खराब कॉन्टेंट की वजह से पिट रहा है क्योंकि असली कहानी इससे अलग है।

 

लंबी है बाॅलीवुड फ्लॉप फिल्मों की लिस्ट

पिछले हफ्ते रिलीज हुई 150 करोड़ की लागत में बनी फिल्म 'शमशेरा' के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने से लगातार पिट रहीं फिल्मों की लिस्ट में शामिल हो गई। इससे पहले यशराज फिल्म्स की ही बड़े बजट वाली अक्षय कुमार स्टारर फिल्म 'पृथ्वीराज' को भी दर्शकों ने पसंद नहीं किया। वहीं कंगना रनौत की फिल्म धाकड़ महज ढाई करोड़ कलेक्शन में सिमट गई।

 

बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरे A स्टार्स 

रणवीर सिंह जैसे बड़े स्टार की फिल्म' जयेशभाई जोरदार' को दर्शकों ने पहले दिन ही रिजेक्ट कर दिया और फिल्म के कई शोज कैंसल हो गए। वहीं ईद पर रिलीज हुई अजय देवगन की 'रनवे 34' और टाइगर श्रॉफ की 'हीरोपंती' को भी दर्शक पहले दिन ही नहीं देखने पहुंचे। इतना ही नहींहोली पर रिलीज हुई अक्षय कुमार की 'बच्चन पांडे' सुपर फ्लॉप रही थी। जॉन अब्राहम की 'अटैक' का तो और भी बुरा हाल रहा। फिल्म इंडस्ट्री के जानकार लगातार फिल्में फ्लाॅप होने की वजह अलग-अलग बताते हैं। 


तेलुगू फिल्मों भी है बुरा हाल

ऐसा नहीं है कि सिर्फ बॉलीवुड की फिल्में ही बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं। कमजोर स्क्रिप्ट वाली फिल्मों के चलते तेलुगू सिनेमा की भी हालत बहुत अच्छी नहीं है। रामचरण और जूनियर एनटीआर की 'आरआरआर' और महेश बाबू की 'सरकारू वारी पाट्टा' जैसी चुनिंदा फिल्मों छोड़ स साल तेलुगू सिनेमा की हालत भी खराब है। हाल ही में नागा चैतन्य की फिल्म 'थैंक्यू' रिलीज हुई लेकिन उसे लोगों ने खास पसंद नहीं किया। वहीं नागार्जुन की फिल्म 'ऑफिसर' भी फ्लाॅप हुई।  

 

इससे पहले साई पल्लवी और राना दागुबाटी की 'विराटा परवम' को भी दर्शकों ने पसंद नहीं किया। इस साल की शुरुआत में रवि तेजा की 'खिलाड़ी' तो प्रभास की 'राधे श्याम का हाल खराब रहा। चिरंजीवी की 'आचार्य' बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही। 


हॉलीवुड का भी अच्छा नहीं हाल

ट्रेड गलियारों में कहा जाता है कि हॉलीवुड की फिल्में भारतीय बॉक्स ऑफिस पर हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती हैं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है कि हॉलीवुड की सारी ही फिल्में कमाल कर रही हैं। बीते साल हॉलिवुड की फिल्म 'स्पाइडरमैन नो वे होम' ने बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। उसके बाद मार्वल स्टूडियोज की फिल्म 'डॉक्टर स्ट्रेंज 2' के हिंदी डब वर्जन ने 100 करोड़ क्लब में एंट्री की हालांकि इंडस्ट्री के जानकारों को इस फिल्म से और ज्यादा कमाई की उम्मीद थी।

वहीं मार्वल की ही अगली फिल्म 'थॉर लव एंड थंडर' यह कमाल करने में चूक गई। फिल्म 100 करोड़ क्लब में भी एंट्री नहीं कर पाई। जबकि इससे भी मोटी कमाई की उम्मीद थी। इससे पहले टॉम क्रूज की 'टॉप गन मेवरिक' 50 करोड़ भी नहीं कमा पाई। जबकि 'बैटमैन' और 'जुरासिक वर्ल्ड डोमिनियन' जैसी पॉपुलर हॉलीवुड फ्रेंचाइजी फिल्में भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं।


हिन्दी फिल्में फ्लॉप होने की वजह

1. कोरोना के दौरान हिंदी सिनेमा के दर्शकों ने ओटीटी और यूट्यूब पर दुनियाभर का सिनेमा देख लिया, जिसके चलते उनका मैच्योरिटी लेवल काफी बढ़ गया है।

2. लोग बॉलीवुड की फिल्मों की तुलना दुनियाभर के क्लासिक सिनेमा से करने लगे हैं इसलिए आजकल फिल्में पहले ही दिन दर्शकों के लिए तरस रही हैं।

3. आजकल लोग बड़े स्टार्स को देखने नहीं जाते बल्कि अगर स्क्रिप्ट में दम है तो वे छोटे या बिना स्टार वाली फिल्म भी देखने को तैयार हैं।


 

Content Writer

Smita Sharma