स्टार प्लस के ''फालतू'' की चौंकाने वाली कहानी को नेटिजन्स ने रखी ''वॉइस ऑफ चेन्ज'' बनाने की मांग
10/11/2022 3:43:19 PM

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जब हम एकजुटता के साथ खड़े होते हैं और आज के समाज में असमानताओं का सामना करने वाली बच्चियों के लिए अपनी आवाज उठाते हैं, तो हम कहते हैं कि "हमारा समय अभी है-हमारे अधिकार, हमारा भविष्य", इस समय की थीम है। ऐसे में एक और लड़की की कहानी जिसे बड़े होने के दौरान नजरअंदाज कर दिया गया था, आज सोशल मीडिया पर छाई हुई है। निराशा नाम की एक लड़की, जिसका मतलब ही 'निराशा' होता है, एक ऐसी कहानी बताने के लिए आगे आई जो निश्चित रूप से आपका दिल तोड़ देगी।
It's saddening to se how in some places of India,such practices r still exercised.On this #InternationalDayofGirlChild, watching this video of Nirasha saddens my heart.Can we not stop naming our girl child after dismay & disappointment. pic.twitter.com/gHMpSt4F1X
— Noush (@Noush_chaudhary) October 11, 2022
The story of Nirasha has disturbed the core. It's hard to believe that to date, girls are named way in Indian households. I wonder what this girl must through her childhood. It gutz come forward with your story. As today #WorldGirlChildDay, let's raise our voices for them. pic.twitter.com/JF3O0bD58H
— Shweta Hasan (@Shweta_987) October 11, 2022
जब निराशा का जन्म हुआ, तो उसका परिवार निराश था और वह लड़की नहीं चाहता था और इसलिए उन्होंने उसका ये नाम रखा। उसे उसके पूरे बचपन और अडल्ट जीवन में अपने नाम की वजह से तंग किया गया। और अब वह इस छोटे से वीडियो के जरिए अपनी कहानी बताने के लिए आगे आईं है। 'निराशा' महाराष्ट्र के एक गांव की रहने वाली है और फिलहाल मुंबई में रहती हैं। उसकी जीवन कहानी परेशान करने वाली और चिंताजनक है और कुछ ऐसा है जो भारत में बहुत होता है।
The story of Nirasha is so similar to the story of StatPlus’s FaltuIt great to see how the shows that are produced today are more realistic than ever. She was named because her parents were not happy to see her being born. Same is with Faltu. On this ##InternationalDayofGirlChild pic.twitter.com/54R4Y7og6N
— intijar (@intijaar163) October 11, 2022
This is Nirasha and she reflects the stories of several unwanted girlchild in India. Her story breaks my heart! Sadly, this is today's reality and many such girls are named with such harsh meanings to their names. This story reminds me of StarPlus #InternationalDayofGirlChild pic.twitter.com/BIG1wiVr99
— Raju Bhai (@jaydevsingh121) October 11, 2022
अफसोस की बात है कि आज भी भारत में कई लड़कियों की यही सच्चाई है। उनके अस्तित्व के अधिकार उस दिन से छीन लिए जाते हैं जिस दिन वे पैदा होती हैं और उनके साथ बुरा सलूक किया जाता है कि वे कौन हैं। इस वर्ल्ड गर्ल चाइल्ड डे पर हमें प्रतिज्ञा लेने और यह मानने की जरूरत है कि निराशा जैसी कहानियों का अंत होना चाहिए। यह महसूस करना जरूरी है कि लड़कियों में क्या क्षमता है और वे अपने साथ कितना अच्छा भविष्य ला सकती हैं। संयोग से, हमने आने वाले टीवी शो 'फालतू' में एक ऐसी ही कहानी देखी है, जहां बालिकाओं की नजरअंदाज किया गया है। फालतू राजस्थान की एक लड़की की कहानी है जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है ताकि उसके साथ समान व्यवहार किया जाए। दुनिया के सामने खुद को साबित करने और अपने सपने का पीछा करते हुए फालतू हर उस लड़की का प्रतिनिधित्व करती है जिसे छोटा महसूस कराया गया है। दुनिया भर में 'निराशा' और 'फालतू' जैसी उत्पीड़ित लड़कियों के अधिकारों को एक आवाज की जरूरत है। तो इस वर्ल्ड गर्ल चाइल्ड डे पर हम लोगों को वॉइस ऑफ चेन्ज बनने और उन्हें सशक्त बनाने की प्रर्थना करते है।
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