नसीरुद्दीन शाह ने नाजी जर्मनी से की सरकार की तुलना, बोले- बनवाई जाती हैं प्रोपेगेंडा फिल्में

9/14/2021 8:44:47 AM

मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह इंडस्ट्री के उन स्टार्स में हैं जो जो किसी भी मुद्दे पर अपनी बेबाक राय शेयर करने से पीछे नहीं हटते। कई बार उनके बयानों को लेकर विवाद भी हो जाता है हालांकि नसीरुद्दीन शाह बिना किसी परवाह किए सामाजिक राजनीतिक और फिल्मों से जुड़े गंभीर मुद्दे पर राय देते हैं। 
हाल ही में उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री इस्लामोफिबिया से ग्रसित है। सबसे बड़ी बात कि सरकार की ओर से फिल्ममेकर्स को ऐसा सिनेमा तैयार करने के लिए प्रोत्साहन भी मिल रहा है।

इंडस्ट्री में हुए भेदभाव के सवाल पर नसीरुद्दीन शाह ने कहा-'मैं नहीं जानता कि फिल्म इंडस्ट्री में मुस्लिम समुदाय के साथ कोई भेदभाव किया जा रहा है या नहीं। मैं मानता हूं कि हमारा योगदान अहम है। इस इंडस्ट्री में पैसा ही भगवान है। जितना पैसा आपके पास है उतनी ही इज्जत आपको मिलेगी। तीनों खान अभी भी टॉप पर हैं। हां करियर के शुरुआत में मुझे नाम बदलने की सलाह दी गई थी।'

उन्होंने आगे कहा-'फिल्म इंडस्ट्री को अब सरकार की ओर से उनके विचार के समर्थन वाली फिल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार के प्रयासों की सराहना करने वाली फिल्में बनवाई जाती हैं। उन्हें फंडिंग की जाती है और क्लीन चिट का भी वादा होता है, यदि वे प्रोपेगेंडा फिल्में बनाते हैं। ऐसे काम की तुलना नाजी जर्मनी से करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि वहां भी ऐसा ही होता था। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि नाजी जर्मनी के दौर में दुनिया को समझने वाले फिल्मकारों को घेरा गया है और उनसे कहा गया कि वे ऐसी फिल्में बनाएं, जो नाजी विचारधारा का प्रचार करती हों। उन्होंने कहा कि मेरे पास इसके पक्के सबूत नहीं हैं, लेकिन जिस तरह की बड़े बजट वाली फिल्में आ रही हैं, उससे यह बात साफ है।'

अपनी बात जारी रखते हुए नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान और भारतीय मुस्लिम को लेकर दिए बयान पर सफाई देते हुए कहा-'मेरे तालिबान को लेकर भारत ही नहीं दुनिया में मुस्लिमों के एक वर्ग द्वारा समर्थन दिए जाने या कथित तौर पर खुशी जताए जाने के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था। मैं उन लोगों को लेकर बोल रहा था जिन्होंने ओपनली तालिबान के सपोर्ट में स्टेटमेंट दिए थे। तालिबान की हिस्ट्री काफी खराब रही है। मुस्लिम नेता या छात्र जब कोई आम बयान भी देते हैं तो उनका खूब विरोध किया जाता है लेकिन जब मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसक बयान दिए जाते हैं तब कोई कुछ नहीं कहता। एक बार मुझे तो बॉम्बे से कोलंबो और कोलंबो से कराची तक की टिकट भेज दी गई थी।'

काम की बात करें तो नसीरुद्दीन Mee Raqsam में नजर आए थे जो जी 5 पर साल 2020 में रिलीज हुई थी। इसके अलावा वह पिछले साल ही बंदिश बैंडिट्स में नजर आए थे। 

Content Writer

Smita Sharma