मुंबई पुलिस का बॉम्बे हाई कोर्ट में सनसीखेज दावा- सुशांत की मानसिक हालत बहनों के दवा देने से बिगड़ी

11/3/2020 4:16:55 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन को पांच महीने पूरे होने को हैं, लेकिन अभी भी ये मामला सुलझ नहीं पाया है। सीबीआई लगातार मामले की जांच कर रही है। अब हाल ही में मुंबई पुलिस ने इस केस को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में सनसनीख़ेज दावा पेश किया है। जिसके मुताबिक सुशांत की मानसिक हालत उनकी बहनों द्वारा दी गई दवा की वजह से बिगड़ी थी। 


हाईकोर्ट में मुंबई पुलिस ने बताया है कि सुशांत की मानसिक हालत शायद बिना किसी जांच के बहनों द्वारा दी गई दवा से बिगड़ी है। मुंबई पुलिस ने ये आशंका जताई है कि शायद बहनों की ओर से दी गईं दवाओं के बाद ही उनकी मानसिक हालत बिगड़ी है। 


दरअसल, मुंबई पुलिस ने अदालत में सोमवार को एक शपथ पत्र दायर किया, जिसमें सुशांत की बहनों प्रियंका सिंह और मीतू सिंह की याचिका खारिज करने का अनुरोध किया गया है। सुशांत की बहनों ने कथित धोखाधड़ी और अपने भाई के लिए दवाइयों का फर्जी पर्चा बनाने को लेकर दर्ज याचिका खारिज करने का अनुरोध किया है। बांद्रा पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से शिकायत मिलने के बाद यहां सितंबर में दोनों बहनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

 

बांद्रा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर निखिल काप्से की ओर से फाइल किये गये एफिडेविट में इन आरोपों से इंकार किया गया है, जिनमें याचिकाकर्ताओं और मृत व्यक्ति की छवि को ठेस पहुंचाने का दावा किया गया है। 

 

मुंबई पुलिस के एफिडेविट में यह भी दावा किया गया कि सुशांत की बहनों ने दिल्ली के एक डॉक्टर की मदद से सुशांत को एक फर्ज़ी प्रेस्क्रिप्शन भेजा था, जिसमें एंज़ाइटी के लिए दवाओं को प्रस्तावित किया गया था। इसकी वजह से बिना डॉक्टर की जांच के सुशांत ने साइकोट्रॉपिक पदार्थ लिए होंगे, जो सुशांत की आत्महत्या का कारण बना।
मुंबई पुलिस ने सीबीआई का भी विरोध किया कि उसे उसी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करनी चाहिए, जिसकी जांच केंद्रीय एजेंसी पहले से ही कर रही है। हलफनामे में कहा गया कि मृत व्यक्ति के पिता द्वारा बिहार में दर्ज़ एफआईआर की जांच सीबीआई कर रही है, जबकि मुंबई पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज़ की है, वो सुशांत की बहनों प्रियंका और मीतू और डॉक्टर तरूण कुमार के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की है। अब यह सीबीआई के ज़िम्मे है कि वो दोनों एफआईआर की जांच करके उपयुक्त रिपोर्ट फाइल करे। जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेंगे। 

suman prajapati