मुश्किलों में पायल रोहतगी:अंधेरी कोर्ट ने दिए एक्ट्रेस के खिलाफ जांच का आदेश, जामिया स्टूडेंट और मुस्लमानों पर किए थे आपत्तिजनक ट्वीट
4/7/2021 10:26:12 AM

मुंबई: 'बिग बाॅस' फेम पायल रोहतगी एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। पायरल अपने आपत्तिजनक ट्वीट्स के जरिए मुश्किलों में फंस गई हैं। मुंबई स्थित अंधेरी की मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने जामिया मिल्लिया इसलामिया की छात्रा सफूरा जरगर के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में पायल रोहतगी के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में 30 अप्रैल तक रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिए है।
क्या है मामला
जून 2020 में जामिया से एम.फिल. कर चुकीं सफूरा जरगर दिल्ली दंगों के मामले में जेल में थीं और उस दौरान वह गर्भवती भी थीं। रोहतगी ने अपने ट्वीट में सफूरा के धर्म को निशाना बनाया था।
पायल ले ट्वीट्स में लिखा था- 'क्या मेडिकल शॉप कंडोम उपलब्ध नहीं करवा रही थी? ऊप्स, मुस्लिम महिलाओं के लिए तो कंडोम का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है। जब वो दर्जनों बच्चे पैदा करते हैं, तो क्या फर्क पड़ता है कि उन में से एक जेल में पैदा हो?'अपने एक और ट्वीट में लिखा था-'तुम जैसे लोग फेसबुक पर याकूब मेनन जैसे आतंकवादियों के लिए जश्न मनाते हो।' इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में पायल की खूब आलोचना हुई थी। यही नहीं ट्विटर ने उनका अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया था।
पायल के ट्वीट के खिलाफ मुंबई के एडवोकेट अली काशिफ खान देशमुख ने मुंबई की अंबोली पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने जब इस मामले का संज्ञान नहीं लिया था। जिसके बाद दिसंबर 2020 में उन्होंने अंधेरी कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की जांच करवाने और FIR दर्ज करने की मांग की थी। जाफर की याचिका में कहा गया था कि पायल के ट्वीट से समाज में घृणा फैलती है। उन्होंने आरोप लगाया था कि रोहतगी के ट्वीट्स मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करते हैं।
वहीं इस मामले की सुनवाई के दौरान मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि अदालत ने पाया है कि पायल रोहतगी के ट्वीट मुस्लिम महिलाओं और इस पूरे समुदाय का अपमान करते हैं। मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट भगवत जिरापे ने अपने आदेश में कहा- हर शख्स को अपने धर्म के प्रति आस्था रखने का अधिकार है और किसी को भी यह हक नहीं है कि वह किसी दूसरे समुदाय के रीति-रिवाजों या नियमों का मजाक उड़ाए।' अदालत ने आगे कहा कि पायल रोहतगी के ट्वीट्स को लेकर तकनीकी जांच किए जाने की आवश्यकता है, जिससे अभियुक्त के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाई जा सके और इस तरह की जांच पुलिस के द्वारा ही की जा सकती है।
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